मैच (5)
IPL (2)
Women's One-Day Cup (1)
BAN vs ZIM (1)
PSL (1)
फ़ीचर्स

जगदीशन - टीम से बाहर होने की कगार से लेकर सफलता की सीढ़ी चढ़ने का सफ़र

तमिलनाडु के बल्‍लेबाज़ ने पिछले सीज़न खुद को साबित करके बनाई दलीप ट्रॉफ़ी की इंडिया बी टीम में जगह

N Jagadeesan scored a triple-century in his hometown Coimbatore, Tamil Nadu vs Chandigarh, Ranji Trophy 2023-24, Coimbatore, January 27, 2024

जगदीशन का पिछला सीज़न शानदार गया था  •  TNCA

एन जगदीशन को पक्‍का पता था कि पिछले सीज़न तमिलनाडु की टीम से उनको धीरे-धीरे बाहर करने की कोशिश हो रही है। वह केवल 28 साल के थे और टीम के सीनियर खिलाड़‍ियों में से एक थे, जहां उनके पास आठ साल का अनुभव था। 2022-23 सीज़न में उन्‍होंने कई रिकॉर्ड तोड़े, लेकिन 2023 सैयद मुश्‍ताक़ अली ट्रॉफ़ी में केवल दो ही मैच खेले और विजय हज़ारे में भी उनकी औसत वापसी रही। रणजी ट्रॉफ़ी के पहले मैच में भी उनको नियमित ओपनिंग स्‍थान से नंबर 7 पर धकेल दिया गया। जब अगले मैच में उनको ओपनिंग करने का मौक़ा मिला तो वह उस मौक़े को भुनाना चाहते थे। यह उनका सबसे बेहतरीन सीज़न गया और उन्‍होंने 2024 दलीप ट्रॉफ़ी में इंडिया बी टीम में जगह बनाई।
पिछले रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न में उन्‍होंने कई क़ामयाबी हासिल कीं। जहां उन्‍होंने नौ मैचों में 816 रन बनाए, वहीं लगातार दो पारियों में 400 से अधिक गेंद खेलीं। उन्‍होंने रेलवेज के ख़‍िलाफ़ 245 नाबाद और चंडीगढ़ के ख़‍िलाफ़ 321 रन बनाए।
जगदीशन ने कहा, "मैं ऐसे स्‍थान से उठकर आया था जहां मुझे टीम का हिस्‍सा नहीं माना जा रहा था। त्रिपुरा के ख़‍िलाफ़ दूसरे मैच में उनकी बल्‍लेबाज़ी नहीं आई और पहले मैच में गुजरात के ख़‍िलाफ़ उन्‍होंने अधिक रन नहीं बनाए, क्‍योंकि उनको निचले क्रम पर भेजा गया था। जब मैं ओपनिंग करने गया, मैंने खुद से कहा कि मुझे किसी भी क़ीमत पर अपना विकेट नहीं जाने देना है।"
"मेरे सेटल होने के बाद यह एक बहुत बड़ा प्रेरक कारक था, जो मुझे बताता रहा कि 'तुमने बहुत संघर्ष किया है और लोग तुम्हें छोड़ने के बारे में बात कर रहे हैं, तुम फिर कभी उस स्थिति में नहीं आओगे।' जिस क्षण मैं वहां स्थापित हुआ, वहां एक और प्रेरक कारक था। मैं व्यवस्थित हो चुका था और मैं इसे जाने नहीं दे रहा था। जब आपने वास्तव में 400 गेंदों का सामना किया हो, तो काफ़ी अच्छा महसूस होता है क्योंकि इसमें बहुत अधिक सहनशक्ति की आवश्यकता होती है। मेरा फ़ोकस काफ़ी अच्छे स्तर पर था। मुझे वास्तव में लगा था कि मुझमें 400 गेंदें खेलने का धैर्य नहीं है, लेकिन मैं ग़लत था।"
ख़राब शुरुआत के बाद जगदीशन ने सीज़न का बेहतरीन अंत किया, जहां तमिलनाडु के कैंपेन का एक ख़राब अंत हुआ। उनको सेमीफ़ाइनल में मुंबई से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कोच सुलक्षण कुलकर्णी ने खुलेआम कप्‍तान आर साई किशोर के पहले बल्‍लेबाज़ी करने के निर्णय की आलोचना की। वहीं तमिलनाडु के कई पूर्व खिलाड़ी जैसे हेमंग बदानी और दिनेश कार्तिक टीम के समर्थन में आए। सुनील गावस्‍कर ने स्‍पोर्टस्‍टार के लिए लिखे अपने कॉलम में कुलकर्णी का बचाव किया।
