विराट सिंह के नाम इस रणजी सीज़न में दो शतक और एक अर्धशतक है • Courtesy Virat Singh
विराट सिंह को झारखंड क्रिकेट का संकटमोचक कहा जाने लगा है। नंबर-4 के अपने प्रिय बल्लेबाज़ी क्रम पर अधिकतर समय जब वह बल्लेबाज़ी करने आते हैं, झारखंड क्रिकेट टीम मुश्किल में खड़ी होती है। सामने से विकेट गिर रहे होते हैं और उसको संभालने की ज़िम्मेदारी उनके कप्तान पर ही आ जाती है। विराट बहुत कम ही अपनी टीम को निराश करते हैं। वह आते हैं, बाएं हाथ की अपनी स्टाइलिश और आंखों को मोह लेने वाली बल्लेबाज़ी से रन बनाते हैं और अपनी टीम को संकट से उबारकर आगे ले जाते हैं।
अब पिछले सोमवार समाप्त हुई रणजी राउंड-3 के मुक़ाबले को ही ले लिया जाए। दिल्ली के बेहद ठंड और बल्लेबाज़ी के लिए मुश्किल भरी परिस्थितियों में झारखंड की टीम सर्विसेज़ के ख़िलाफ़ आठ रन पर दो विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। कुछ ही समय बाद यह स्कोर आठ रन पर तीन और 65 रन पर चार विकेट था।
विराट एक छोर पर डटे रहे और युवा विकेटकीपर बल्लेबाज़ कुमार कुशाग्र के साथ 171 रन की साझेदारी कर अपनी टीम को संकट से उबारा। विराट ने इस पारी में 15 चौकों की मदद से 108 रन बनाए और झारखंड 300 से ऊपर का स्कोर बनाने में क़ामयाब रहा। हालांकि यह पहली बार नहीं हो रहा था। कोरोना काल के बाद पिछले तीन घरेलू सीज़न में तीनों फ़ॉर्मैट को मिलाकर विराट कुल 13 शतक लगा चुके हैं और इसमें से अधिकतर शतक टीम को संकट से उबारने के काम ही आया है।
विराट कहते हैं, "जब आप प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हैं तो आपको चुनौतियां लेनी पड़ती हैं, इसलिए ही इसे 'फ़र्स्ट क्लास' क्रिकेट कहा गया है। मुझे जब यह ज़िम्मेदारी (कप्तानी) मिली है तो मैं इसे निभाने की पूरी कोशिश कर रहा हूं। जब आपको ज़िम्मेदारी मिलती है, तब आपको उसे अपना बनाना होता है। मैं वही करने की कोशिश कर रहा हूं।"
सर्विसेज़ के ख़िलाफ़ मैच में यह विराट का लगातार दूसरा रणजी शतक था। इससे पहले उन्होंने महाराष्ट्र के ख़िलाफ़ रणजी मैच में भी तेज़ 108 रन बनाए थे और अपनी टीम को 400 के स्कोर के पार पहुंचाया था। इस सीज़न विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी मैचों में भी विराट ने दो शतकों सहित 60 की औसत और 98 के स्ट्राइक रेट से सात मैचों में 360 रन बनाए थे और वह झारखंड की तरफ़ से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी में भी वह छह पारियों में 154 के स्ट्राइक रेट और 43 की औसत से 259 रन बनाकर झारखंड के टॉप स्कोरर थे, जिसमें दो अर्धशतक भी शामिल था।
कोविड के बाद 2021-22 में जब पहली बार रणजी ट्रॉफ़ी हुआ था तो भी विराट ने सीज़न में तीन शतक लगाकर अपनी टीम को क्वार्टर फ़ाइनल तक पहुंचाया था। क्वार्टर फ़ाइनल में भी जब बंगाल के गेंदबाज़ों के सामने झारखंड के विकेट एक के बाद एक लगातार गिर रहे थे, तब भी उन्होंने एक छोर संभाले रखा और नाबाद 113 रन बनाते हुए अपनी टीम को 300 के स्कोर के क़रीब ले गए थे। हालांकि उनके अकेले के लिए बंगाल के पहली पारी के 773 के स्कोर को पार पा पाना बहुत ही मुश्किल था।
विराट को अगले सीज़न जब 2022-23 में टीम की कप्तानी दी गई तो उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी और रणजी ट्रॉफ़ी दोनों में दो-दो शतक लगाकर इसका जश्न मनाया। उनकी कप्तानी में झारखंड की टीम फिर से क्वार्टर फ़ाइनल में पहुंची, हालांकि फिर बंगाल ने उन्हें रोक लिया।
इस घरेलू सीज़न विराट फिर से शानदार लय में दिख रहे हैं। सैयद मुश्ताक़ और विजय हज़ारे में अच्छा करने के बाद रणजी ट्रॉफ़ी में कुछ विशेष कर वह इस सीज़न को 'बड़ा' बनाना चाहते हैं।
