जब 2016 में साउथ अफ़्रीकी कोच
मिकी आर्थर पाकिस्तान के मुख्य कोच बने थे तब उन्होंने
शान मसूद की बल्लेबाज़ी पर टिप्पणी करते हुए ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा था, "मुझे लगता था वह केवल टेस्ट के लिए अनुकूल बल्लेबाज़ हैं। उनकी तकनीक अच्छी थी और वह शरीर के पास गेंद खेलते थे।" उस वक़्त मसूद ने बहुत कम टी20 क्रिकेट खेला था और जब उन्हें मौक़ा मिलता भी था तो बड़ी पारी नहीं खेल पाते थे।
इंग्लैंड के एक कठिन दौरे पर टेस्ट टीम में अपनी जगह गंवाने के बाद मसूद ने घरेलू क्रिकेट में ख़ूब सारी मेहनत की। आर्थर ने कहा, "यह शान की आदत थी कि वह कभी भी संतुष्ट नहीं होते थे।" लिस्ट ए क्रिकेट, जिसमें उनका औसत 57.14 का है, में भी प्रभावशाली खेल के बाद उन्हें पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में पहली बार मुल्तान सुल्तान्स ने ख़रीदा।
आज कुछ सालों के परिश्रम के बाद उनके टी20 गेम में हुए विकास का फल उन्हें पाकिस्तान की टीम में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सात मैच के सीरीज़, और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के लिए चुने गए दलों में जगह के रूप में मिला है। 32 वर्षीय मसूद ने कहा, "मैं बहुत भाग्यशाली था कि मुझे पीएसएल में मौक़ा मिला। मैं वहां अपने रोल को भिन्न तरीकों से विकसित कर पाया। मैंने अलग-अलग बल्लेबाज़ों के साथ बल्लेबाज़ी की। हमारे वहां कुछ बेहतरीन टी20 खिलाड़ी खेल चुके हैं, जैसे जेम्स विंस, राइली रूसो, टिम डेविड, [मोहम्मद] रिज़वान, ख़ुशदिल [शाह], सोहैब मक़सूद।"
मुल्तान के साथ चार सीज़न में मसूद ने 136.10 के स्ट्राइक रेट के साथ 32.78 का औसत बनाए रखा। 2020 में वह कप्तान भी बने और 2021 में ख़िताब जीते। हालांकि इस हालिया चयन का कुछ श्रेय काउंटी क्रिकेट को भी जाएगा, जहां उन्होंने डर्बीशायर के लिए हर प्रारूप में बड़े रन बनाए। पिछले साल दुबई में टी20 विश्व कप के बाद एयरपोर्ट में उनकी मुलाक़ात आर्थर से हुई जो डर्बीशायर के क्रिकेट निदेशक हैं। और इस साल उन्होंने टीम की कप्तानी करते हुए उन्हें ब्लास्ट के क्वार्टरफ़ाइनल तक पहुंचाया और ख़ुद 14 पारियों में 547 रन बनाए।
जब फ़ख़र टीम में थे तब मुझे लगता था कि शान के लिए सबसे सही जगह नंबर चार ही है, क्योंकि आप रिज़वान और बाबर [आज़म] के रहते उनसे सलामी बल्लेबाज़ी तो नहीं करवाते। उन्होंने ब्लास्ट में सलामी बल्लेबाज़ी ही की और अब वह रन जुटाने की कला भी सीख चुके हैं।
मिकी ऑर्थर
मसूद ने कहा, "टी20 साइड में वापसी करने में इसका बड़ा योगदान रहा। ब्लास्ट में खेलना और रन बनाना मेरे लिए काफ़ी ज़रूरी था। मैंने काफ़ी सारा क्रिकेट खेला और इससे मैंने ख़ुद को इनसान और बल्लेबाज़ के तौर पर बेहतर समझा। डर्बीशायर और मिकी आर्थर ने मेरे ऊपर जो समय का निवेश किया है उसके लिए मैं आभारी हूं।"
मसूद के बल्लेबाज़ी में सबसे बड़ा परिवर्तन आया है कि अब वह लेग साइड में भी शॉट लगाने लगे हैं। आधुनिक टी20 बल्लेबाज़ लेग साइड पर अधिक ध्यान देते हैं और उन्हें ऑफ़ साइड पर बल्लेबाज़ी को विकसित करना पड़ता है। लेकिन मसूद शुरुआत में अपने कमर को लॉक करने के आदी थे, और ऐसे में सीमित ओवर क्रिकेट में उन्हें रन बनाने से रोकना आसान हो जाता था।
आर्थर ने इस बारे में कहा, "टेस्ट क्रिकेट में कमर लॉक करने से फ़ायदा होता है क्योंकि आप फिर साइड ऑन होकर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। लेकिन सब महान टी20 बल्लेबाज़ अपने कमर को अनलॉक कर सकते हैं ताकि मैदान के और हिस्से उनके लिए उपलब्ध हों। शान अब यह करने लगे हैं और यह बताता है कि यह खिलाड़ी कितनी मेहनत कर लेता है। शान एक बेहतरीन व्यक्ति हैं जिनकी कार्य नीति, उनके सिद्धांत, उनके संस्कार सब उन्हें एक आदर्श बनाते हैं। अब उन्हें जो मान्यता मिल रही है वह उसके हक़दार हैं।"
पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा सवाल होगा कि उन्हें अगर एकादश में शामिल किया जाए तो किस नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा जाए। शायद उनके लिए सबसे आसान जगह हो फ़ख़र ज़मान के जगह तीसरे नंबर पर, लेकिन उन्होंने अधिकतर सलामी बल्लेबाज़ी की है और नेशनल टी20 कप में बलूचिस्तान के लिए चौथे नंबर पर भी खेले हैं।
आर्थर ने कहा, "जब फ़ख़र टीम में थे तब मुझे लगता था कि शान के लिए सबसे सही जगह नंबर चार ही है, क्योंकि आप रिज़वान और बाबर [आज़म] के रहते उनसे सलामी बल्लेबाज़ी तो नहीं करवाते। उन्होंने ब्लास्ट में सलामी बल्लेबाज़ी ही की और अब वह रन जुटाने की कला भी सीख चुके हैं। उन्होंने अब स्वीप मारना भी शुरू किया है जिससे वह मिडिल ओवर में भी लगातार रन बटोर सकते हैं। यह उनकी पाकिस्तान के लिए खेलने के प्रति निष्ठा का संकेत भी है।"
शायद मसूद के भविष्य के बारे में कुछ स्पष्टता इंग्लैंड सीरीज़ में ही आ जाए। मसूद ख़ुद कहते हैं, "शायद टी20 विश्व कप से पहले दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टीम से भिड़ना बिलकुल सटीक तैयारी कहलाएगी। यह एक पाकिस्तानी खिलाड़ी होने के लिए एक रोमांचक समय है।"