रमनदीप: KKR की टीम में चुने जाने के बाद काफ़ी चीज़ें बदल गईं
ऑलराउंडर ने बताया कि कैसे फ्रेंचाइज़ी ने उनकी बड़ी हिट लगाने की क्षमता को बाहर निकाला और सुपरस्टार खिलाड़ियों के बीच भी उन्हें सहज महसूस कराया
शशांक किशोर
15-Apr-2025
IPL 2025 से पहले कोलकाता नाइट राइडर्स ने रमनदीप सिंह को रिटेन किया था • Associated Press
रमनदीप सिंह को 2022 में मुंबई इंडियंस (MI) ने हार्दिक पंड्या के संभावित विकल्प के रूप में चुना था। हालांकि, जब हार्दिक गुजरात टाइटंस (GT) से लौटकर IPL 2024 से पहले फिर से मुंबई से जुड़ गए, तो रमनदीप को सिर्फ़ पांच मैचों के बाद रिलीज़ कर दिया गया।
इसके बाद रमनदीप ने नवंबर 2023 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी जीतने में पंजाब की मदद करके खु़द को फिर से चर्चा में ला दिया। इस कारण से उन्हें ज़्यादा भागदौड़ करने की ज़रूरत नहीं पड़ी - कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) पहले से ही उन पर नज़र रखे हुए थे और उन्होंने IPL 2024 से पहले उन्हें साइन कर लिया।
KKR के लिए उन्होंने निचले क्रम के फ़िनिशर के रूप में प्रभावित किया, एक ख़िताबी सीज़न में नौ पारियों में 201.61 की स्ट्राइक रेट से 125 रन बनाए। इन प्रदर्शनों की वजह से उन्हें IPL 2025 से पहले रिटेन किया गया। हालांकि इस सीज़न में अब तक वो ज़्यादा असर नहीं छोड़ सके हैं और 23 गेंदों में सिर्फ़ 29 रन बनाए हैं, जिसमें सबसे बड़ी पारी 22 रन की रही है, और उन्होंने अभी तक गेंदबाज़ी नहीं की है।
रमनदीप ने 2024-25 घरेलू सीज़न के दौरान ESPNcricinfo से कहा, "रिटेन किया जाना आत्मविश्वास बढ़ाने वाला होता है। नीलामी से पहले कई टीमों ने मुझसे कहा, 'रिटेन मत हो, हम तुम्हें ख़रीदेंगे, हम 9-10 करोड़ तक जाने को तैयार हैं।' लेकिन मेरे लिए वफ़ादारी बहुत मायने रखती है।
"KKR ने मुझे उस समय प्लेटफ़ॉर्म दिया जब मुझे सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। मुझे याद है जब रिटेंशन का समय था, वेंकी [मैसूर, KKR के CEO] सर का कॉल आया, उन्होंने कहा, 'आप हमारे रिटेंशन प्लान में हो, इस बारे में आप क्या सोचते हो ? आपका फ़ैसला क्या होगा? अगर नीलामी में जाते हो, तो हम RTM की कोशिश करेंगे।'
"लेकिन मैंने उन्हें कहा कि मैं रिटेन होने में ही खु़श हूं। एक बार नीलामी में गए तो गारंटी नहीं कि उसी टीम में रह पाऊंगा या नहीं, और मैं KKR छोड़ना नहीं चाहता था। मेरे लिए कुछ करोड़ कम मिलना कोई बड़ी बात नहीं थी। मैं उनके शब्द का सम्मान करना चाहता था।"
पिछले दो सालों में KKR के साथ बिताए समय को रमनदीप अपने खेल के कई पहलुओं को खोलने का श्रेय देते हैं।
रमनदीप ने कहा, "KKR की तरफ़ से चुना जाना मेरी ज़िंदगी का टर्निंग प्वाइंट था। मुझे अब भी याद है कि पिछले साल IPL से पहले प्री-सीज़न कैंप में एक प्रैक्टिस मैच था। दो गेंदों में छह रन चाहिए थे, और मैंने छक्का मारकर मैच जिताया था। GG [गौतम गंभीर, तब टीम मेंटॉर] ने इसके बाद मुझसे लंबी बातचीत की थी।
