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रणजी ट्रॉफ़ी के 91वें संस्करण के बारे में जानिए सब कुछ

कई बड़े खिलाड़ियों ने ट्रांसफ़र लिया है, वहीं कुछ खिलाड़ियों की नज़रें राष्ट्रीय टीम में वापसी पर होगी

Vidarbha are the 2024-25 Ranji Trophy champions, Kerala vs Vidarbha, Ranji Trophy final, 5th day, Nagpur, March 2, 2025

क्या विदर्भ 2024-25 का ख़िताब बचा पाएगा?  •  PTI

रणजी ट्रॉफ़ी का 91वां सीज़न 15 अक्तूबर से शुरू होगा, जिसमें 32 टीमें भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे बड़े इनाम के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। छह टीमें प्लेट चैम्पियनशिप के लिए भी खेलेंगी। कुल मिलाकर प्रतियोगिता में 138 मैच खेले जाएंगे। आइए देखते हैं इस सीज़न में क्या ख़ास रहने वाला है।

खिलाड़ियों के लिए क्या दांव पर है?


रणजी ट्रॉफ़ी के ख़िताब के अलावा क्या और अधिक दांव पर रह सकता है। भारत का अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर अगले साल की शुरुआत में होने वाले T20 विश्व कप से पहले T20Is से भरा हुआ है। दिसंबर में होने वाली IPL की छोटी नीलामी के कारण सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी (SMAT) पर सबकी नज़रें रहेगी। लेकिन इस सीज़न में सिर्फ़ दो घरेलू टेस्ट बचे हैं जो नवंबर में साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ हैं। इसलिए रणजी ट्रॉफ़ी में प्रदर्शन से टेस्ट डेब्यू या कमबैक की संभावना बहुत कम है क्योंकि भारत की अगली टेस्ट सीरीज़ नवंबर के बाद 2026 के दूसरे हिस्से में होगी।

जब रणजी ट्रॉफ़ी अक्तूबर के बीच में शुरू हो रही है, तो SMAT दिसंबर में कैसे होगा?


पिछले सीज़न की तरह रणजी ट्रॉफ़ी दो चरणों में खेली जाएगी। पहले चरण में पांच राउंड होंगे और यह 15 अक्तूबर से 19 नवंबर तक चलेगा। इसके बाद सफ़ेद गेंद क्रिकेट शुरू हो जाएगा, जिसमें सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी (26 नवंबर-18 दिसंबर) और विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी (26 दिसंबर-18 जनवरी) होंगी। रणजी ट्रॉफ़ी 22 जनवरी से 1 फरवरी 2026 तक दो और राउंड के साथ फिर शुरू होगी, जिसके बाद नॉकआउट्स होंगे और फ़ाइनल 28 फ़रवरी को समाप्त होगा।

फ़ॉर्मैट क्या है?


फ़ॉर्मैट भी पिछले सीज़न जैसा ही है। 32 एलीट टीमों को आठ-आठ के चार ग्रुप में बांटा गया है। हर ग्रुप की शीर्ष दो टीमें क्वार्टर-फ़ाइनल में पहुंचेंगी। छह प्लेट टीमें राउंड-रॉबिन फ़ॉर्मैट में खेलेंगी और शीर्ष दो टीमें फ़ाइनल खेलेंगी।

क्या मुंबई फिर फ़ेवरिट है?


हां, वे 42 बार की चैंपियन टीम हैं, लेकिन पिछले सीज़न में वे दबदबा नहीं बना सके। उनके मानकों के हिसाब से ख़िताब से कम कुछ भी "सफल" नहीं माना जा सकता। 2024-25 में उन्हें सेमीफ़ाइनल में विदर्भ से चौंकाने वाली हार मिली। बाद में अक्षय वाडकर की कप्तानी में विदर्भ ने दस साल में तीसरा ख़िताब जीता। विदर्भ इस बार ईरानी कप के विजेता के रूप में भी टूर्नामेंट में उतर रहा है।
मुंबई के पास इस बार नया कप्तान शार्दुल ठाकुर है, जो भारत के ऑलराउंडर हैं। उन्होंने अजिंक्य रहाणे की जगह ली है, जो अभी भी टीम का हिस्सा रहेंगे। रहाणे ने यह स्पष्ट किया है कि वह भारतीय टीम में वापसी की उम्मीद में रेड-बॉल क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहते हैं, भले ही यह मुश्किल लगे।

अगर रहाणे खेल रहे हैं, तो चेतेश्वर पुजारा का क्या?


पुजारा ने अगस्त में संन्यास ले लिया था और अब वह प्रसारण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। हालांकि, वह भविष्य में किसी न किसी रूप में क्रिकेट में योगदान देना चाहते हैं।

किन खिलाड़ियों पर नज़र रखनी चाहिए?


