कोलकाता में खेले जा रहे
पहले T20I के टॉस के दौरान जब सूर्यकुमार यादव ने भारतीय प्लेइंग XI के बारे में बताया तो सब सकते में थे। उस लिस्ट में
मोहम्मद शमी का नाम नहीं था और इस तरह से शमी के 431 दिनों (अंतिम बार जब शमी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला था), का लंबा इंतेज़ार जारी रहा।
12 जनवरी को ख़बर आती है कि शमी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाली T20 सीरीज़ का हिस्सा होंगे। उसके बाद जब चैंपियंस ट्रॉफ़ी और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाली वनडे सीरीज़ के लिए टीम की घोषणा हुई तब भी वह टीम में थे। कोलकाता में होने वाले T20I के लिए जब भारतीय टीम पहले दिन अभ्यास के लिए उतरी तो शमी ने जम कर घंटे भर से ज़्यादा गेंदबाज़ी की। कुल मिला कर संकेत यह मिल रहे थे कि शमी पहला T20I खेलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
इसके अलावा सूर्यकुमार यादव ने भी मैच की पूर्व संध्या शमी के वापसी के बारे में बात की थी और कहा था कि शमी ने जिस तरह से वापसी की है, उससे वह काफ़ी ख़ुश हैं।
सूर्या ने कहा, "टीम में एक अनुभवी गेंदबाज़ का वापस आना, हम सभी के लिए एक अच्छी बात है। शमी काफ़ी समय से क्रिकेट से दूर रहे हैं लेकिन उन्होंने जिस तरह की वापसी की है, उससे मैं काफ़ी खु़श हूं। उनकी इस वापसी को सफर को मैंने काफ़ी क़रीब से देखा है, और मुझे पता है कि उन्होंने इस चीज़ के लिए कितनी मेहनत की है।"
पहले दिन अभ्यास के दौरान शमी ने बाएं घुटने पर एक स्ट्रैप लगाई हुई थी। हालांकि ऐसा नहीं था कि उससे शमी किसी तरह की तकलीफ़ में दिखे थे। उस दिन उन्होंने तीन अलग-अलग स्पैल में एक घंटे से ज़्यादा की गेंदबाज़ी की थी। हालांकि दूसरे दिन जब भारतीय टीम अभ्यास करने आई तो शमी ने सिर्फ़ वॉर्म अप किया और कोई अभ्यास नहीं किया।
मैच की पूर्व संध्या उन्होंने थोड़ा मोड़ा अभ्यास किया और मैच वाले दिन जब वह अभ्यास करने आए तो उनके दोनों पैरों में स्ट्रेप लगी हुई थी। सूर्या ने टॉस के समय शमी के टीम में होने या नहीं होने का कोई कारण नहीं बताया। इस ख़बर के लिखे जाने तक आधिकारिक तौर पर शमी के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।