"सबसे पहली बात उन्होंने मुझसे कही - 'हम तुम्हारा समर्थन करेंगे, चाहे कुछ भी हो।' और मुझे खु़शी है कि मैं उनके विश्वास पर खरा उतर सका। यहां तक पहुंचने के लिए पर्दे के पीछे बहुत मेहनत की गई है, और KKR की इसमें बड़ी भूमिका रही है। अभिषेक नायर [पूर्व सहायक कोच] ने ठाणे में बिना थके कई घंटे अभ्यास कराए, जहां वे मुझे एक बार में तीन-तीन घंटे नेट्स में बल्लेबाज़ी करवाते थे। मैंने इससे पहले इतनी लंबी बल्लेबाज़ी कभी नहीं की थी - नेट्स या मैच में।"
"मेरे ज़हन में एक फ़िल्म की तरह रील चल रही थी - मेरे माता-पिता की कुर्बानियां, चंडीगढ़ में स्कूल क्रिकेट के शुरुआती दिन, पंजाब के लिए घरेलू डेब्यू, IPLट्रायल्स, रिजेक्शन..."रमनदीप सिंह, जब हार्दिक पंड्या से इंडिया कैप मिली
"इससे मेरा खेल खुल गया। मेरे पास ताक़त थी, लेकिन उनके साथ ट्रेनिंग ने सिखाया कि उस ताक़त को कैसे सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए। इसका असर घरेलू क्रिकेट में भी दिखा। मेरे अंदर आत्मविश्वास आया, सोच में बदलाव आया। अंदर का डर भी निकल गया क्योंकि टीम का सपोर्ट था। पिछले साल के IPL के बाद मैंने शेर-ए-पंजाब [T20 टूर्नामेंट] और इंडिया ए [ACC इमर्जिंग नेशंस कप] के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया।"
ACC टूर्नामेंट के सेमीफ़ाइनल में अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ अल अमीरात में रमनदीप को एक और बड़ा मौक़ा मिला - साउथ अफ़्रीका में चार T20I मैचों की सीरीज़ के लिए भारत की सीनियर टीम में चयन हुआ। जब यह ख़बर आई, तब रमनदीप इंडिया ए की ओर से 206 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और टीम का स्कोर 12.4 ओवर में 100 पर 5 था।
उन्होंने 34 गेंदों में आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से 64 रन बनाए और अफ़ग़ानिस्तान को कड़ी टक्कर दी। भले ही टीम हार गई, लेकिन इस पारी और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक मैच में लिया गया शानदार कैच लोगों का ध्यान खींचने में कामयाब रहा।
उन्होंने कहा, "मैच के बाद मेरे पापा को मेरे कोच का कॉल आया, 'बधाई हो', और पापा बोले, 'किस बात की, सेमीफ़ाइनल तो हार गए'। उन्हें पता ही नहीं था कि मैं इंडिया टीम में चुना गया हूं। जब कोच ने उन्हें बताया, तो पापा रोने लगे। बाद में जब मैंने फोन चालू किया, तो ढेरों मैसेज थे। तब फ़ोन थोड़ा ज़्यादा ही बज रहा था। यह एक अद्भुत एहसास था।"
रमनदीप सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहली गेंद पर छक्का जड़ा•AFP/Getty Images
रमनदीप को अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू के लिए ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा और उन्होंने पहली ही गेंद पर छक्का जड़ दिया। जैसे ही हार्दिक ने उन्हें भारत की कैप सौंपी, उनके ज़ेहन में बीते सफ़र की सारी यादें ताज़ा हो गईं।
