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क्या भारत की टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तानी छोड़ने का कोहली का अपना फ़ैसला था?

इस फ़ैसले के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो उपलब्ध जानकारी के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने का प्रयास कर रहा है।

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पता चला है कि जून में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल की हार के बाद शास्त्री और रोहित के साथ कोहली की गंभीर चर्चा हो रही थी  •  Stu Forster/ICC/Getty Images

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा है कि आगामी विश्व कप के बाद विराट कोहली के टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तान के पद को छोड़ने का निर्णय एक सामूहिक निर्णय था और सीनियर पुरुष टीम के नेतृत्व के लिए तैयार किए गए "रोडमैप" का हिस्सा था। हालांकि इस फ़ैसले के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो उपलब्ध जानकारी के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने का प्रयास कर रहा है।
क्या यह कोहली का अपना फ़ैसला था या बीसीसीआई ने इसमें कोई भूमिका निभाई?
बीसीसीआई मीडिया विज्ञप्ति से पता चलता है कि बोर्ड कुछ समय से कोहली के साथ इस विषय पर बातचीत कर रहा था और यह कि बीसीसीआई ने कोहली के इस फ़ैसले की "घोषणा" की है। वास्तव में, कोहली द्वारा अपना बयान ट्वीट करने के एक घंटे से अधिक समय बाद बोर्ड की प्रेस रिलीज़ आई थी, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि यह कोच रवि शास्त्री और उत्तराधिकारी रोहित शर्मा के साथ विचार विमर्श करने के बाद लिया गया निर्णय था।
बोर्ड के सचिव जय शाह और कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल द्वारा उन रिपोर्टों का खंडन किया जाना जो कह रही थी कि टी20 विश्व कप के बाद कोहली सफ़ेद गेंद की कप्तानी छोड़ने जा रहे हैं, यह सुझाव दे सकता है कि कोहली की घोषणा से वह पूरी तरह अनजान थे।
हालांकि सच यह है कि यह रातोंरात लिया गया फ़ैसला नहीं है। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को पता चला है कि शास्त्री और रोहित के साथ कोहली की चर्चा हो रही थी जो जून में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फ़ाइनल की हार के बाद और गंभीर हो गई।
वह चर्चाएं किस बारे में थी?
हालांकि उन चर्चाओं का सटीक विवरण सामने नहीं आया है, कोहली की कप्तानी के अधिकांश समय में टीम के कोच रहे शास्त्री ने उन्हें बताया कि उन्हें अपनी बल्लेबाज़ी पर ध्यान देने की ज़रूरत है। कोहली तीनों प्रारूपों में ख़राब फ़ॉर्म में नज़र नहीं आए हैं लेकिन उनके बल्ले से बड़े स्कोर नहीं आए हैं। यह संभव है कि शास्त्री ने ये बातचीत बीसीसीआई के इशारे पर शुरू की हो, जो शास्त्री का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नेतृत्व में एक सहज परिवर्तन चाहते हैं।
लेकिन फिर कोहली ने सिर्फ़ टी20 अंतर्राष्ट्रीय की कप्तानी छोड़ने का फ़ैसला क्यों किया?
कोहली ने निरंतरता के साथ तीनों प्रारूप खेलने को एक निर्णायक कारक बताया। हालांकि लोगों के मन में यह सवाल उतपन्न हो रहा है कि क्या भारत कुछ ज़्यादा ही टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलता है? 2017 की शुरुआत के बाद से, जब कोहली ने टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तान के रूप में एम एस धोनी की जगह ली, भारत ने 67 मैच खेले हैं। यह इस दौरान पाकिस्तान के साथ संयुक्त रूप से सर्वाधिक मैच है। उन 67 मैचों में से कोहली ने 45 मैच खेले हैं और 2017, 2018, 2019 और 2020 में उन्होंने 10-10 मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया है। 2017 और इस आईपीएल के बीच कोहली अपनी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए 63 में से 60 मैच खेल चुके हैं। इसके अलावा, आईपीएल का कारवां हर साल लगभग दो महीनों के लिए चलता है जहां लगातार खेलने का बोझ चर्चा का एक बड़ा विषय बन जाता है।
