अनुभवी पाकिस्तानी बल्लेबाज़
अज़हर अली इंग्लैंड के विरुद्ध कराची टेस्ट के बाद संन्यास लेंगे। यह उनका 97वां टेस्ट होगा। वह पाकिस्तान की तरफ़ से सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाले
पांचवें बल्लेबाज़ हैं।
कराची टेस्ट की पूर्व संध्या पर इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, "देश का सर्वोच्च स्तर पर प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इस दिन का निर्णय लेना मेरे लिए कठिन था, लेकिन गहरे मनन-चिंतन के बाद मुझे लगा कि यह संन्यास लेने का सही समय है। इस ख़ूबसूरत यात्रा के लिए मैं अपने परिवार, माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी और बच्चों का आभारी हूं। उनके त्याग के बिना यह सब कुछ संभव नहीं था। इसके अलावा मैंने बहुत बेहतरीन क्रिकेटरों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया, जो अब मेरे दोस्त भी हैं। मैं अपने बेहतरीन कोचों का भी आभारी हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने अपने लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, अधिकतर को मैंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पाया है। सभी क्रिकेटरों को अपने देश का नेतृत्व करने का मौक़ा नहीं मिलता, लेकिन मैंने पाकिस्तान की कप्तानी की है और मुझे इसका गर्व है। बचपन के एक लेग स्पिनर से देश का प्रमुख टेस्ट बल्लेबाज़ बनने का सफ़र कई ख़ूबसूरत लम्हों से भरा रहा और मैं इसे ज़िंदगी भर संजोकर रखूंगा।"
37 साल के अज़हर को मुल्तान टेस्ट में एकादश से बाहर रखा गया था। उन्होंने नौ टेस्ट मैचों में पाकिस्तान की कप्तानी की, जिसमें श्रीलंका और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में जीत भी शामिल है। हालांकि ख़राब फ़ॉर्म और बाबर आज़म के उभार के कारण उन्हें एक साल के भीतर ही कप्तानी छोड़नी पड़ी। 2015 से 2017 के दौरान अज़हर ने वनडे टीम की भी कप्तानी की थी। इस दौरान पाकिस्तानी टीम वनडे रैंकिंग में नंबर नौ पर आ गई थी।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले रावलपिंडी टेस्ट में उनके बल्ले से दोनों पारियों में सिर्फ़ 67 रन निकले थे। वह दोनों देशों के शीर्ष तीन के एकमात्र सदस्य थे जिनके नाम शतक नहीं था। इसके बाद मुल्तान टेस्ट में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, जिसका मतलब यह भी था कि 100 टेस्ट पूरे करने की उनकी संभावना भी बहुत कम हो गई। हालांकि अज़हर का कहना है कि उन्होंने ख़ुद से यह फ़ैसला लिया है।
उन्होंने कहा, "यह मेरा अपना निर्णय है, किसी ने मुझे ऐसा करने के लिए मज़बूर नहीं किया है। मैं ख़ुश हूं, जिस तरह से टीम में युवा खिलाड़ी आ रहे हैं। वैसे भी यह मेरा अंतिम सीज़न ही था। हां, मैं 100 टेस्ट खेलना चाहता था, लेकिन यह तभी संभव होता जब मैं इस घरेलू सीज़न का हर मैच खेलता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, तो मैंने भी युवाओं के लिए जगह बनाना उचित समझा।"
2010 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट डेब्यू करने वाले अज़हर के नाम 96 टेस्ट मैचों में 19 शतकों के साथ 7097 रन हैं। उन्होंने दुबई में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 302 रन बनाए थे, जो कि डे-नाईट टेस्ट मैचों में पहला और एकमात्र तिहरा शतक है। उनके नाम 53 वनडे मैचों में 36.90 की औसत से पांच शतकों के साथ 1845 रन हैं। उन्होंने अंतिम बार जनवरी, 2018 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वनडे मैच खेला था। वह टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच कभी नहीं खेल पाए।