विराट कहते हैं, "मैंने इस सीज़न ज़्यादा कुछ नहीं बदला है, मेरी तकनीक अब भी कमोबेश वही है। लेकिन मैंने अपने माइंडसेट पर बहुत काम किया है। मैं पिछले दो-तीन साल से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन सीज़न में दो या तीन शतक लगा देने भर से आपको उतनी पहचान नहीं मिलती। इसलिए मैंने सोचा है कि मैं इस सीज़न को 'बड़ा' बनाऊंगा। मैं यहां पर सिर्फ़ दो या तीन शतक बनाकर रुकना नहीं चाहता बल्कि चार, पांच या छह शतकों के साथ सीज़न को समाप्त करना चाहता हूं।"
घरेलू क्रिकेट में विराट लगातार रन बना रहे हैं, लेकिन चयनकर्ताओं की रडार में वह कहीं भी नहीं दिखते। हाल ही में इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ आख़िरी दो अनाधिकृत टेस्ट मैचों के लिए जब इंडिया ए की टीम चयनित हुई, तो उनकी टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज़ कुमार कुशाग्र का तो नाम दल में था, लेकिन विराट कहीं नहीं थे। इससे पहले इंडिया ए के युवा खिलाड़ियों का एक बड़ा जत्था जब साउथ अफ़्रीका दौरे पर गया था, तो भी विराट का नाम उस सूची में शामिल नहीं था।
विराट इसको लेकर थोड़ा सा निराश भी दिखते हैं। उन्होंने कहा, "हां, मैं निराश तो हूं, लेकिन इसके बारे में ज़्यादा सोच नहीं रहा। इसमें ज़्यादा कुछ किया भी नहीं जा सकता है। मैं उम्मीद कर रहा था कि मुझे इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ इंडिया ए टीम में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पर ठीक है, मेरा काम है- रन बनाना और मैं रन बनाता रहूंगा, जब टीम में चयन होना होगा, हो ही जाएगा।"
2016-17 के घरेलू सीज़न के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने झारखंड की तरफ़ से कुछ विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी मैचों में हिस्सा लिया था। तब धोनी ने 20 वर्षीय युवा विराट की तकनीक और फ़िटनेस की ख़ूब प्रशंसा की थी और कहा था कि एक युवा क्रिकेटर के तौर पर विराट बिल्कुल सही रास्ते पर हैं। विराट भी अपनी फ़िटनेस और ट्रेनिंग पर बहुत ज़ोर देते हैं और यह उनके इंस्टाग्राम एकाउंट से भी साफ़ झलक जाता है, जो उनकी जिम और ग्राउंड ट्रेनिंग वीडियोज़ से भरा पड़ा है।
विराट याद करते हुए बताते हैं, "पहले मैं बहुत गोल-मटोल खिलाड़ी हुआ करता था, लेकिन मैंने अपनी फ़िटनेस पर कड़ी मेहनत की और जिम में पसीना बहाया। मैं अब मैदान पर पहले से अधिक तेज़ और आक्रामक हूं। जो मुझे जिम या ग्राउंड पर देखते हैं, वह जानते हैं कि मैं अपनी फ़िटनेस और स्किल्स पर कितनी मेहनत करता हूं। मैं पिछले पांच-छह सालों से लगातार अपनी फ़िटनेस पर मेहनत करता आ रहा हूं और इस बार भी मैंने नए साल के दिन रिज़ोल्यूशन लिया कि इस कड़ी मेहनत को बरक़रार रखना है।"
2020 की IPL की नीलामी में सनराइज़र्स हैदराबाद ने विराट को 1.9 करोड़ रूपये में ख़रीदा था। लेकिन उन्हें दो सालों में सिर्फ़ तीन ही मैच खेलने का मौक़ा मिला, जिसमें वह प्रभाव छोड़ने में असफल रहे। इसके बाद विराट को टीम से रिलीज़ कर दिया गया और तब से वह किसी भी IPL टीम का हिस्सा नहीं हैं। इस बार दिसंबर में हुई IPL 2024 की नीलामी में विराट को उम्मीद थी कि उन्हें कोई ना कोई टीम ज़रूर लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लेकिन विराट निराश नहीं हैं और अब उनकी उम्मीद अगले साल होने वाली IPL की बड़ी नीलामी से है।
विराट कहते हैं, "सफ़ेद गेंद क्रिकेट में मेरा सीज़न अच्छा गया था और मैंने झारखंड की तरफ़ से सैयद मुश्ताक़ और विजय हज़ारे में सबसे अधिक रन बनाए थे। मैंने तीन-चार फ़्रैंचाइज़ी का ट्रायल भी दिया और मुझे उम्मीद थी कि मैं किसी ना किसी टीम में ज़रूर चुना जाऊंगा। लेकिन शायद मैं शीर्ष क्रम का बल्लेबाज़ हूं और अधिकतर टीमों को मध्य क्रम के बल्लेबाज़ या फ़िनिशर चाहिए थे। इसलिए अब मुझे लगता है कि जब अगले साल बड़ी नीलामी होगी तब कोई टीम मुझ पर दांव लगाए, क्योंकि तब अधिकतर टीमें फिर से नए सिरे से बनेंगी।"