नसीम शाह रावलपिंडी की रोड जैसी पिच से काफ़ी हताश नज़र आए और उन्होंने अपनी भड़ास मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में निकाली। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सोचना होगा कि घर में खेलते हुए कैसे उन्हें होम एडवांटेज मिल सकता है। रावलपिंडी टेस्ट के चौथे दिन तेज़ गर्मी में पाकिस्तान को आख़िरी 10 ओवर छोड़कर पूरे दिन फ़ील्डिंग करनी पड़ी।
बांग्लादेश ने 565 रन का स्कोर खड़ा कर दिया और कुल 167 ओवर बल्लेबाज़ी करते हुए पाकिस्तान की जीत की उम्मीदों को ख़त्म कर दिया। पाकिस्तान को आख़िरी बार अपने घर में 2021 में टेस्ट जीत मिली थी।
एक साल बाद टेस्ट खेल रहे पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ नसीम ने इस मैच में अब तक 27.3 ओवर की गेंदबाज़ी कर चुके हैं। जहां उन्होंने 93 रन ख़र्च करते हुए तीन विकेट झटके हैं। नसीम ने कहा, "हमें सच्चाई को स्वीकार करना होगा, एक के बाद एक सीरीज़ में हमें इस तरह की बेजान ही पिचें मिल रही हैं। हालांकि ग्राउंडस्टाफ़ पिच को गेंदबाज़ों की मददगार बनाने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं लेकिन शायद तेज़ गर्मी की वजह से उन्हें क़ामयाबी नहीं मिल रही। हमें सोचना होगा कि इन परिस्थितियों में हम कैसे होम एडवांटेज हासिल कर सकते हैं, अगर घर में ही आपको मदद नहीं मिलेगी तो फिर टेस्ट में नतीजा कैसे निकलेगा।"
2022 के बाद से पाकिस्तान में क़रीब-क़रीब हर जगह की पिचें बेजान ही हैं और ख़ास तौर से रावलपिंडी और कराची में तो इतनी पाटा विकेट मिल रही है, मानो पिच नहीं रोड हो।
जहां गेंदबाज़ी औसत 43 से भी ज़्यादा की है ,इस फ़ेहरिस्त में जो दूसरी टीम है वह श्रीलंका है लेकिन उनकी औसत पाकिस्तान से फिर भी काफ़ी कम है।
शायद यही कारण है कि पाकिस्तान ने 2020-21 के बाद से घर में कोई टेस्ट नहीं जीता है, आख़िरी बार उन्होंने साउथ अफ़्रीका को मात दी थी। उसके बाद से अब तक पाकिस्तान को घर में चार टेस्ट सीरीज़ में हार मिली है जबकि चार सीरीज़ ड्रॉ रही है।
नसीम शाह ने ये भी कहा कि अगर तेज़ गेंदबाज़ों की मददगार पिच नहीं बना सकते तो फिर स्पिनरों की मूफ़ीद पिच के बारे में ही सोचना चाहिए।
"अगर हम उस तरह की पिचें बनाने में असमर्थ हैं जो तेज़ गेंदबाजों को मदद करती हैं, तो हमें यह देखना चाहिए कि क्या हम स्पिन विकेट बना सकते हैं। फ़ैन्स इस गर्मी में टेस्ट क्रिकेट का आनंद लेने आते हैं, इसलिए आपको उनका मनोरंजन करने की भी ज़रूरत है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे हों और कड़ी मेहनत करने के बावजूद फल नहीं मिल रहा हो। यह ऐसी चीज़ है जिसके बारे में हमें गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है।"
रावलपिंडी की रोड जैसी पिच पर नसीम शाह
पाकिस्तान के बाहर से तो इन बेजान पिचों की ख़ूब आलोचना हो रही है, जबकि यह पहली बार है कि घर के अंदर से इतनी ज़ोर से और स्पष्ट रूप से किसी मौजूदा खिलाड़ी ने आवाज़ उठाई है।