बटलर, वॉर्नर, हसरंगा और बोल्ट ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट में जगह बनाने में क़ामयाब
जानिए, क्या आपके पसंदीदा खिलाड़ी टी20 विश्व कप के लिए हमारी अंतिम एकादश में जगह बना पाने में कामयाब रहे या नहीं
देवरायण मुथु और मैट रोलर
16-Nov-2021
बटलर ने टूर्नामेंट की दो महत्वपूर्ण पारिया खेलीं • AFP/Getty Images
टी20 विश्व कप ने हमें इस प्रारूप में एक नया चैंपियन दिया। इसने यह भी पुष्टि की कि सबसे छोटे प्रारूप के मालिक कौन हैं, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मंच के लिए कुछ नए सितारे भी प्रदान किए। यह है ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो का टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट
1. जॉस बटलर (इंग्लैंड, विकेटकीपर)
रन: 269, औसत: 89.66, स्ट्राइक रेट: 151.12; कैच: 4, स्टंपिंग: 1
सेमीफ़ाइनल में पहुंचाने वाले इंग्लैंड के सबसे अहम खिलाड़ी। बटलर ने तीन मैचों के बीच टूर्नामेंट की दो सर्वश्रेष्ठ पारियां खेलीं और दोनों पारियों बीच के अंतर ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दिखाया। उन्होंने दुबई में 32 गेंदों पर नाबाद 71 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ों पर पांच छक्के लगाए, फिर शारजाह की धीमी पिच पर 67 गेंदों में नाबाद 101 रन बनाए, जो उनका पहला टी20 अंतर्राष्ट्रीय शतक भी था।
2. डेविड वॉर्नर (ऑस्ट्रेलिया)
रन: 289, औसत: 48.16, स्ट्राइक रेट: 146.70
सनराइज़र्स हैदराबाद के साथ उनका जिस तरह का आईपीएल सीज़न था, उसके बाद वह ख़ुद को साबित करने के मक़सद से टी20 विश्व कप में पहुंचे थे। श्रीलंका के ख़िलाफ़ 65 रन बनाने के बाद उन्होंने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ संभलते हुए नाबाद 89 रनों की पारी खेल डाली। सेमीफ़ाइनल में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 30 गेंद में 49 रन बनाकर उन्होंने टीम की जीत की नींव रखी और फिर फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 53 रन बनाकर अपनी टीम को ख़िताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
3. बाबर आज़म (पाकिस्तान, कप्तान)
रन: 303, औसत: 60.60, स्ट्राइक रेट: 126.25
टी20 विश्व कप में बाबर से ज़्यादा रन किसी ने नहीं बनाए। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में उनकी सुरक्षित एप्रोच सामने आई, लेकिन यूएई की धीमी पिचों पर वह तब भी अंतिम 11 में जगह बना गए। उन्होंने भारत, अफ़ग़ानिस्तान, नामीबिया और स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ अर्धशतक लगाए। उनकी नाबाद 68 रनों की पारी की बदौलत विश्व कप में13वें मौक़े पर पाकिस्तान भारतीय टीम को हराने में क़ामयाब रही। यहीं से उन्होंने सुपर 12 में एक भी हार नहीं मिलने के सफ़र की शुरुआत की।
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4. मिचेल मार्श (ऑस्ट्रेलिया)
रन: 185, औसत: 61.66, स्ट्राइक रेट: 146.82
आधुनिक क्रिकेट में सबसे 'बदनाम खिलाड़ियों' में से एक मार्श ने ऑस्ट्रेलिया को अपना पहला टी 20 विश्व कप ख़िताब दिलाकर उन्होंने अपने नफ़रत करने वालों को प्यार में बदल दिया। टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के कुछ मैचों में बेंच पर बैठने के बाद उनकी दो पारियां अहम साबित हुई। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में उन्होंने 22 गेंदों में 28 रन बनाए और फिर न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिस तरह से उन्होंने स्पिन को परखा, उससे उनके अंदर एक बल्लेबाज़ के रूप में एक अंतर समझ आया है।
5. चरित असलंका (श्रीलंका)
रन; 231, औसत 46.20, स्ट्राइक रेट: 147.13
24 वर्षीय असलंका ने टी20 विश्व कप से पहले सिर्फ़ तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले थे, जहां वह एक स्टार की तरह से उभरे थे। वह निडर हैं और गेंद को अच्छे से बाउंड्री के पार भेजने की क्षमता रखते हैं, जैसा उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ शारजाह और फिर वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अबू धाबी में किया। वह इस टूर्नामेंट में स्पिन के ख़िलाफ़ विशेष रूप से मज़बूत थे। उन्होंने 66 गेंदों पर 157.57 की स्ट्राइक रेट से 104 रन बनाए।
