भारतीय ओपनर केएल राहुल ने हेडिंग्ली की पिच की तुलना उपमहाद्वीप की विकेट से की है और कहा है कि टेस्ट के अंतिम दिन रन बनाना आसान नहीं होगा।
भारत ने राहुल के शानदार 137 रन और ऋषभ पंत के मैच के दूसरे शतक की मदद से इंग्लैंड को 371 रनों का लक्ष्य दिया। इंग्लैंड ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक बिना विकेट खोए 21 रन बना लिए थे और जीत के लिए अब भी 350 रन की ज़रूरत है। राहुल को उम्मीद है कि "अंतिम दिन बेहद दिलचस्प" होगा।
राहुल ने जियोस्टार के साथ बातचीत में कहा, "मुझे लगता है कि पहले दो दिन काफ़ी गर्मी थी, जिससे पिच पर असर पड़ा है। चौथे दिन के खेल के बाद "दरारें अब खुलने लगी हैं। थोड़ी रफ़ भी बन गई है, और विकेट भी काफ़ी सूखी है। ज़्यादातर मामलों में यह उपमहाद्वीप की पांचवें दिन की विकेट जैसी है।"
"पांचवें दिन की विकेट आसान नहीं होगी, लेकिन हमें पता है कि इंग्लैंड किस तरह की क्रिकेट खेलता है। वे आक्रामक होकर चौके लगाने और जल्दी रन बनाने की कोशिश करेंगे। हमें यह ध्यान में रखना होगा और जितना हो सके सीधी गेंदबाज़ी करनी होगी। धैर्य रखना होगा और उन्हें आसानी से रन नहीं देने होंगे, उन्हें मेहनत कर के रन बनाने पर मजबूर करना होगा। यह दिन बहुत रोमांचक हो सकता है।"
चौथे दिन का खेल जब शुरू हुआ, तब मैच बराबरी पर था। भारत दो विकेट पर 96 रन की बढ़त के साथ उतरा था। दिन की शुरुआत में कप्तान गिल का विकेट जल्दी गिर गया लेकिन राहुल और पंत ने मोर्चा संभाल लिया। पहले घंटे में भारत ने सिर्फ़ 28 रन बनाए लेकिन एक ही विकेट गंवाया, जबकि गेंद काफी स्विंग कर रही थी।
राहुल ने कहा, "आज सुबह माहौल बिल्कुल अलग था। ऐसा लग रहा था जैसे पहली बार हम असली इंग्लिश परिस्थितियों में खेल रहे हैं। गेंद घूम रही थी, मौसम भी बादलों से ढका था और विकेट से भी कुछ मदद मिल रही थी।"
"पहले दो दिनों में जब हम बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तब ज़्यादा कुछ नहीं हो रहा था। हवा में थोड़ी स्विंग थी लेकिन पिच से ज़्यादा मदद नहीं मिल रही थी। लेकिन आज सुबह का स्पेल वाक़ई शानदार था। मुझे लगा कि मुझे काफ़ी संभल कर खेलना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि पहले सेशन में हम ज़्यादा विकेट ना गंवाएं। मैं जितना हो सके सीधा खेलने की कोशिश कर रहा था।"
राहुल ने यह भी कहा कि इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ भारत A की ओर से दूसरा अनौपचारिक टेस्ट खेलने से उन्हें इंग्लैंड की परिस्थितियों के अनुसार ढलने में मदद मिली और टेस्ट क्रिकेट की लय दोबारा हासिल हुई।
उन्होंने कहा, "[मैंने सोचा] अगर मुझे बीच में थोड़ा वक़्त मिल जाए, तो ड्यूक बॉल के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी करना और ठंडी-हवादार परिस्थितियों में कुछ गेंदें छोड़ना, फिर टेस्ट क्रिकेट की लय में वापस आना बहुत मददगार होगा। इसलिए जल्दी आना और यहां की परिस्थितियों में ढलना मेरे लिए फायदेमंद रहा। फिर से सफेद कपड़ों में सहज महसूस करना और लाल गेंद को अपने पास आता देखकर सहज होना मेरे लिए ज़रूरी था।"
"इससे मेरी तैयारी में काफ़ी मदद मिली। और हां, मैं पहले भी यहां खेल चुका हूं, कुछ टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा रहा हूं। तो मुझे अंदाज़ा था कि क्या उम्मीद करनी है। लेकिन हर सीरीज़ अलग होती है। इस बार गेंदबाज़ अलग हैं, हालात अलग हैं, तो बस फोकस करने और साधारण चीज़ें सही करने पर ध्यान देना था।"
राहुल ने ऋषभ पंत की तारीफ़ भी की, जिनके साथ उन्होंने चौथे विकेट के लिए 195 रन की अहम साझेदारी की।
उन्होंने पंत के बारे में कहा, "जब ऋषभ क्रीज़ पर आते हैं, तो बस उन्हें खेलने दो। उन्हें अच्छे से पता होता है कि टीम के लिए और अपने लिए क्या बेहतर है और वो कैसे उस चीज़ को कर सकते हैं। हर खिलाड़ी अलग होता है और ऋषभ एकदम अलग तरह के खिलाड़ी हैं। वो टीम के लिए काम करते हैं, तो बस सुनिश्चित करना होता है कि वो बुनियादी चीज़ें सही कर रहे हैं। हम पहले भी कुछ साझेदारियां निभा चुके हैं, इसलिए साथ खेलकर मज़ा आता है।"