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विश्व कप के लिए तैयारियां हैं अधूरी, फ़िर भी अनुभवी ख़िलाड़ियों के सहारे सफलता हासिल करना चाहेगी न्यूज़ीलैंड

लैथम ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पास वो ख़िलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत में काफी क्रिकेट खेला है

Tom Latham speaks to the media, Cardiff, September 7, 2023

मीडया के साथ बात करते हुए लैथम  •  Getty Images

जब भी किसी वैश्विक टूर्नामेंट की बात आती है तो न्यूज़ीलैंड की टीम सबसे अधिक तैयार दिखाई देती है। पिछले चार विश्व कप की बात की जाए तो न्यूज़ीलैंड ने कम से कम सेमीफ़ाइनल तक का सफ़र तय किया है। चार साल पहले उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ बाउंड्री काउंट के आधार पर विश्व कप का फ़ाइनल गंवाना पड़ा था और अब एक बार फ़िर से वे उसी टीम के खिलाफ एक नया विश्व कप शुरु करने के लिए तैयार हैं।
इस विश्व कप में दर्शकों के आने के पिछले सभी रिकॉर्ड्स के टूटने की पूरी संभावना है। न्यूज़ीलैंड अपने पहले मैच से दो दिन पहले ही अहमदाबाद पहुंची है और अब तक उन्हें मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला है। टीम के अस्थाई कप्तान टॉम लैथम ने लॉन्च इवेंट के दौरान मीडिया से बातचीत में भी इसी बात की जिक्र किया है। भारत में कई मैदान ऐसे हैं जिन्हें वनडे मैच होस्ट करने के लिए सालों का इंतजार करना पड़ता है तो ऐसे में टीमों के पास उनकी सतह को समझने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं होते हैं।
लैथम ने परिस्थितियों से तालमेल बिठाने को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा, "जाहिर तौर पर हमारा लक्ष्य है कि हम टूर्नामेंट के अंत तक बने रहें और संभवतः सभी टीमों की सोच यही होगी। हमें गर्व है कि एक ग्रुप के तौर पर हम चीजों से तालमेल बैठाने में अच्छे हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे अधिकतर खिलाड़ियों को आईपीएल या फ़िर भारत के खिलाफ खेलने के कारण यहां की परिस्थितियों का अच्छा ज्ञान है।"
"हमारे पास अनुभवी ख़िलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है जिन पर भरोसा किया जा सकता है। कुछ लोगों ने इस मैदान पर खेला है तो वहीं कुछ नहीं भी खेले हैं। जहां पूरे मैच के दौरान परिस्थितियां बदलती रहती हैं वहां तालमेल बैठाना काफी अहम होता है। हमें कोशिश करनी होगी कि हम मैच के दौरान हमेशा आगे रहें।"
विश्व कप के पहले मैच से पहले न्यूज़ीलैंड थोड़ी मुश्किल में नजर आ रही है क्योंकि केन विलियमसन और टिम साउदी पूरी तरह से फ़िट नहीं हैं।
विलियमसन को लेकर लैथम ने कहा, "केन की वापसी देख़ना सुखद है। उनकी बल्लेबाज़ी देखकर लगा ही नहीं कि वो कभी बाहर गए थे। उनके बल्ले से वो सारे शॉट निकल रहे हैं जो वो खेला करते थे और उन्हें मैदान में वापस देख़ना उनकी रिकवरी को लेकर एक अच्छा संकेत है। उनकी वापसी दिन-प्रतिदिन हो रही है और हम चाहते हैं कि जब वो वापस आएं तो वो उन सभी चीजों को करने में सक्षम हों जो उन्हें करने हैं।"

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ्रीलांसर नीरज पांडे ने किया है