मोईन अली ने गेंद और बल्ले दोनों के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया•Francois Nel/Getty Images
6. मोईन अली (इंग्लैंड)
रन: 92, औसत: 46, स्ट्राइक रेट: 131.42; विकेट: 7, औसत: 11, इकॉनमी: 5.50
इस टी20 विश्व कप में मोईन इंग्लैंड की टीम में इस प्रारूप के एक अहम सदस्य बन गए हैं। उन्होंने पावरप्ले में मुश्किल ओवर फेंके। एक ऐसा चरण जिसमें उन्होंने 5.72 की इकॉनमी रेट से अपने सात ओवरों में पांच विकेट लिए। मोईन ने बल्ले से भी अपनी भूमिका निभाई। नंबर तीन पर आने के बाद उन्होंने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 27 गेंदों में 37 रन बनाए और इसके बाद सेमीफ़ाइनल में 37 गेंद में नाबाद 51 रन की पारी खेली। इंग्लैंड के स्पिन-हिटर ने ईश सोढ़ी पर पूरा दबाव बनाया और उनकी उपस्थिति ने मिचेल सैंटनर को गेंदबाज़ी पर आने से दूर रखा।
7. वनिंदु हसरंगा (श्रीलंका)
रन: 119, औसत: 23.80, स्ट्राइक रेट: 148.75; विकेट: 16, औसत 9.75, इकॉनमी: 5.20
श्रीलंका के नए सुपरस्टार हसरंगा ने अपने आठ मैचों में से सात में कम से कम एक विकेट लिया और उनकी गुगली, जिसे उन्होंने अपने लेगब्रेक से काफ़ी अधिक फेंकी, उसको समझना लगभग असंभव था। उन्होंने इस गेंद पर 16 में से 15 विकेट लिए। शारजाह में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उन्होंने हैट्रिक ली। उन्होंने आयरलैंड के ख़िलाफ़ नंबर पांच पर आकर 71 रन बनाए और बाद में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ नंबर सात पर उन्हें एक तरह से डरा ही दिया था।
8. जॉश हेज़लवुड (ऑस्ट्रेलिया)
विकेट: 11, औसत 15.90, इकॉनमी: 7.29
हेज़लवुड ने मार्च 2016 से जुलाई 2021 के बीच केवल दो टी20 अंतर्राष्ट्रीय खेले थे, लेकिन सफेद गेंद क्रिकेट में ख़ुद को इतना मजबूत किया कि उन्होंने यूएई में चार सप्ताह के अंदर आईपीएल और टी20 विश्व कप ख़िताब जीत लिया। उन्होंने अपनी टेस्ट मैच की ताकत से यह क़ामयाबी हासिल की। सटीक लंबाई और लेंथ पर गेंदबाज़ी। पावरप्ले में उन्होंने बल्लेबाज़ों को आकर्षित करने के लिए पिच में कटर और नकल बॉल की। उन्होंने केन विलियमसन सहित न्यूज़ीलैंड के शीर्ष चार में से तीन बल्लेबाज़ों को पवेलियन भेजकर ऑस्ट्रेलिया की जीत की गाथा लिखी।
ज़ैम्पा ने सिर्फ़ दो बार ही एक ओवर में 6 से अधिक रन दिए•AFP/Getty Images
9. ऐडम ज़ैम्पा (ऑस्ट्रेलिया)
विकेट: 13, औसत 12.07, इकॉनमी: 5.81
ज़ैम्पा ने सात मैचों में से हर एक में कम से कम एक विकेट लिया और केवल दो बार एक ओवर में छक्का लगवाया। उन्होंने बीच के ओवरों में अचूक लेंथ पर गेंदबाज़ी की, जब बल्लेबाज़ों ने उन्हें परेशान करने की कोशिश की, तो उन्होंने अपनी विविधताओं रांग-वन, स्लाइडर और टॉप स्पिन से क़ामयाबी पाई। इस टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन की ख़ास वजह कोविड-19 के कारण लगाए गए प्रतिबंध थे, जहां पर उन्होंने अपने हिसाब से अपने घर के पास नेट्स में किशोरों को गेंदबाज़ी की थी।
10. ट्रेंट बोल्ट (न्यूज़ीलैंड)
विकेट: 13, औसत: 13.30, इकॉनमी: 6.25
भारत में 2016 टी20 विश्व कप में एक भी गेम नहीं खेलने के बाद बोल्ट ने पांच साल में अपने खेल में क़ामयाबी पाकर न्यूज़ीलैंड को यूएई में फ़ाइनल तक पहुंचा दिया। वह न केवल न्यूज़ीलैंड के सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे, बल्कि उनके गेंदबाज़ी आक्रमण के संचालक भी। चाहे उन्होंने पारी की शुरुआत में गेंदबाज़ी की हो या डेथ ओवरों में। जब गेंद स्विंग कर रही थी तो बोल्ट ताकत के साथ उतरे और जब गेंद डेथ ओवरों में स्विंग नहीं कर रही थी तो उन्होंने क्रॉस सीम से गेंदबाज़ी करके चतुराई से विकेट निकाले।
11. एनरिख़ नॉर्खिये (साउथ अफ़्रीका)
विकेट: 9, औसत: 11.55, इकॉनमी: 5.37
नॉर्खिए ने अपनी तेज़ गति और उछाल के साथ बल्लेबाज़ों को जल्दबाज़ी करने पर मजबूर किया और विकेट निकाले। लेग कटर पर उनके बेहतर नियंत्रण ने अब उन्हें टी20 क्रिकेट में अधिक विविधता वाले गेंदबाज़ के रूप में बदल दिया है। उन्होंने अपने छह मैचों में से प्रत्येक में कम से कम एक विकेट लिया। उनका 5.37 का इकॉनमी रेट तेज़ गेंदबाज़ों में जसप्रीत बुमराह के बाद दूसरा रहा है। ऐसे गेंदबाज़ों के बीच जिन्होंने टूर्नामेंट में कम से कम 15 ओवर किए हैं।