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निगाहें थीं गंभीर पर, हीरो रहे दिलशान और मासाकड्ज़ा

लेजेंड्स लीग क्रिकेट के दिल्ली पड़ाव में आख़िरकार मौसम मेहरबान रहा, और जायंट्स और कपिटल्‍स के बीच एक मनोरंजक मैच हुआ

कुणाल किशोर
26-Sep-2022
Gautam Gambhir didn't make much of a controbution in the chase, Gujarat Giants vs India Capitals, Legends League Cricket, Delhi, September 25, 2022

मात्र 14 रन रन ही बना सके गौतम गंभीर  •  Legends League

लेजेंड्स लीग क्रिकेट (एलएलसी) का दूसरा पड़ाव दिल्ली में खेला जाना था, लेकिन बारिश थी कि अपनी मंजूरी ही नहीं दे रही थी। शहर में हो रही लगातार बारिश के कारण तीन में से दो मुक़ाबले पूरी तरह से धुल गए। आख़िरी मुक़ाबले से एक दिन पहले तक मैच होने की कोई उम्मीद नहीं थी, क्योंकि बारिश छूटने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे थे। लेकिन मैच के दिन सूरज निकला और मैच होने कि उम्मीद जगी।
दोपहर के ढाई बजने वाले थे और मैच शाम चार बजे से शुरू होने वाला था। एलएलसी के आयोजनकर्ताओं ने टूर्नामेंट का आधिकारिक पहचान पत्र मेरे साथी को दे दिया था, उससे पहचान पत्र लेकर अरुण जेटली ग्राउंड पहुंचने में मुझे लग रहा था कि कहीं मैं लेट न हो जाऊं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के पेज से जानकारी मिली कि मैच गीले आउटफ़ील्ड के कारण देरी से शुरू होगा, तब जाकर मन शांत हुआ, क्योंकि मैं मैच से जुड़ा कोई भी पल मिस नहीं करना चाहता था।
पौने पांच बजे ग्राउंड पहुंचा तो देखा कि अपने चहेते और लोकल बॉय वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को आमने-सामने देखने के लिए मैदान की ओर लोग धीरे-धीरे रुख़ कर रहे हैं। सब यही कामना कर रहे थे कि आज किसी तरह मैच हो जाए। अभी भी, कभी-कभी सूरज बादलों के पीछे छिप जा रहा था और प्रशंसकों के माथे पर शिकन आ जा रही थी।
स्टेडियम में प्रवेश के बाद मैं हर चीज़ से अंजान था। टूर्नामेंट के जनसंपर्क स्वंयसेवियों के सहयोग से मीडिया बॉक्स पहुंचा। अंदर जाते ही पहले मैंने मैदान के पूरे हिस्से को स्कैन किया। पहली नज़र गौतम गंभीर स्टैंड पर पड़ी, जो मीडिया बॉक्स के ठीक सामने है। दाईं ओर मोहिंदर अमरनाथ स्टैंड और बाईं ओर बिशन सिंह बेदी स्टैंड, उसके ठीक बगल में विराट कोहली पवेलियन। इन खिलाड़ियों के नाम के होर्डिंग्स जो हम कभी टीवी पर देख-देख कर रोमांचित हो उठते थे, आज आंखों के सामने थे। तुरंत ही मैं वर्तमान में लौटा और अपने लिए जगह ढूंढी। मैदान के कुछ हिस्से अभी भी गीले थे और उन्हें सुखाया जा रहा था। पवेलियन के सामने वाला क्षेत्र कुछ ज़्यादा ही गीला था। उसी को सुखाने में वक़्त लग रहा था। अंतत: सफलता नहीं मिलने पर वहां टूर्नामेंट के प्रायोजक के बैनर को बिछाया गया।
