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फ़ीचर्स

मुंबई इंडियंस के कठिन सीज़न का चमकता सितारा बनकर उभरे तिलक वर्मा

इस 19 वर्षीय बल्लेबाज़ के सफ़र की कहानी उनके कोचों की ज़ुबानी

Tilak Varma was the lone bright spark in the Mumbai innings, Chennai Super Kings vs Mumbai Indians, IPL 2022, DY Patil, Navi Mumbai, April 21, 2022

नौ मैचों में 307 रन बनाकर तिलक वर्मा इस सीज़न में मुंबई इंडियंस के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ बनकर उभरे हैं  •  BCCI

19 वर्ष की आयु में तिलक वर्मा आईपीएल का नया सितारा बन चुके हैं। वह केवल पांच साल के थे जब इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी और इसके प्रति उनका प्रेम और गहरा हुआ जब उनकी घरेलू टीम डेक्कन चार्जर्स अगले साल 2009 में चैंपियन बनी। इलेक्ट्रीशियन पिता और गृहिणी मां के बेटे तिलक के लिए 1 करोड़ 70 लाख रुपये का आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट सपनों के सच होने सरीखा था।
तिलक अपने परिवार के लिए एक अच्छा घर बनाना चाहते हैं। हालांकि उनके सबसे पहले कोच सलाम बायश उन्हें एक ही बात याद दिलाते हैं, "सीखते रहो, बेहतर बनते रहो और किसी भी चीज़ को हल्के में मत लो।"
तिलक एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता नागराजू आर्थिक कारणों से क्रिकेट कोचिंग के लिए उन्हें अकादमी में नहीं भेज सकते थे। अगर बायश (जिन्हें नागराजू अपने बेटे के द्रोणाचार्य होने का दर्जा देते हैं) ने तिलक की फ़ीस और उनके खेल की ज़रूरतों का ध्यान रखने पर ज़ोर नहीं दिया होता तो शायद यह सितारा रात के अंधेरे में कहीं खो जाता।
हफ़्ते में छह दिन तिलक कोचिंग के लिए बयाश के स्कूटर के पीछे बैठकर हैदराबाद के चंद्रायनगुट्टा में स्थित अपने घर से लिंगमपल्ली उपनगर तक लगभग 80 किलोमीटर की यात्रा करते थे। बयाश कुछ सालों से अपनी अकादमी चला रहे थे जब पहली बार उनकी नज़र तिलक पर पड़ी। तिलक की बल्लेबाज़ी में जो पंच था वह कोच साहब को भा गया।
बायश ने कहा, "जब बच्चे टेनिस गेंद के साथ खेलते हैं तो वह आड़े बल्ले से स्लॉग ज़्यादा करते हैं। यह लड़का सारे क्रिकेटिंग शॉट खेल रहा था। मैंने उससे पूछा कि क्या तुम कोचिंग लेते हो तो उसने जबाव दिया कि हमारे घर पर आर्थिक तंगी है। अपने परिवार की मुश्किलों को समझने की उनकी परिपक्वता मेरे लिए चौंकाने वाली थी। इसने मुझे उसके माता-पिता से बात करने के लिए राज़ी किया। आज, वे उसे [कोचिंग के लिए] भेजने के फ़ैसले से बहुत ख़ुश हैं।"
सुनील गावस्कर और मैथ्यू हेडन जैसे पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ों ने तिलक के स्वभाव और उनकी बल्लेबाज़ी की लय की प्रशंसा की है। राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध उन्होंने फ़ॉर्म में चल रहे आर अश्विन की गेंद को रिवर्स स्वीप करते हुए मैदान से बाहर भेजा था। हालांकि अगली गेंद पर साधारण स्वीप लगाने के प्रयास में वह आउट हुए थे।
मुंबई इंडियंस के स्काउट्स ने उन्हें पिछले नवंबर में सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में कई बार देखा था और वे इस बात से प्रभावित थे कि तिलक ने अपने कप्तान तन्मय अग्रवाल के साथ दिल्ली के ख़िलाफ़ 171 रनों का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए किस प्रकार बल्लेबाज़ी की।
क्वार्टर फ़ाइनल में गुजरात के ख़िलाफ़ तिलक ने 50 गेंदों में 75 रन की पारी में पांच चौके और दो छक्के लगाए और टीम को जीत दिलाई। मुंबई इंडियंस ने तब उनके प्रदर्शन पर नज़र रखने का फ़ैसला किया और नीलामी से पहले उन्हें ट्रायल के लिए भी बुलाया। इसके अलावा उन्होंने तीन और टीमों के ट्रायल दिए थे।
