गौतम गंभीर अपनी बातों को मुखर तौर पर रखने के लिए जाने जाते हैं • Getty Images
42 साल की उम्र में गौतम गंभीर भारतीय टीम का प्रमुख कोच बनने जा रहे हैं। वह कपिल देव के बाद भारत के दूसरे सबसे युवा कोच होंगे।
गंभीर के लिए क्या बड़े असाइनमेंट होंगे?
इस महीने के आख़िरी में श्रीलंका में होने जा रही सीमित ओवर की सीरीज़ भारतीय कोच के रूप में गंभीर की पहली सीरीज़ होगी। इसके बाद भारतीय टीम को बांग्लादेश और न्यूज़ीलैंड के साथ दो घरेलू टेस्ट सीरीज़ खेलनी है। ये दोनों सीरीज़ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का हिस्सा हैं और फ़िलहाल भारत WTC तालिका में नंबर एक स्थान के साथ फ़ाइनल में जगह बनाने का प्रबल दावेदार है।
गंभीर के लिए पहला बड़ा असाइनमेंट इस साल के अंत में पांच टेस्ट मैचों के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा होगा। भारत, ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो टेस्ट सीरीज़ जीत चुका है और वे यहां पर हैट्रिक लगाना चाहेंगे।
गंभीर के कोचिंग करियर का इतिहास?
गंभीर ने कभी भी किसी अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू टीम के लिए प्रथम श्रेणी या लिस्ट ए मैचों में कोचिंग नहीं की है। लेकिन यह भारतीय टीम के लिए नया भी नहीं है। इसे हम रवि शास्त्री और अनिल कुंबले के उदाहरणों से भी समझ सकते हैं।
हालांकि गंभीर के पास दो IPL टीमों का सफलतापूर्वक मेंटॉरिंग करने का अनुभव है। उनके अधीन ही लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम अपने पहले दो सीज़न में प्लेऑफ़ में क्वालिफ़ाई करने में सफल रही। अभी हाल ही में गंभीर के देखरेख में ही कोलकाता नाइट राइडर्स ने IPL 2024 का ख़िताब जीता है।
क्या गंभीर को कोई कठिन निर्णय भी लेने होंगे?
रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जाडेजा के T20I से संन्यास लेने के बाद इस फ़ॉर्मैट में ट्रांजिशन का दौर पहले से ही चल रहा है। हालांकि फ़िलहाल वनडे और टेस्ट मैचों का सेट-अप स्थिर है और इसमें शायद ही 2025 तक कोई बदलाव हो, क्योंकि 2025 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी और WTC फ़ाइनल खेला जाएगा। गंभीर वरिष्ठ खिलाड़ियों के आराम लेने की काफ़ी आलोचना करते आ रहे हैं, लेकिन अब शायद उन्हें भी वर्कलोड मैनेजमेंट को स्वीकार करना होगा।
रोहित के साथ तालमेल?
रोहित और राहुल द्रविड़ की सोच और रणनीतियां आपस में काफ़ी मेल खाती थीं। इस साल T20 वर्ल्ड कप में भी दोनों चार स्पिनर ले जाना चाहते थे, ताकि वेस्टइंडीज़ की परिस्थितियों का पूर्ण लाभ लिया जा सके। दोनों की रणनीति, डेटा और विश्लेषण (एनालिटिक्स) पर आधारित होती थी। वहीं गंभीर डेटा से अधिक अंदर की आवाज़ (इंस्टिंक्ट) पर ज़ोर देते हैं। इसका मतलब यह है कि रोहित और गंभीर को शुरुआत में अधिक तालमेल बिठाने की ज़रूरत पड़ सकती है।
रोहित (37) और गंभीर (42) लगभग समकालीन भी हैं और 2009 से 2013 के बीच लगातार भारतीय टीम में साथ-साथ खेल चुके हैं। इसके अलावा 2008 से 2018 के बीच दोनों IPL में एक-दूसरे के ख़िलाफ़ भी लगातार खेल चुके हैं।
एक ही ड्रेसिंग रूम में गंभीर और कोहली?
साल 2009 में गंभीर ने अपना एक प्लेयर ऑफ़ द मैच अवॉर्ड सार्वजनिक रूप से युवा विराट कोहली को दे दिया था, क्योंकि उस मैच में कोहली ने अपना पहला वनडे शतक लगाया था। 2011 विश्व कप फ़ाइनल के दौरान दोनों के बीच एक अहम साझेदारी हुई। 2016 में गंभीर ने कोहली की कप्तानी में टेस्ट में वापसी भी की।
लेकिन IPL 2013 के दौरान दोनों एक कप्तान के रूप में आपस में एक-दूसरे से भिड़ भी चुके थे। 2023 में दोबारा फिर से ऐसा हुआ, जब गंभीर मेंटॉर बन चुके थे और कोहली ने कप्तानी छोड़ दी थी, लेकिन अपनी टीम के सबसे प्रमुख खिलाड़ी थे। हालांकि IPL 2024 के दौरान दोनों आपस में गलबहियां करते नज़र आए।
जब गंभीर से कोहली से संबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि जो लोग सोचते हैं, सच्चाई उससे कोसों दूर है। वहीं कोहली ने इस बाबत कहा था, "मैंने नवीन उल हक़ को एक दिन गले लगाया और गौती (भाई) मुझे ख़ुद आकर गले मिले। हम अब बच्चे नहीं हैं।"
क्या कोच के रूप में भी आक्रामक होंगे गंभीर?
यह एक सच्चाई है कि गंभीर अपनी बातों को बिना किसी लाग-लपेट के स्पष्टता, मुखरता और आक्रामकता के साथ रखने के लिए जाने जाते हैं। वह राजनीति में भी आ चुके हैं। हालांकि यह भी एक बात है कि वह अपनी टीम के साथ चलने वाले खिलाड़ी और कोच है।
IPL 2023 में जब कोहली और नवीन उल हक़ के बीच जुबानी जंग हुई तो एक मेंटॉर के रूप में गंभीर भी अपने टीम के खिलाड़ी नवीन का साथ देने आए थे। 2017 में वह दिल्ली टीम के कोच केपी भास्कर से भी जुबानी जंग में भिड़ चुके हैं। तब गंभीर ने भास्कर पर टीम के युवाओं में अनिश्चितता भरने का आरोप लगाया था।
गंभीर क्रिकेट जैसी टीम गेम में व्यक्तियों को भी प्राथमिकता और लाइमलाइट देने के ख़िलाफ़ रहे हैं और उसके ख़िलाफ़ खुलकर बोलते हैं।
गंभीर का KKR पर प्रभाव?
IPL 2021 से 2023 के बीच सुनील नारायण ने तीन सीज़न में सिर्फ़ 154 रन बनाए थे। गंभीर जब मेंटॉर बने तो उन्होंने नारायण को फिर से ओपनर बनाया। उन्होंने नारायण को बिना किसी दबाव के खुलकर खेलने की आज़ादी दी। 2024 में नारायण के नाम 180.74 के स्ट्राइक रेट से 488 रन था, इसके अलावा उन्होंने 17 विकेट भी लिए, जो कि 2018 के बाद IPL में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी प्रदर्शन था।
गंभीर ने KKR के मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित और टीम के विदेशी खिलाड़ियों के बीच एक पुल के रूप में भी काम किया।