तेंदुलकर बनाम श्रीलंका : वनडे चैंपियन से पहली और सबसे यादगार मुलाक़ात
वैसे भारत के दिग्गज बल्लेबाज़ ने टेस्ट क्रिकेट में भी श्रीलंका के विरुद्ध कुछ कमाल की पारियां खेली हैं

श्रीलंका के विरुद्ध 2011 विश्व कप जीत में सचिन तेंदुलकर ने 18 रन बनाए थे • AFP
एक बहुत ख़ास घरेलू मैच
अगर आप तेंदुलकर के करियर से परिचित हैं तो आपको पता होगा कि करियर के पहले चार सालों में उन्हें भारत में बहुत कम खेलने का मौक़ा मिला। इसमें एक अपवाद था श्रीलंका का 1990 में भारत दौरा, जिसमें चंडीगढ़ में खेले गए इकलौते टेस्ट में भारत की पारी की जीत में 17-वर्षीय तेंदुलकर ने केवल 11 बनाए।
1990 के दशक का सबसे क़ीमती टेस्ट शतक?
लगभग 19 साल पहले मैंने कॉमेंटेटर हर्षा भोगले से पूछा था कि 1980 के आसपास उनके करियर की शुरुआत से उनके लिए भारत का सबसे यादगार दौरा कौन सा था? उनका जवाब था 1993 में भारत का श्रीलंका दौरा, जिसे मैंने व्यक्तिगत तौर पर 11 साल की उम्र में केवल रेडियो और अख़बार के सहारे ही फ़ॉलो किया था।
कप्तानी की भावभीनी शुरुआत
1996 में जब तेंदुलकर कप्तान बने तो टीम में थोड़ी अस्थिरता ज़रूर थी। हालांकि सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के रूप में कुछ युवा खिलाड़ी टीम में आ चुके थे, विश्व कप और इंग्लैंड दौरे के बाद काफ़ी अनुभवी खिलाड़ी या तो टीम से बाहर जा चुके थे या उस दौरान फ़ॉर्म में नहीं थे।
जब तेंदुलकर बने गावस्कर से भी अव्वल
2005 के दिल्ली टेस्ट में मैच से पहले सारा ड्रामा गांगुली के चयन को लेकर था। यह वह दौर था जब ग्रेग चैपल कोच बनकर आए थे, और ऐसे में गांगुली को कप्तानी के साथ टीम में जगह से हाथ धोना पड़ा। कोटला टेस्ट से पहले बीसीसीआई अध्यक्ष के हस्तक्षेप से उन्हें एकादश में स्थान दिया गया।
भला नाक़ाम होना भी यादगार हो सकता है?
यक़ीन नहीं आता तो अप्रैल 2011 की बात सोच लीजिए। जब आप एक लक्ष्य का पीछा 19 साल से करते आए हैं और यह आपको मिल जाए तो क्या ही शतक और क्या ही 18 रन, क्यों?
देबायन सेन ESPNcricinfo के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख हैं।