हैदराबाद के प्रमुख कोच मिलाप मेवाड़ा ने बताया, "नीलामी से पहले स्काउट्स हमेशा कोचों से किसी भी खिलाड़ी के बारे में कुछ जानना चाहते हैं। उन्होंने (मुंबई इंडियंस के स्काउट्स) मुझसे तिलक के बारे में पूछा। मैंने उन्हें बताया कि वह एक परिपक्व बच्चा है जो लंबे छक्के मारने में माहिर हैं। इसके अलावा वह एक छोर को संभालकर पारी को आगे बढ़ाने में सक्षम है। वह बड़ी आसानी से गेंद को दूसरे माले पर भेज सकता है। जब गेंद उसके बल्ले पर लगती है, आप अनुमान लगा सकते हैं कि वह मैदान से बाहर जाएगी या नहीं।"
घरेलू सीज़न के दौरान मेवाड़ा और तिलक ने एक ही तरह की गेंद पर अलग-अलग शॉट लगाने पर काम किया। साथ ही मेवाड़ा ने उन्हें सुझाव दिया कि उनके वर्तमान खेल के आधार पर उनके लिए बेहतर होगा कि वह सलामी बल्लेबाज़ी की बजाय चौथे नंबर पर खेलें। मेवाड़ा ने कहा, "उसने मेरी बात को स्वीकार किया। उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि मुंबई उसे ख़रीदेगी और वह पांचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करेगी। अंत में सब कुछ अच्छा हो गया।"
बायश ने अपने कौशल में सुधार के प्रति तिलक के समर्पण को याद किया। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में उनके एक दोस्त ने 2014 में तिलक को बॉल बॉय ड्यूटी पर रखने की व्यवस्था की थी। बयाश ने बताया, "अगले दिन, तिलक ने आकर मुझसे कहा, 'मैं सुरेश रैना की तरह बल्लेबाज़ी करना चाहता हूं। (मुझे) वो ऊपरी वाला शॉट खेलना है।'"
उन्होंने आगे कहा, "वह कवर के ऊपर से शॉट लगाने का अभ्यास करता रहा। उसके पिता ने मुझे बताया कि कैसे अगले दिन वह सुबह चार बजे उठा और रैना वाले शॉट का अभ्यास कर रहा था। अगर वह किसी चीज़ पर अपनी नज़र रखता है, तो वह सुनिश्चित करेगा कि वह उसमें पारंगत हो जाए और फिर अगली चीज़ की ओर आगे बढ़ें।"
इतनी छोटी उम्र में तिलक हैदराबाद टीम का अहम हिस्सा बन चुके हैं। पांच बार की विजेता मुंबई इंडियंस का हिस्सा बनना यहां से उनके करियर को तेज़ी प्रदान करेगा।
बयाश और मेवाड़ा आईपीएल के दौरान तिलक से बातचीत करते रहते हैं और उन्होंने तिलक को दबाव लिए बिना अपने खेल का आनंद लेने की सलाह ही हैं। कप्तान रोहित शर्मा ने भी इसी बात को दोहराया। मुंबई इंडियंस की वेबसाइट पर जारी किए गए साक्षात्कार में तिलक ने कहा, "रोहित भाई मुझे कहते रहते हैं कि मैं किसी भी प्रकार का दबाव ना लूं। उन्होंने मुझे कहा कि मैं एक युवा खिलाड़ी हूं और यह मेरे मज़े करने के दिन है। यह दिन वापस नहीं आएंगे। रोहित भैय्या हमेशा मेरा समर्थन करते हैं फिर चाहे वह बल्लेबाज़ी हो, गेंदबाज़ी हो या फ़ील्डिंग।"
तिलक ने आगे कहा, "मुंबई इस समय ख़राब दौर से गुज़र रही है। हम अच्छा खेल रहे हैं लेकिन कुछ कमी रह जा रही है। इस स्थिति में वह मुझे आनंद लेने की बात करते हैं जो मुझे काफ़ी अच्छी लगती है। यह बात हमेशा मेरे दिमाग़ में रहती है और इससे मुझे फ़ायदा पहुंच रहा है।"
वर्मा के आसपास के लोग उन्हें एक "ख़ुश बच्चे" के रूप में वर्णित करते हैं, जो मैदान पर नहीं होने पर दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। "जब वह मैदान पर होता है, तो वह हमेशा योगदान करने के तरीक़ों के बारे में सोचता है," बायश कहते हैं। मेवाड़ा के अनुसार तिलक बल्लेबाज़ी और कभी-कभी फ़ील्डिंग के दौरान काफ़ी गंभीर रहते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें तिलक को याद दिलाना पड़ता है कि वह शांत हो जाए।
मेवाड़ा ने आगे कहा, "एक व्यक्ति के रूप में वह विनम्र और ज़मीन से जुड़ा है। उसमें सीखने की जिज्ञासा है। वह मज़ाक़ करता रहेगा, सीनियर्स और जूनियर्स के साथ अच्छी तरह से घुलमिल जाएगा। वे सभी उसके शौकीन हैं और सीनियर्स उसकी नकल करते हैं। वह मूल रूप से सभी का दोस्त है। टीम में दो खिलाड़ी हमेशा ऐसे ही होते हैं : तिलक और मोहम्मद सिराज। अगर तिलक ऐसे ही रहता है, तो अद्भुत चीज़े करने से उसे कोई रोक नहीं सकता।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।