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क्या इंग्लैंड के खिलाड़ी अब IPL की परवाह नहीं करते?

क्या इसका एक दूसरा पक्ष भी है और इंग्लैंड के खिलाड़ियों की मांग में कमी आ रही है?

Jos Buttler came in at No. 3 and dominated proceedings, Gujarat Titans vs Punjab Kings, IPL 2025, March 25, 2025, Ahmedabad

क्या IPL में इंग्लैंड खिलाड़ियों की मांग कम हो रही है?  •  IPL

IPL 2025 में अभी इंग्लैंड के सिर्फ़ 10 खिलाड़ी मैदान पर हैं। शुरुआत में इंग्लैंड 12 खिलाड़ी इस सीज़न का हिस्सा थे। हालांकि इसके बाद ब्रायडन कार्स और हैरी ब्रूक ने अपना नाम वापस ले लिया। IPLजैसे टूर्नामेंट में इंग्लैंड के खिलाड़ियों की कम संख्या निश्चित रूप से चौकाने वाला है। यह पिछले सालों की तुलना में अलग लगता है। ऐसे में क्या यह सवाल लाज़मी है कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों का IPL को लेकर रुख़ बदल गया है? क्या वे अब उतने अच्छे नहीं रहे? क्या IPL फ्रेंचाइज़ियां उनमें दिलचस्पी नहीं ले रहीं? या फिर इसकी कोई और वजह है?
ESPNcricinfo के T20 TimeOut शो में इंग्लैंड के पूर्व ओपनर निक नाइट ने कहा, "रॉब की (जो ECB में एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं) ने मूल रूप से खिलाड़ियों को इंग्लैंड के लिए अधिक से अधिक खेलने के लिए प्रोत्साहित किया है और वे इस मामले में वह काफ़ी हद तक सही भी हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "इंग्लैंड को भारत के ख़िलाफ़ पांच टेस्ट खेलने हैं। उसके बाद ऐशेज़ भी है। उनके पास हैरी ब्रूक और मार्क वुड जैसे मल्टी-फ़ॉर्मेट खिलाड़ी हैं, जिनका अच्छे से ध्यान रखा जा रहा है। और उनका ध्यान रखा जाना भी ज़रूरी है।"
"इसलिए शायद उन्हें अब दुनिया भर की सभी T20 लीग में खेलने की ज़रूरत नहीं होती। अगर आपको IPL नीलामी में वह क़ीमत नहीं मिल रही, जिसकी आपको उम्मीद थी, तो आप किसी और लीग में खेलने का विकल्प चुन सकते हैं। ऐसे कई कारण हैं, जो इन खिलाड़ियों के फ़ैसलों को प्रभावित कर रहे हैं।"
मौजूदा सीज़न में इंग्लैंड के दस खिलाड़ी हैं--मोईन अली, जोफ्रा आर्चर, जैकब बेथेल, जोस बटलर, सैम करन, विल जैक्स, लियम लिविंगस्टोन, जेमी ओवरटन, फिल साल्ट और रीस टॉपली। ब्रूक और कार्स हट चुके हैं। यह भी समझा जा रहा है कि दिल्ली कैपिटल्स ने बेन डकेट से संपर्क किया था, ताकि वे ब्रूक की जगह लें, लेकिन उन्होंने IPL में न खेलने का फ़ैसला किया। IPL 2024 में इंग्लैंड के 18 खिलाड़ी टूर्नामेंट का हिस्सा थे, जो इस बार की संख्या से काफ़ी ज़्यादा है।
ESPNcricinfo के मैट रोलर का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों का बाज़ार मूल्य हाल के वर्षों में कम हुआ है। यह हालिया ICC सफ़ेद गेंद टूर्नामेंटों में इंग्लैंड के प्रदर्शन के कारण भी हो सकता है। जब IPL 2022 से पहले आख़िरी मेगा नीलामी हुई थी, तब इंग्लैंड 50 ओवर का वर्ल्ड चैंपियन था और फिर उन्होंने 2022 में T20 वर्ल्ड कप भी जीता। उस समय इंग्लैंड के खिलाड़ियों की काफ़ी मांग थी।
निक नाइट ने इस तर्क से सहमति जताते हुए कहा, "शायद कुछ खिलाड़ियों का बाज़ार मूल्य अब उतना ऊंचा नहीं रहा, क्योंकि ICC टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन वैसा नहीं रहा।"
"सैम करन को ही लीजिए। दो T20 वर्ल्ड कप पहले, जब ऑस्ट्रेलिया में टूर्नामेंट हुआ था, वह प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट थे। फिर जब IPL की नीलामी हुई, तो उन्हें पूरी क़ीमत मिली। ऐसे कई कारण हैं, जो अब कुछ खिलाड़ियों को कम मांग वाला बना रहे हैं, जितना कि पहले उम्मीद की जाती थी।"
क्या इंग्लैंड के खिलाड़ी IPL में खेलने से बेहतर हुए, या वे पहले से ही इतने अच्छे थे कि IPL में शामिल हुए? और अब इसका क्या असर पड़ रहा है? अंबाती रायडू ने कहा, "कई खिलाड़ियों को IPL में खेलने से फ़ायदा हुआ, क्योंकि इससे वे स्पिन के ख़िलाफ़ और धीमी पिचों पर बेहतर खेलना सीख पाए। हमने हाल ही में भारत में इंग्लैंड टीम को सफ़ेद गेंद सीरीज़ में खेलते हुए देखा। वे एकतरफ़ा क्रिकेट खेल रहे हैं, ख़ासतौर पर मिडिल ओवर्स में और ख़ासतौर पर स्पिन के ख़िलाफ़। सिर्फ़ स्पिन के ख़िलाफ़ आक्रामक होना ही सब कुछ नहीं होता, इसके लिए स्किल भी चाहिए। और यह स्किल कहां विकसित होती है? भारतीय उपमहाद्वीप में, या फिर ऐसी पिचों पर। तो यह एक पेचीदा स्थिति है।"