लेकिन तमिलनाडु के खिलाड़ी इस घटना के बाद नजदीक आ गए। जगदीशन ने मुश्किल समय में साई किशोर की कप्‍तानी की प्रशंसा की।
जगदीशन कहते हैं, "जिस तरह की स्थिति में हमें रखा गया, हम एक टीम के रूप में जितना संभव हो उतना क़रीब आ गए। हम पिछले साल तंग थे। हमें इस बात की परवाह नहीं थी कि बाहरी लोग हमारी टीम के बारे में क्या बात कर रहे हैं। हमारे पास साई किशोर थे, जो वास्तव में चीज़ों को अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकते थे और जिस तरह से उन्होंने खुद को टीम के लिए सबसे पहले रखा, ख़ासकर तब जब अधिकांश सीनियर्स बाहर होने की कगार पर थे। साई किशोर पिछले साल एक स्तंभ थे। उन्होंने हमें आत्मविश्वास और सुरक्षा देकर एकजुट रखा।"
पिछले साल तमिलनाडु ग्रुप सी में शीर्ष पर रहा था और क्‍वार्टरफ़ाइनल में भी सौराष्‍ट्र को उन्‍होंने बड़ी शिकस्‍त दी थी लेकिन अगले मैच में मुंबई से एक पारी से हार गए। 37 साल से तमिलनाडु ने रणजी ट्रॉफ़ी का ख़‍िताब नहीं जीता है और जगदीशन को विश्‍वास है कि जिस तरह से टीम बन रही है उससे यह साल उनका होगा।
"हम एक असाधारण ब्रांड की क्रिकेट खेल रहे हैं। हमने पिछले साल शायद सबसे अच्छी क्रिकेट खेली, लेकिन फ़ाइनल के लिए क्वालिफ़ाई नहीं कर पाना, हमारे लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन मुझे लगता है कि हम अच्छा काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस साल हम ट्रॉफ़ी जीतने जा रहे हैं।"
जगदीशन ने पिछले सीज़न मैदान के अंदर और बाहर बहुत कुछ सीखा है और इसका श्रेय उन्‍होंने अपने मानसिक गेम पर काम करने को दिया है। जब वे समय-समय पर ध्यान और सचेतनता का अभ्यास करते हैं, तो भारत के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा उनके गुरु की तरह होते हैं, जिन्‍होंने जगदीशन से अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से बात की थी, ताकि उन्हें उस पहलू से निपटने में मदद मिल सके।
जगदीशन ने कहा, "उथप्पा मुझे बहुत सारी सलाह और बहुत सारी चीज़ें बताते हैं, जैसे कि मैं क्या कर सकता हूं और मैं अपने बारे में कहां से सीख सकता हूं। एक खिलाड़ी के लिए मानसिक रूप से फ़िट रहने का मूल तत्व उसका खु़द से बात करने का तरीक़ा है। अगर मैं सिर्फ़ अपने बारे में अच्छी बातें करूंगा तो मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा। मुझे लगता है कि यह कहना बहुत आसान है, लेकिन आप जानते हैं कि ऐसा करना बहुत कठिन है।"
मैदान पर अपने कौशल को बढ़ाने के लिए जगदीशन ने कुछ तकनीक़ी पहलुओं पर काम किया है, जिसमें से एक है अपने स्वीप शॉट को बेहतर बनाना। पिछले सीज़न में सैयद मुश्ताक़ अली के साथ नहीं खेलने के कारण वह T20 में वापसी पर भी काम कर रहे हैं। 2024 में IPL डील से चूकने के बावजूद, पहले चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ रहने के बाद जगदीशन अभी भी अपने सफे़द गेंद के भविष्य को लेकर सकारात्मक हैं।
