टी20 विश्व कप के दौरान कैसा रहेगा यूएई की पिचों का व्यवहार?
आईपीएल के मैचों से काफ़ी कुछ संकेत मिलते हैं
गौरव सुंदरारमन
20-Oct-2021
कोरोना महामारी की शुरूआत के बाद सबसे अधिक यूएई की पिचों का ही इस्तेमाल हुआ है • BCCI
टी20 विश्व कप के सुपर 12 मैच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के तीन मैदानों- अबु धाबी, दुबई और शारजाह में होने जा रहे हैं। आइए डालते हैं इन पिचों पर नज़र
शारजाह
आईपीएल 2021 के पहले शारजाह की पिच को बदला गया है और अब यह बल्लेबाज़ी के लिए स्वर्ग नहीं रहा। आईपीएल 2020 में यहां हर 12 गेंदों में छक्के लगते थे, जो कि 2021 में बढ़कर 23 गेंदें हो गईं। आईपीएल 2021 में यहां सिर्फ़ 98 छक्के लगे। इस धीमी पिच पर जो गेंदबाज़ अपने गति में लगातार परिवर्तन करने की क्षमता रखता है, वह सफल होगा। आईपीएल 2021 के दौरान यहां तेज़ गेंदबाज़ अधिक सफल रहे थे और उनका स्ट्राइक रेट (17) स्पिनरों की तुलना (22) में काफ़ी कम था।
न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान, साउथ अफ़्रीका और इंग्लैंड को यहां दो-दो मैच खेलने हैं। अगर आईपीएल की तरह ही पिच व्यवहार करती है तो पाकिस्तान और साउथ अफ़्रीका को फ़ायदा हो सकता है। दोनों टीमें आसानी से तीन-तीन स्पिनर्स खिला सकती हैं। इसके अलावा तकनीकी बल्लेबाज़ों की मौजूदगी के कारण वे इन पिचों पर अच्छी तरह टिक सकते हैं और 140 से 160 का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा कर सकते हैं।
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दुबई
पिछले दो सालों से दुबई की पिचें कुछ अधिक नहीं बदली हैं। कुछ पिचें धीमी हैं तो कुछ तेज़ गेंदबाज़ों को भी मदद करती हैं। पिछले दो आईपीएल सीज़न में यहां औसत स्कोर 150-160 रहा है। तेज़ गेंदबाज़ यहां अधिक सफल रहे हैं और उनका स्ट्राइक रेट (27) स्पिनर्स की तुलना (32) में कम रहा है। दुबई में कोई भी टीम तीन तेज़ गेंदबाज़ों के साथ जाना पसंद करेगी।
दुबई में एक तरफ़ की स्क्वेयर बाउंड्री थोड़ी छोटी है, तो अगर पिच पर लगातार दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ साथ हों, तो एक तरफ़ की छोटी बाउंड्री को टारगेट किया जा सकता है और गेंदबाज़ी करने वाली टीम को सामंजस्य बिठाने का बहुत कम ही मौक़ा होगा। इसके अलावा छोटी बाउंड्री के कारण स्पिनर्स किस छोर से गेंदबाज़ी करें यह भी तय करना फ़ील्डिंग करने वाली टीम के लिए थोड़ा मुश्किल होगा।
भारत को यहां ग्रुप स्टेज पर चार मैच खेलने हैं और वे अपने आईपीएल के अनुभव का फ़ायदा उठा सकते हैं।
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अबु धाबी
अबु धाबी में बड़े स्कोर के मैच हो सकते हैं। यहां बल्लेबाज़ी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं, लेकिन बाउंड्री बड़ी होने के कारण गेंदबाज़ भी खेल में रहेंगे। यहां स्पिनरों को कम मदद है और उनका स्ट्राइक रेट (33) तेज़ गेंदबाज़ों (29) की तुलना में अधिक है।
यहां ओस भी अधिक है, जो शाम के मैचों को प्रभावित कर सकती है। इसलिए लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों को मदद मिल सकती है। ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज़ को यहां दो-दो और अफ़ग़ानिस्तान को यहां तीन मैच खेलने हैं, लेकिन ये सभी मैच दोपहर के हैं इसलिए ओस का तब कोई लाभ या नुक़सान नहीं होगा।
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टॉस जीतो, गेंदबाज़ी करो और मैच अपने नाम करो
यूएई में यह ठंड की शुरुआत है। आईपीएल की शुरुआत में जब गर्मी अधिक थी तब 77% मैच उन्होंने जीता, जिन्होंने पहले बल्लेबाज़ी की। वहीं गर्मी कम होने और ठंड बढ़ने के साथ ही आंकड़े उलट गए और बाद में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम जीतने लगी। अबु धाबी और शारजाह में तो यह अंतर साफ दिखा, जहां 18 में से 15 मैच पहले गेंदबाज़ी करने वाली टीम जीती।
गौरव सुंदरारमन ESPNcricinfo में वरिष्ठ सांख्यिकीविद हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है