उन्होंने कहा, "मानो मेरे दिमाग़ में एक फ़िल्म की रील चल रही थी," "मेरे माता-पिता की कुर्बानियां, चंडीगढ़ में स्कूल क्रिकेट के दिन, पंजाब के लिए घरेलू डेब्यू, IPL ट्रायल्स, रिजेक्शन - सब याद आ रहा था। यहां तक कि मेरा IPL डेब्यू, जब मैं बल्लेबाज़ी के लिए उतरा था और विकेटकीपर दिनेश कार्तिक थे, स्लिप में ग्लेन मैक्सवेल और कवर पर विराट कोहली घूर रहे थे।
"मैं मैच से पहले काफ़ी नर्वस था, लेकिन मैदान पर जाने से ठीक पहले सचिन तेंदुलकर सर ने मुझसे कहा, 'इंजॉय करो, यह तुम्हारा पल है, तुम्हारा IPL डेब्यू दोबारा नहीं आएगा।' इस बात ने मुझे मदद की।"
मुंबई इंडियंस में रमनदीप को कायरन पोलार्ड के साथ काम करने का मौक़ा मिला, और KKR में उन्हें आंद्रे रसल से सीखने को मिलता है। इस बात का ज़िक्र वे बिना पूछे खुद करते हैं।
"सोचिए, रसल जैसा बड़ा खिलाड़ी मेरे साथ ऑप्शनल नेट्स में आता है और कोचों से कहता है, 'रमन की फ़िक्र मत करो, मैं देख रहा हूं उसे'। उन्हें ऐसा करने की ज़रूरत नहीं थी, लेकिन वे आते हैं, मेरे पीछे खड़े रहते हैं, सलाह देते हैं - यह बहुत बड़ी बात है। हम ऑन और ऑफ़ द फ़ील्ड बहुत बात करते हैं।"
"मक़सद है देश के लिए चैंपियनशिप जिताना। मुझे जो रोल मिला है - मैच फ़िनिश करना - उसी की तैयारी करता हूं, चाहे KKR के लिए खेल रहा हूं, पंजाब के लिए या इंडिया के लिए। उस रास्ते से कभी नहीं हटूंगा"रमनदीप सिंह
"यहां KKR में कोई स्टार कल्चर नहीं है, सभी को एक जैसा सम्मान मिलता है। चाहे सीनियर हो या जूनियर। वही सुविधाएं, वही ध्यान, चाहे आप रिटेन किए गए खिलाड़ी हों या नए खिलाड़ी। बातचीत भी सीधी और सामने से होती है, पीठ पीछे कुछ नहीं। माहौल भी हल्का-फुल्का रहता है - फोकस सिर्फ़ प्रैक्टिस और मैच में अपना बेस्ट देने पर होता है।"
स्टार कल्चर की बात करें तो बस एक स्टार अपवाद हैं, रमनदीप मुस्कराते हुए कहते हैं।
"वो [शाहरुख़ ख़ान] कमाल के हैं। जब आपसे बात करते हैं, तो बहुत पर्सनल फील होता है। बातचीत की कई परतें होती हैं। एक बार उन्होंने मुझसे सेल्फ-बिलीफ़ और मेहनत पर बात की, जो मेरे जहन के साथ रह गई। उन्होंने बताया कि वह कैसे बिना किसी गॉडफादर के वो मुंबई आए थे।
"उन्होंने कहा, 'मैं सबसे अच्छा दिखने वाला नहीं था, सबसे टैलेंटेड एक्टर भी नहीं था, सबसे अच्छा डांसर भी नहीं था। बस मेहनत करता था। और यही एक तरीक़ा है टॉप पर टिके रहने का - ध्यान भटकाने वाली चीज़ें आती रहेंगी, लेकिन मेहनत हमेशा साथ देगी - उसे कभी मत छोड़ना।'"
रमनदीप गेंद से भी योगदान देना चाहते हैं। उन्हें विश्वास है कि वो "बड़े मुक़ाबले के खिलाड़ी" बन सकते हैं।
"बिलकुल गेंदबाज़ी पर काम कर रहा हूं, मैं एक संपूर्ण ऑलराउंडर बनना चाहता हूं - यही लक्ष्य है। मक़सद है देश के लिए चैंपियनशिप जीतना। मुझे जो रोल मिला है - मैच फ़िनिश करना - उसी की तैयारी करता हूं, चाहे KKR, पंजाब या इंडिया के लिए खेल रहा हूं। उस रास्ते से कभी नहीं हटूंगा।"