वह कहते हैं, "मैं टी20 में अपना स्ट्राइक रेट सुधारना चाहता हूं और उन शॉट्स की रेंज भी सुधारना चाहता हूं जिन्हें मैं खेलना चाहता हूं। पिछला साल आंखें खोलने वाला था। उस दौरान मुझे पता चला कि IPL में वापसी करने और दबदबा बनाने के लिए मुझे कहां काम करने की ज़रूरत है। इससे मुझे एहसास हुआ कि मुझे और अधिक सुधार करने की ज़रूरत है। इससे मुझे काफ़ी ज़मीन से जुड़ा हुआ महसूस हुआ। जैसे कि मैं जो कर रहा हूं वह पर्याप्त नहीं है और मुझे और अधिक मेहनत करने की ज़रूरत है।"
घरेलू सीज़न के बाद खाली समय में जगदीशन ने कोच लक्ष्मीपति बालाजी के साथ तीन सप्ताह के लिए मई में यूके दौरे पर टीएन कोल्ट्स टीम की कप्तानी की। इसके अलावा, उन्होंने आईपीएल 2024 और पुरुषों के टी20 विश्व कप के दौरान टीवी कमेंट्री में भी काम किया, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह एक "आंखें खोलने वाला" अनुभव था जिसने उन्हें खेल को अलग तरह से देखने का मौक़ा दिया।
उन्‍होंने कहा, "जब आप कॉम बॉक्स पर होते हैं, तो आपको बहुत अधिक ध्यान देना होता है। आपको खेल पर ध्यान केंद्रित करना होगा और भविष्यवाणी करनी होगी...तभी आप अच्छी तरह से बोल पाएंगे। मुझे एहसास हुआ कि जब मैं खेल नहीं खेल रहा होता था, तब भी मुझे सिर्फ़ देखकर पता चल जाता था कि गेंदबाज़ क्या करने वाले हैं। यह बहुत ही ज्ञानवर्धक था। उदाहरण के लिए जब आप कॉम बॉक्स में होते हैं तो आप वास्तव में फ़ील्ड सेट को देखकर अनुमान लगाते हैं कि एक तेज़ गेंदबाज़ क्या करने वाला है। इससे आपको गेंदबाज़ों के साथ गहरे संबंध बनाने में मदद मिलती है, क्योंकि मैंने वास्तव में देखा है कि गेंदबाज़ क्या करने जा रहा है। अगर मैं जो भविष्यवाणी करता हूं वह होता है तो मैं कह सकता हूं कि मैंने इससे कुछ सीखा है। जब आप कमेंट्री करते हैं तो आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।"
वह इस सारे अनुभव को अपने खेल में लगाएंगे और उन्होंने इस साल घरेलू सत्र से पहले स्पष्ट लक्ष्य भी निर्धारित किए हैं, जो वह आमतौर पर नहीं करते हैं।
उन्‍होंने कहा, "मेरे लिए अंतिम लक्ष्य भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनना है। मैं आम तौर पर घरेलू सीज़न में लक्ष्य निर्धारित नहीं करता, लेकिन मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि मैं ऐसा करना शुरू कर दूं। रणजी ट्रॉफ़ी में जहां मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं 400 गेंदों का सामना कर सकता हूं, मैंने ऐसा किया। ये वो चीज़ें थीं जो मैंने सोचा भी नहीं था कि यह संभव है। ठीक उसी तरह जैसे मेरा दीर्घकालिक लक्ष्य भारत के लिए खेलना है, मेरे दिमाग़ में बचपन से ही एक लक्ष्य रहा है, जो कि रणजी ट्रॉफ़ी में 1000 रन का आंकड़ा पार करना है।"

देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।