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वॉशिंगटन सुंदर : मुझे पता ही नहीं था कि मैं सुपर ओवर में गेंदबाज़ी करूंगा

भारतीय ऑलराउंडर ने कहा कि पिच की परिस्थिति को देखते हुए, सूर्या ने दो पार्ट टाइम गेंदबाज़ों के विकल्प को चुना होगा

Washington Sundar struck twice to put India back in the game, Sri Lanka vs India, 3rd T20I, Pallekele, July 30, 2024

तीसरे T20 मैच के 17वें ओवर में दो विकेट लेकर वॉशिंगटन ने मैच काफ़ी हद तक पलट दिया था  •  AFP/Getty Images

तीसरे T20I में श्रीलंका को जीत के लिए आख़िरी 12 गेंदों में सिर्फ़ नौ रनों की ज़रूरत थी। भारत के पास गेंदबाज़ी के लिए मोहम्मद सिराज का विकल्प मौजूद था, जिन्होंने अपने स्पेल के पहले तीन ओवरों में सिर्फ़ 11 रन दिए थे। इसके अलावा भारत के पास 20वें ओवर के लिए खलील अहमद का भी विकल्प मौजूद था।
उस वक़्त कुसल परेरा मैदान पर मौजूद थे और कप्तान सूर्यकुमार यादव ने अचानक से गेंद रिकू सिंह को थमा दी। इससे पहले रिंकू ने कभी भी T20I में गेंदबाज़ी नहीं की थी। हालांकि सूर्या की यह रणनीति काम कर गई। रिंकू ने पहले परेरा को आउट किया, जो उनके ख़िलाफ़ एक क्रॉस बैटेड शॉट लगाने का प्रयास कर रहे थे और उसके बाद रमेश मेंडिस मिड विकेट की दिशा में बड़ा शॉट लगाने की फिराक में सीमा रेखा पर शुभमन गिल को कैच दे बैठे।
रिंकू की किफ़ायती, कामगर और मैच टर्निंग ओवर को देखते हुए, सूर्या ने एक और अलग ही तरीक़े का फ़ैसला लिया। उन्होंने सिराज और खलील के विकल्प को नकारते हुए, ख़ुद गेंदबाज़ी की कमान संभाल ली और दो विकेट लेते हुए सिर्फ़ पांच रन दिए, जिससे मैच सुपर ओवर में पहुंच गया।
मैच के बाद भारतीय ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने सूर्या की कप्तानी को "अदभुत" करार देते हुए, उनकी काफ़ी प्रशंसा की। पिच पर गेंद काफ़ी ज़्यादा टर्न कर रही थी। साथ ही श्रीलंका के बल्लेबाज़ स्पिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ काफ़ी संघर्ष कर रहे थे। शायद इसी कारण से सूर्या ने दो पार्ट टाइम गेंदबाज़ों के विकल्प के साथ जाने का फ़ैसला लिया।
वॉशिंगटन ने मैच के बाद कहा, "आज के मैच में सूर्या की कप्तानी अदभुत थी। मुझे लगता है कि उन्हें लगा कि अगर वह स्पिनरों से अधिक गेंदबाज़ी कराएंगे तो हमारे पास मैच जीतने का अच्छा मौक़ा होगा। विकेट और स्थिति को देखते हुए, उन्होंने वह फ़ैसला लिया होगा और उन फ़ैसलों ने कमाल कर दिया।
एक समय पर 12 गेंद में 12 रनों (12 गेंद में नौ रन) की ज़रूरत थी। और ऐसे समय में कुशल परेरा जैसे बल्लेबाज़ के ख़िलाफ़ रिंकू सिंह को गेंदबाज़ी के लिए लाना और ख़ुद अंतिम ओवर में गेंदबाज़ी करना एक साहसी फ़ैसला था। वहीं हमलोग लगभग वह मैच जीत ही गए थे। हम सभी जानते हैं कि जब सूर्या बल्लेबाज़ी करने जाते हैं तो बहुत साहसी तरीक़े से खेलते हैं। साथ ही कप्तानी में भी वह इसी तरह का साहस दिखा रहे हैं। इस जीत का काफ़ी हद तक श्रेय उन्हें ही जाता है।"
मैच के टाई होने के बाद सूर्या ने वॉशिंगटन को सुपर ओवर में गेंदबाज़ी सौंपी थी और भारत को जीत दिलाने में वॉशिंगटन ने अहम भूमिका अदा की। इससे पहले उन्होंने अपने टार ओवर के स्पैल में 23 रन देकर दो विकेट लिया था।
वॉशिंगटन ने सुपर ओवर में अपनी गेंदबाज़ी के बारे में कहा, "सुपर ओवर के लिए जब बल्लेबाज़ मैदान पर आ चुके थे तो सूर्या मेरी तरफ़ मुड़े और कहा कि वॉशी तुम गेंदबाज़ी करो। मैं इससे सच में बहुत खु़श हुआ। जब कप्तान आपको मुश्किल परिस्थितियों में या सुपर ओवर में गेंदबाज़ी करने के लिए कहता है, तो मुझे लगता है कि यह मेरे लिए अपने देश के लिए मैच जीतने का एक शानदार मौक़ा है। भगवान का शुक्र है कि सब ठीक रहा।"
इस मैच में काफ़ी समय तक ऐसा लग रहा थी कि भारत अपनी पहली पारी के स्कोर (137) को डिफेंड नहीं कर पाएगा। हालांकि सूर्या ने कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी। एक समय पर तो श्रीलंका को 29 गेंदों में 29 रनों की ज़रूरत थी और नौ विकेट शेष थे।
वॉशिंगटन ने कहा, "सूर्या हमें लगातार बता रहे थे कि एक या दो विकेट मिलने से मैच जरूर बदलेगा। इस तरह के विकेट पर कम स्कोर वाले मैचों में छह की ज़रूरी रन रे भी बल्लेबाजों पर काफ़ी दबाव डाल सकता है। पिच पर गेंदबाज़ों के लिए काफ़ी मदद थी।
"उन्होंने कहा कि मध्य ओवरों में एक या दो विकेट हमें मैच में वापसी करने का मौक़ा दे सकता था और ऐसा ही हुआ। मुझे उम्मीद है कि दर्शकों ने इसका आनंद लिया होगा क्योंकि आप ऐसे मैच हर रोज़ नहीं देखते। इस मैच का हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है।"