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एक संपूर्ण बल्लेबाज़ बनने के क़रीब यशस्वी जायसवाल

अपनी कमज़ोरी को पार पाते हुए जायसवाल ने पावरप्ले के बाद भी अपना जलवा बिखेरा

यशस्वी जायसवाल जब बल्लेबाज़ी के लिए आते हैं, तो वह अपने समय से पीछे के बल्लेबाज़ लगते हैं। कारण उनके पैड हैं, जो उनके शरीर से अधिक बड़े लगते हैं। हेल्मेट के अंदर वह शिवनारायण चंद्रपॉल की याद दिलाते हैं। जब वह आईपीएल में खेलते हैं तो कई बार लगता है कि वह ग़लत फ़ॉर्मेट में खेल रहे हैं। उन्हें पावरप्ले विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है, जिनके पास उतनी पावर नहीं है कि फ़ील्ड खुलने के बाद भी आसानी से शॉट लगा सके।
राजस्थान रॉयल्स के लिए पहले तीन साल में उनका एकमात्र काम पावरप्ले में तेज़ गति से रन बनाना था। इस साल के पहले 23 आईपीएल मैचों के दौरान उन्होंने पावरप्ले के बाद सिर्फ़ 134 गेंदें खेली थीं। इस साल वह अभी ही पावरप्ले से बाहर 70 गेंदें खेल चुके हैं, जबकि अभी राजस्थान के सिर्फ़ सात मैच हुए हैं। हालांकि पावरप्ले के दौरान उनका स्ट्राइक रेट 157 है, जो पावरप्ले के बाद 116 हो जाता है।
जायसवाल ने आईपीएल में सात अर्धशतक लगाए हैं, जिसमें चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ गुरुवार शाम खेली गई 77 रनों की पारी सर्वश्रेष्ठ है। वह कभी डेथ ओवर तक नहीं टिकते। पावरप्ले के बाद भी वह तेज़ी से रन बनाने को देखते हैं ना कि सिंगल-डबल खेल अपनी पारी को बड़ा करें और डेथ तक जाएं।
जायसवाल ने इस साल के आईपीएल में पहले ओवर में सबसे अधिक बाउंड्री लगाए हैं। 2021 से वह पहले ओवर में बाउंड्री लगाने वाले दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज़ हैं। उनकी शुरुआत कभी भी ख़राब नहीं रही लेकिन उनके लिए चुनौती है कि वह पावरप्ले के बाहर कैसे उसी क्षमता के साथ खेले, जैसा कि वह पावरप्ले में खेलते हैं? चेन्नई के ख़िलाफ़ मैच में पावरप्ले के बाद पहले ओवर में ही जायसवाल ने रिवर्स स्वीप लगाया, जो कि आईपीएल में उनका सिर्फ़ सातवां रिवर्स स्वीप था। इंटेंट साफ़ था, गेंद बल्ले के बीच में आई और रवींद्र जाडेजा की गति का उपयोग करते हुए प्वाइंट के ऊपर से छक्के के लिए गई। मोईन अली, जाडेजा से थोड़ी धीमी गति से गेंदबाज़ी करते हैं तो जायसवाल ने उन पर आगे निकलकर ख़ुद गति पैदा की और उन्हें एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से मारा।
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के शो टी20 टाइमआउट में दीप दासगुप्ता ने बताया कि जायसवाल गेंद को खेलने से पहले बहुत हलचल करते हैं। पावरप्ले में यह तो फ़ायदेमंद है, लेकिन पावरप्ले से बाहर उन्होंने अपनी पैरों और शरीर की हलचल को कम कर फ़ायदा पाया है। वहीं टॉम मूडी का मानना है कि जायसवाल एक विलक्षण प्रतिभा हैं, जो पीढ़ियों में एक बार आते हैं। जायसवाल ने इस मैच में पावरप्ले के बाहर 22 गेंदों में 37 रन बनाए, जो कि पावरप्ले के बाद उनका दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है।
हालांकि ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि चेन्नई ने मध्य ओवरों में अधिकतर स्पिन गेंदबाज़ी का प्रयोग किया। जायसवाल पावरप्ले के बाद अधिकतर तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ असहज होते हैं। इस मैच में भी वह तेज़ गेंदबाज़ी पर आउट हुए। पावरप्ले के बाद तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ उनका औसत सिर्फ़ 9 का है और इस दौरान वह 12 बार बाउंड्री मारने के चक्कर में आउट हुए हैं।
यह जायसवाल का आईपीएल में दूसरा प्लेयर-ऑफ़-द-मैच अवॉर्ड था। उनको पता है कि टीमें उनके ख़िलाफ़ इसी रणनीति का प्रयोग करेंगी। लेकिन हमें यह भी जानना चाहिए कि जायसवाल और राजस्थान का टीम प्रबंधन इस पर काम भी कर रहा होगा।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं