" हमने अपना फ़र्ज़ निभाते हुए महामारी के दौरान विदेशी दौरे पूरे किए लेकिन जवाब में हमें कुछ नहीं मिला" • Associated Press
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) अध्यक्ष रमीज़ राजा के अनुसार पाकिस्तान अगले साल अनुसूचित इंग्लैंड दौरे से पहले ही बैकअप तैयार रखेगा। जब से सोमवार को इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने अक्टूबर में पकिस्तान के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ खेलने से इनकार कर दिया, तभी से पीसीबी कर्मचारीयों ने ठान ली थी कि ज़रूरत पड़ने पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2022 की सीरीज़ को ख़ारिज कर देना मुनासिब है।
मंगलवार को रमीज़ ने ऐसा तो नहीं कहा कि अगले साल की सीरीज़ पूरी तरह से नामुमक़िन है लेकिन उन्होंने ईसीबी अध्यक्ष इयन वॉटमोर से यह ज़रूर पूछने का दावा किया है कि अगर इंग्लैंड फिर अगले वर्ष खेलने से इनकार करेंगे तो पाकिस्तान क्या करेगा। रमीज़ ने पिछले हफ़्ते के घटनाक्रम के बारे में कहा कि पीसीबी को ऐसा लगा है जैसे उन्हें "प्रयोग करके फेंक" दिया गया हो।
रमीज़ ने कहा, "मैंने इयन से यही पूछा कि अगले साल इंग्लैंड दौरे को रद्द नहीं करेगा इसकी क्या गारंटी है। आप सीरीज़ से पहले थकान, बबल के तनाव या सुरक्षा कारणों की वजह से दौरे से मुकर सकते हैं। उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था। यह लाज़मी है हमें बैकअप रखने चाहिए।"
रमीज़ ने सोमवार को भी पीसीबी के एक वीडियो में अपना ग़ुस्सा जताया था और मंगलवार को उन्होंने कहा कि अगर वो अध्यक्ष की जगह यूट्यूबर होते तो शायद और खुलकर बात कर सकते थे। महामारी के बीच पाकिस्तान ने दो बार इंग्लैंड का दौरा किया है, और इस बारे में वह बोले, "ऐसा लग रहा है हमारा प्रयोग करके हमें फेंक दिया गया है। न्यूज़ीलैंड के दौरे से लौट जाने के बाद हमें इंग्लैंड से थोड़ी सी अनुकंपा की ज़रूरत थी लेकिन ऐसा हो ना सका। हमने उनकी हर तरीक़े से मदद करने की इच्छा जताई। हम उन्हें लाहौर के स्टेडियम के पास एनएचपीसी (राष्ट्रीय हाई परफ़ॉर्मेंस सेंटर) परिसर में रहने के न्योता दे रहे थे। और ईसीबी का कहना है कि खिलाड़ी न्यूज़ीलैंड दौरे के रद्द होने से घबरा गए। इसका मतलब हम समझ नहीं पाए हैं। ईसीबी के पास अवसर था क्रिकेट बिरादरी के अन्य सदस्य का आपदा में सहारा बनने का जिससे वो चूक गए।"
रमीज़ के अनुसार यह फ़ैसला बोर्ड से अधिक खिलाड़ियों के दबाव से लिया गया था। इंग्लैंड के अधिकांश खिलाड़ी यूएई में आईपीएल खेलने में व्यस्त हैं और इंग्लैंड ने रिज़र्व टीम तक भेजने के बारे में कोई बात नहीं की।
रमीज़ ने कहा, "वॉटमोर के हाथ बंधे लगे। लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप में आने में कुछ कठिनाई तो होती ही है। आप पश्चिम के किसी देश में नहीं जा रहे है। ऐसे में आपको सोच लेना चाहिए कि आप संकट की घड़ी में पाकिस्तान के साथ खड़े रहें लेकिन ऐसा हमने ना न्यूज़ीलैंड से देखा और ना ही इंग्लैंड से। मज़े की बात है हमें मानसिक तनाव, थकान और घबराहट का वास्ता दिया गया है लेकिन वही खिलाड़ी यहां से डेढ़ घंटे दूर दुबई में बबल में बंधे हैं और एक टूर्नामेंट खेल रहे हैं। यह हमारे लिए बेइज़्ज़ती है। दौरा रद्द होने का कोई तुक नहीं बनता।"
पीसीबी ने न्यूज़ीलैंड से नुक़सान भरपाई की बात की है और शायद इंग्लैंड के साथ भी ऐसा करेंगे। रमीज़ का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया भी अपना दौरा रद्द कर सकता है और संभावना है कि कुल मिलाकर पीसीबी इस दौरान लगभग 110 से 185 करोड़ रुपये गंवा बैठेगा। रमीज़ ने न्यूज़ीलैंड के दौरे से मुकरने पर आईसीसी से बात करने की घोषणा की थी लेकिन उन्होंने माना कि पाकिस्तान को इस मामले में आत्मनिर्भर होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, "हम अक्सर एक परिवार होने का दावा करते हैं लेकिन कोई नहीं सोचता कि विश्व क्रिकेट दो या तीन देशों का गुट क्यों चलाता है। हमने अपना फ़र्ज़ निभाते हुए महामारी के दौरान न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड के दौरे पूरे किए लेकिन जवाब में हमें कुछ नहीं मिला। यह खेल अब स्वार्थ पर केंद्रित है।
"हमें अपने खेल को ख़ुद विकसित करना पड़ेगा। एक आज़ाद क्रिकेट अर्थव्यवस्था को स्थापित करना होगा। हमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टीम को खड़ा करना पड़ेगा और विदेशी दौरों के बारे में फिक्रमंद होने से बचना होगा। हमें अपनी अर्थव्यवस्था को अपने प्रदर्शन से उजागर करना पड़ेगा। हम और देशों या आईसीसी की मदद के लिए रुके रहे तो रास्ता बहुत कठिन है।"