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कश्मीर प्रीमियर लीग पर आमने-सामने पीसीबी और बीसीसीआई

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ऐसी रिपोर्टों पर आपत्ति जताई है जिसमें भारतीय बोर्ड ने खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में शामिल होने से रोकने की कोशिश है

Generic cricket ball

पीसीबी और बीसीसीआई में विवाद काफी समय से चल रहा है  •  Getty Images

पाकिस्तान में कश्मीर प्रीमियर लीग (केपीएल) नाम से एक टूर्नामेंट अगस्त में आयोजित होना है, जिसमें ​संन्यास ले चुके खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से नाख़ुश है, क्योंकि खिलाड़ियों को इस लीग में खेलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। पीसीबी ने इसे अंतर्राष्ट्रीय मानदंड का उल्लंघन और क्रिकेट बोर्ड के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी करार दिया है।
पीसीबी ने हर्शल गिब्स के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई को पाकिस्तान के साथ राजनीतिक एजेंडा नहीं लाना चाहिए और मुझे केपीएल में खेलने से रोकना नहीं चाहिए। उन्होंने मुझे चेतावनी दी है कि वह मुझे भारत में एंट्री नहीं करने देंगे और क्रिकेट से जुड़े काम नहीं करने देंगे।
केपीएल छह टीमों की फ्रेंचाइजी लीग है, जो एक निजी बिजनेसमैन ने शुरू की है, जिसे पाकिस्तान सरकार से मंजूरी मिली है और पीसीबी से स्वीकृति मिली है। यह टूर्नामेंट वहां पर मुजफ्फराबाद क्रिकेट स्‍टेडियम में छह अगस्‍त से खेला जाएगा और जिसका फाइनल 17 अगस्त को होगा। इस लीग में टीम का नाम कोटली, बाघ, मीरपुर, रावलकोट, मुजफ्फराबाद है, वहीं छठी टीम विदेशी खिलाड़ियों की होगी। इस टीम का चयन पिछले महीने ड्राफ्ट के तहत हुआ था। आयो‍जकों के द्वारा शाहिद अफरीदी, शोएब ममिली, इमाद वसीम, मोहम्‍मद हफीज, फखर जमान और शादाब खान इस लीग में अपनी टीमों की कप्‍तानी करेंगे।
आयोजकों के मुताबिक जिन खिलाड़ियों ने इसमें खेलने के लिए हामी भरी है, उनमें मोंटी पनेसर, मैट प्रॉयर, फ‍िल मस्‍टर्ड, टिनो बेस्‍ट, तिलकरत्‍ने दिलशान और गिब्‍स का नाम शामिल है, लेकिन इंग्लैंड के एक खिलाड़ी के एजेंट ने केपीएल मैनेजमेंट को बताया है कि बीसीसीआई ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) को कॉल करके कहा है कि वे इस लीग से अपने खिलाड़ियों का नाम वापस ले लें, अन्यथा ये खिलाड़ी भविष्य में भारत में काम नहीं कर पाएंगे।
कश्मीर ही इस मुद्दे की मुख्य जड़ है, इसके लिए 1947 में अलग हुए दोनों देशों के बीच में कई युद्ध भी हो चुके हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक माहौल के बीच ही दोनों बोर्ड के बीच रिश्ते रहते हैं। कई साल पहले पीसीबी ने चाहा भी था कि पाकिस्तान प्रीमियर लीग (पीएसएल) में कश्मीर के नाम से भी एक फ्रेंजाइजी होनी चाहिए, लेकिन वह इसको अमलीजामा नहीं पहना पाए थे।
पीसीबी ने आईसीसी से कहा है कि बीसीसीआई ने आईसीसी सदस्यों को कॉल करके उनके संन्यास ले चुके खिलाड़ियों को इस लीग में खेलने से मना करके इस खेल को बदनाम किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर वह इस लीग में खेलते हैं तो उन्हें भारत में काम नहीं करने दिया जाएगा। इस तरह की चीजें बीसीसीआई की ओर से स्वीकार नहीं की जाएगी, जो खेल भावना के विपरीत हैं, यह ना तो सही जा सकती हैं ना ही दरकिनार की जा सकती हैं। पीसीबी इस मामले को आईसीसी फॉरम के सामने उठाएगा और इस पर आईसीसी चार्टर के मुताबिक एक्शन लेने की भी अपील करेगा।
केपीएल के कुछ अंदरूनी मुद्दे भी हैं जहां पीएसएल इस लीग को हरी झंडी देने के लिए पीसीबी से खुश नहीं है, क्यों​कि उन्हें लगता है कि इससे पीसीएल को वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। ऐसा इसीलिए क्योंकि पीएसएल, पीसीबी का शोपीस प्रोडक्ट बन गया है और इसमें कई घरेलू क्रिकेट से जुड़े दिग्गज खेलते हैं, इससे वित्तीय करारों पर प्रभाव पड़ेगा। केपीएल की प्रसारण भी होगा और डिजिटल पर मौजूदगी भी रहेगी और इससे लोकल वित्तीय फायदे प्रभावित होंगे।
इन सभी मुद्दों से पीसीबी को अवगत कराया गया था लेकिन पीसीबी के सीईओ ने यह आश्वासन दिया था कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा जिससे पीएसएल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचे। वसीम खान ने फ्रेंचाइजी मालिकों से कहा था कि पीएसएल देश का सर्वश्रेष्ठ टी20 टूर्नामेंट रहेगा। पीसीबी, केपीएल को मन मुताबिक इसके आयोजन की छूट नहीं देगी। यह पहले भी पीएसएल से मिलती जुलती आयोजन तिथि के कारण स्थगित कर दिया गया था। खान के मुताबिक केंद्रीय करार से जुड़े खिलाड़ी इसमें शामिल नहीं होंगे, जिससे शादाब, उस्मान कादिर, जमान के इस लीग में भाग लेने पर संशय हो गया है।
इसी के साथ देश के बड़े खिलाड़ी पीएसएल के साथ ही नेशनल टी20 कप में भी खेलेंगे, जो पाकिस्तान का दूसरा बड़ा टी20 टूर्नामेंट है।

उमर फारूख ESPNcricinfo में पाकिस्तान के संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।