श्रेयस अय्यर : पीठ का दर्द इतना कष्टदायी था कि मैं बयां भी नहीं कर सकता
भारतीय बल्लेबाज़ सर्जरी के चार महीने में वापसी से ख़ुद काफ़ी आश्चर्य में हैं

'ऐसे समय में धैर्य बहुत अहम बात होती है और मैं अब जहां हूं वहां काफ़ी ख़ुश हूं' • AFP/Getty Images
मार्च में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के चौथे टेस्ट के दौरान श्रेयस के पीठ की परेशानी बढ़ गई थी। शुरुआत में वह बिना सर्जरी के आईपीएल के दूसरे हिस्से में भाग लेने की संभावना ढूंढ रहे थे। हालांकि स्लिप्ड डिस्क के "कष्टदायी दर्द" के चलते उन्होंने आगे आनेवाले समय में "करियर की लंबाई" को ध्यान में रखते हुए वापसी का लंबा रास्ता अपनाया।
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"असल में मेरे नसों के बीच एक दबाव सा था। स्लिप्ड डिस्क का ऐसा कष्टदायी दर्द था जो मेरे नसों को दबा रहा था और मेरे पैर के अंगूठे तक पहुंच रहा था। यह भयावह था और मैं बयां नहीं कर पा रहा था कि मुझे कितना दर्द था।"
आख़िरकार श्रेयस की सर्जरी अप्रैल में लंदन में की गई थी और इसके बाद उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में तीन हफ़्ते बिताने पड़े। इसके बाद उन्हें तीन महीने के रिहैब के लिए एनसीए भेजा गया था। इस प्रक्रिया का समापन पिछले हफ़्ते हुआ, जब कुछ अभ्यास मैचों में उन्हें परखने के बाद एनसीए के मेडिकल स्टाफ़ के प्रमुख नितिन पटेल ने उनके चयन को लेकर हरी झंडी दिखाई।
इस पूरे समय पर बात करते हुए श्रेयस बोले, "यह एक उतार-चढ़ाव से भरा समय था। तीन महीने पहले तक मैं काफ़ी दर्द में था, जो उसके बाद कम होने लगा। लेकिन इस दौरान सभी फ़िज़ियो यही कोशिश कर रहे थे कि शरीर के सभी हिस्सों में ताक़त बनी रहे। एक पेशेवर खिलाड़ी के लिए रिहैब के दौरान दर्द का रहना सबसे चुनौतीपूर्ण बात होती है। इस दौरान मेडिकल टीम के अलावा अच्छे दोस्तों और परिवारवालों का समर्थन ज़रूरी है। मैं जब डरने लगता था तो वह मुझे संभालते थे। ऐसे समय में धैर्य बहुत अहम बात होती है और मैं अब जहां हूं वहां काफ़ी ख़ुश हूं। शायद मैंने सोचा नहीं था कि मैं इतनी जल्दी लौटूंगा।"
उन्होंने चोट से उबरने के बाद यो-यो टेस्ट में अपने प्रदर्शन के बारे में कहा, "यह टेस्ट का पड़ाव सबसे सबसे कठिन होता है। फ़िज़ियो और प्रशिक्षक मेरे वापसी को लेकर आत्मविश्वासी थे लेकिन मेरे मन में काफ़ी संशय था। मुझे दर्द का एहसास था और मैं टेस्ट के बारे में ज़्यादा नहीं सोच रहा था। हालांकि समय के साथ मैंने पाया कि दर्द में कमी होने लगी और मेरे टांगों में जान आने लगी।
"कुछ देर में हम दौड़ने लगे। पहले रनिंग सेशन में मैं काफ़ी असहज था और समझ नहीं पा रहा था क्या होगा आगे। दूसरे में थोड़ी प्रगति नज़र आई। मैंने यो-यो टेस्ट के कुछ अभ्यास किए, मैच भी खेले। यो-यो टेस्ट से मैं भी काफ़ी आश्चर्यचकित रह गया।"
एशिया कप में श्रेयस अपने परिचित नंबर 4 में बल्लेबाज़ी करने को उत्सुक हैं, जिससे उन्हें सीधे विश्व कप स्क्वॉड में अपनी दावेदारी को पक्का करने का मौक़ा मिलेगा। उन्होंने कहा, "मैं जहां हूं, वहां काफ़ी संतुष्ट हूं। मैंने तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। लड़को के साथ दो दिनों का अभ्यास भी काफ़ी सकारात्मक रहा है। मैं बस यहां होकर हर पल का मज़ा लेने के बारे में उत्साहित हूं।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं, अनुवाद सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख दबायन सेन ने किया है