टी20 विश्व कप के बाद भविष्य के अपने कार्यक्रम के अनुसार भारत को सबसे छोटे प्रारूप में 21 मैच खेलने हैं। इसमें आप अगले साल ऑस्ट्रेलिया में आयोजित टी20 विश्व कप को भी जोड़ दीजिए। ऐसा हो सकता है कि कोहली एक और विश्व कप से पहले और उस दौरान योजना बनाने का बोझ नहीं लेना चाहते थे। जबकि वह भारत के शीर्ष क्रम में एक प्रमुख बल्लेबाज़ बने हुए हैं, कोहली शायद ख़ुद को रोज़मर्रा की योजना के दबाव से मुक्त करना चाहते हैं। और तो और वह रोहित पर विश्वास करते हैं कि भारत के पास इस प्रारूप में कप्तान के तौर पर उनकी जगह लेने के लिए एक तैयार विकल्प मौजूद है।
लेकिन क्या रोहित सिर्फ़ एक प्रारूप में कप्तान के रूप में कार्यभार संभालने से ख़ुश होंगे?
सबसे पहले, यह ज्ञात नहीं है कि रोहित को रिक्त स्थान की पूर्ति करने की पेशकश की जाएगी, न तो बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और न ही शाह ने गुरुवार की मीडिया विज्ञप्ति में इसका उल्लेख किया। हालांकि, रोहित, जो वर्तमान में सफ़ेद गेंद के प्रारूप में उप-कप्तान हैं, टी20 में सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं। 12 महीने के समय में एक और टी20 विश्व कप के साथ चयनकर्ता और बीसीसीआई दोनों चाहेंगे कि एक अनुभवी व्यक्ति टीम का नेतृत्व करे। क्या रोहित सिर्फ़ एक प्रारूप में कप्तान बनना स्वीकार करेंगे, इसका अंदाज़ा किसी को नहीं है।
साथ ही, यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या केवल टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की कप्तानी किसी और को सौंपी जाएगी - जबकि कोहली ने टेस्ट और वनडे में कप्तानी जारी रखने की इच्छा व्यक्त की है, बीसीसीआई की रिलीज़ ने ऐसी कोई प्रतिबद्धिता नहीं की। इसके अलावा विभाजित कप्तानी का चलन आमतौर पर सीमित ओवरों के कप्तान के लिए दोनों प्रारूपों (वनडे और टी20 अंतर्राष्ट्रीय) में नेतृत्व करने का होता है।
क्या मेंटॉर के रूप में धोनी की नियुक्ति बीसीसीआई की बड़ी योजना का हिस्सा है?
गांगुली ने अतीत में कहा है कि कोहली की टीम इंडिया विश्व की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम बन गई है लेकिन वैश्विक ख़िताब की अनुपस्थिति एक केंद्र बिंदु बनी हुई है। कोहली-शास्त्री संयोजन के तहत भारत ने तीन विश्व टूर्नामेंट खेले हैं जहां 2017 चैंपियंस ट्रॉफ़ी और पहले डब्ल्यूटीसी में वह उपविजेता रहा है और 2019 वनडे विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में हार गया है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया कि बोर्ड चाहता है कि एमएस धोनी वह लाए जो इन आयोजनों में ग़ायब रह सकता है: एक शांत प्रभाव जो भारतीय टीम को योजना और रणनीति में मदद करता है, और आवश्यक हो तो चयन में।
बीसीसीआई कब कोहली के उत्तराधिकारी की घोषणा करेगा?
बीसीसीआई द्वारा यह निर्णय जल्दी ही लिया जाएगा। भारत को न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घर पर तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज़ खेलनी है जो विश्व कप के तुरंत बाद शुरू होने वाली है।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।