इशान किशन एक समय भारत के तीनों फ़ॉर्मैट के खिलाड़ी थे, लेकिन पिछले सीज़न में रणजी ट्रॉफ़ी से उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठे थे। लेकिन इस साल वह झारखंड के कप्तान के रूप में वापसी कर रहे हैं। रजत पाटीदार को मध्य प्रदेश की सभी फ़ॉर्मैट की कप्तानी सौंपी गई है और वह दलीप ट्रॉफ़ी और ईरानी कप के दौरान बेहतरीन फ़ॉर्म में थे। बंगाल के अभिमन्यु ईश्वरन भी टेस्ट टीम से बाहर होने के बाद सलामी बल्लेबाज़ के रूप में अपनी पहचान फिर से मज़बूत करना चाहते हैं।

अश्विन ने संन्यास ले लिया है और जाडेजा अब युवा नहीं हैं। तो अब अगली कतार में स्पिनर कौन हैं?


वॉशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल अपने करियर के अच्छे दौर में हैं, इसलिए किसी युवा स्पिनर के लिए जगह बनाना आसान नहीं है। लेकिन चयनकर्ता विदर्भ के ऑलराउंडर हर्ष दुबे को लेकर उत्साहित हैं, जिन्होंने पिछले सीज़न में 69 विकेट के साथ सबसे ज़्यादा विकेट लिए थे। राजस्थान के मानव सुथार एक और बाएं हाथ के स्पिनर हैं, जिन पर नज़र रखी जानी चाहिए। साथ ही मुंबई के ऑफ़ स्पिनर तनुष कोटियान पर भी, जो भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा रह चुके हैं।

क्या कोई तेज़ गेंदबाज़ ध्यान खींच सकता है?


केरल के ईडन एप्पल टॉम ने पिछले साल रणजी ट्रॉफ़ी के दौरान शानदार स्विंग गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया था। उन्हें BCCI के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में तेज़ गेंदबाज़ों की विशेष सूची में शामिल किया गया है। साथ ही पंजाब के गुरनूर बराड़ भी इसमें शामिल हैं। चयनकर्ता तमिलनाडु के बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ गुरजपनीत सिंह पर भी नज़र रखे हुए हैं, जो बहुत तेज़ तो नहीं हैं, लेकिन सीम पर गेंद हिट करते हैं और दोनों तरफ़ स्विंग करा सकते हैं।

और उभरते बल्लेबाज़?


विदर्भ के दानिश मालेवर पर नज़र रखें, जिन्होंने अपने पहले सीज़न में 783 रन बनाए। करुण नायर के कर्नाटक लौटने के बाद युवा मालेवर पर विदर्भ के लिए ज़िम्मेदारी और बढ़ेगी।
कर्नाटक के आर. स्मरण ने भी अपने पहले सीज़न में अच्छा प्रभाव छोड़ा है और मध्य क्रम में देखने लायक़ खिलाड़ी हैं। IPL में शानदार शुरुआत के बाद प्रियांश आर्या का रेड-बॉल क्रिकेट में आगाज़ भी दिल्ली के लिए देखने लायक़ रहेगा।

करुण नायर के अलावा और कौन बड़े ट्रांसफ़र हुए हैं?


सबसे पहले पृथ्वी शॉ का नाम आता है, जो मुंबई के साथ कुछ कठिन सालों के बाद महाराष्ट्र के लिए खेलेंगे। शॉ ने प्री-सीज़न में शानदार फ़ॉर्म दिखाई है और बुची बाबू ट्रॉफ़ी व मुंबई के ख़िलाफ़ एक अभ्यास मैच में शतक लगाए हैं।
वह महाराष्ट्र की मज़बूत शीर्ष क्रम का हिस्सा हैं, जिसमें ऋतुराज गायकवाड़ और कप्तान अंकित बावने भी शामिल हैं। रणजी के "मैराथन मैन" जलज सक्सेना ने भी केरल के लिए नौ सीज़न खेलने के बाद महाराष्ट्र का रुख़ किया है।
जितेश शर्मा ने विदर्भ से बड़ौदा का रुख किया है ताकि अपने रेड-बॉल करियर को फिर से जीवित कर सकें। वहीं हनुमा विहारी त्रिपुरा के लिए खेलते हुए करुण नायर की तरह वापसी की उम्मीद रखेंगे।

कुछ दिलचस्प शुरुआती मैच?


15 अक्तूबर के पहले राउंड में तमिलनाडु, झारखंड की मेज़बानी करेगा। सक्सेना भी अपनी पुरानी टीम के ख़िलाफ़ खेलेंगे, जब केरल और महाराष्ट्र की भिड़ंत पहले राउंड में होगी। हाल के चैंपियंस सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच मुक़ाबला भी देखने लायक़ रहेगा।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में वरिष्ठ संवाददाता हैं