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पॉलक : पोडियम पर राष्ट्रगान गा पाना एक अतुल्य अनुभव

जब साउथ अफ़्रीका ने 1998 राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीता था

The Commonwealth Games 1998 gold medal-winning South Africa team

1998 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली साउथ अफ़्रीकी टीम  •  Getty Images

राष्ट्रमंडल खेल में जाना सब के लिए एक नया लेकिन लुभावना अनुभव था। खेल गांव में साउथ अफ़्रीका के सभी खिलाड़ियों में दोस्ताना अंदाज़ था। हमने कई और अन्य खेलों के खिलाड़ियों के साथ भी समय गुज़ारा, जो अलग-अलग देशों से आए हुए थे। आम तौर पर होटल में रहने और गांव में रहने में ख़ासा फ़र्क़ था। हालांकि आख़िर तक कैफ़ेटेरिआ के खाने से हम ऊब चुके थे। बहरहाल सुख सुविधाएं बहुत अच्छी थी। चश्मे की दुकान, बाल बनाने वाले, अन्य दुकानें और ईमेल की सुविधा, वहां सब उपलब्ध था।
अभ्यास की सुविधाएं थोड़ी कम थीं और ऊपर से घास वाली पिच बनाने के लिए सिर्फ़ एक साल का वक़्त था। इसी कारण से पिच भी थोड़ी कठिन मिली। नॉर्थर्न आयरलैंड और बांग्लादेश से हम जीते लेकिन थोड़ी मुश्क़िल से। बारबेडोस के साथ हुए मैच तक, हम परिस्थिति के आदि हो गए थे और हमने 250 रन बनाकर मैच जीत लिया। अब पदक हमें पास दिखने लगा था और सेमीफ़ाइनल में हमने श्रीलंका को 130 रनों पर ही रोक दिया। जवाब में हम 96 रनों पर 9 विकेट गंवा चुके थे लेकिन फिर निकी बोये और ऐलन डॉसन, जिनकी पत्नी पॉला हमारे दौरे के बीच मा बनीं थीं, ने मेरे जीवन के सबसे रोमांचक मैच में हमें बचा लिया।
फ़ाइनल में एक मज़बूत ऑस्ट्रेलियाई टीम हमारे सामने खड़ी थी। हम रजत पदक तो जीतने ही वाले थे और खोने को कुछ नहीं था। पिच में टर्न के चलते हमने तीन स्पिनर खिलाए। टॉस जीत कर हमने गेंदबाज़ी चुनी और कसी हुई गेंदबाज़ी की। स्टीव वॉ हमेशा की तरह लड़ते रहे और अपनी टीम को 183 के स्कोर तक ले गए। जवाब में ऐंड्र्यू हडसन और माइक रिंडल ने कम समय में 70 रन जोड़े और इससे बाक़ी बल्लेबाज़ी पर कोई दबाव नहीं पड़ा। ऑस्ट्रेलिया जैसी अच्छी टीम को हराना बहुत संतोषजनक रहा, ख़ासकर राष्ट्रमंडल खेल के इतिहास में पहले स्वर्ण पदक के लिए तो ये काफी अच्छा अनुभव रहा।
पोडियम पर चढ़ कर, पदक स्वीकार करना और फिर राष्ट्रगान गा पाना, यह एक अतुल्य अनुभव था जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा। समारोह के बाद हमने अपने देश के और खिलाड़ियों के साथ ख़ूब जश्न मनाया। हमारे टीम में कई बड़े नाम मौजूद नहीं थे और मैं उम्मीद करता हूं इनमें कुछ आगे बढ़कर बहुत नाम कमाएंगे।

(शॉन पॉलक 1998 टीम के कप्तान थे। यह लेख ESPNcricinfo में मई 2010 में छपा था, कैथी ओवेन के सौजन्य से।)