इस बीच गुजरात जायंट्स के कोच वेंकटेश प्रसाद शायद ग्रैम स्वॉन को कैच की प्रैक्टिस करवा रहे थे। टॉस होने से पहले इंडिया कैपिटल्स के तेज़ गेंदबाज़ मिचेल जॉनसन, लियम प्लंकेट, पंकज सिंह और पवन सुयाल रबर का एक स्टंप गाड़कर उसको हिट करने की कोशिश कर रहे थे। जॉनसन ने जैसे ही उसे हिट किया, अब तक अच्छी संख्या में आ चुके दर्शकों ने ख़ूब शोर मचाकर उनके कौशल को सराहा।
जायंट्स के कप्तान सहवाग टॉस पर नहीं आए, उन्हें टीम शीट में 'सुपर सब' के रूप में रखा गया था। इससे प्रशंसकों को निराशा हुई। हालांकि यह ज़्यादा देर तक नहीं टिकी। कैपिटल्स के कप्तान गंभीर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया। पारी की शुरुआत करने आए केविन ओब्रायन ने कुछ कलात्मक शॉट खेले, तिलकरत्ने दिलशान ने थोड़ा संयम दिखाया और आंखें जमने के बाद खूब हाथ खोले। 16वें ओवर में गंभीर ने जब प्वाइंट के क्षेत्र में स्वॉन का कैच छोड़ा, तब प्रशंसको ने खूब शोर मचाकर उनके प्रयास का स्वागत किया।
बीच-बीच में मैं अन्य पत्रकारों से उनके अनुभव के बार में जानना चाह रहा था। कई लोग तो मेरी तरह पहली बार किसी मैच को कवर करने आए थे। मैं पूरे मैच के दौरान कभी भी एक जगह नहीं बैठा रहा। इधर-उधर घूमते रहने पर कहीं संजय मांजरेकर मिल जा रहे थे तो कहीं अंज़ुम चोपड़ा और मॉन्टी पनेसर। इन्हें देखकर अंदर का प्रशंसक जाग जा रहा था, लेकिन प्रोटोकॉल के अनुसार ख़ुद को अनुशासित रखना ज़रूरी था। जायंट्स की पारी का 18वां ओवर जॉन्सन कर रहे थे, मैं मिडिया बॉक्स के गेट पर खड़े होकर दीवार पर कंधा टिकाए मैच देख रहा था, तभी बगल में स्टार स्पोर्ट्स हिंदी के लिए कॉमेंट्री कर रहे निखिल चोपड़ा आए, मैंने उनको हाय बोला उन्होंने भी हैलो बोला। हम दोनों कुछ देर तक चुप रहे। फिर उन्होंने कहा कि अगली गेंद स्लोअर होगी। जॉनसन ने स्लोअर ही की। मैंने मन ही मन कहा, "ग़ज़ब"!
लक्ष्य का पीछे करने कैपिटल्स की सलामी जोड़ी उतर चुकी थी। गंभीर ने पहले ओवर में जोगिंदर शर्मा को जैसे ही आगे निकलकर मिडविकेट के ऊपर से भेजा, शांत बैठे प्रशंसकों में उर्जा का संचार हुआ और वे ख़ुशी से झूमने लगे। चौथे ओवर में सोलोमन मायर ने छह गेंदों में चार बाउंड्री भेजकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। अगले ओवर में गंभीर के ख़िलाफ़ एलबीडब्ल्यू की अपील हुई और अंपायर ने उंगली खड़ी कर दी। रिप्ले में दिखा कि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी, गंभीर निराश होकर पवेलियन की ओर जा रहे थे। दर्शक भी हताश थे, उन्होंन तालियां बजाकर अपने हीरो को विदाई दी। इसके बाद हैमिल्टन मासाकड्ज़ा की ज़बर्दस्त बल्लेबाज़ी ने कैपिटल्स को आसान जीत दिलाई, तब तक दर्शकों की संख्या आधी हो चुकी थी।
सारे मीडियाकर्मी अपने-अपने लैप्टॉप सहित अन्य उपकरणों को समेट रहे थे। मैंने पहले से पैक कर लिया था। कुछ देर बाद पवेलियन में पहुंचे तो जाएंट्स की टीम जा चुकी थी। कैपिटल्स भी जाने की तैयारी में थी। कैपिटल्स को विदा करने के बाद कश्मीरी गेट से आ रही आख़िरी मेट्रो में सवार हुआ और कुछ अच्छी यादें के साथ घर के लिए निकल गया।

कुणाल किशोर ESPNcricinfo हिंदी में ए‍डिटोरियल फ्रीलांसर हैं।