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फ़ीचर्स

क्या भविष्य की तरफ़ देख रही है युवा भारतीय टीम?

ज़िम्बाब्वे दौरे पर गई टीम प्रबंधन के कुछ निर्णयों पर सवाल खड़े होते हैं

Avesh Khan finished with figures of 3 for 15, Zimbabwe vs India, 2nd men's T20I, Harare, July 7, 2024

पहला मैच हारने के बाद भारतीय टीम शानदार फ़ॉर्म में नज़र आई है, लेकिन अभी भी कई सवालों के जवाब बाक़ी हैं  •  Associated Press

"हम आगे भविष्य में इसी तरह से खेलना चाहते हैं।"
T20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 50 रन की बड़ी जीत के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने यह बात कही थी।
उनका मतलब पहली ही गेंद से आक्रमण करने पर था। हालांकि उनका मतलब दिमाग़ से बल्लेबाज़ी करने पर भी था, जिसमें सभी लोग एक-दूसरे की क्षमताओं पर भरोसा करें और थोड़ा-बहुत भाग्य के सहारे खुलकर बल्लेबाज़ी करें। ऐसे मौक़ों पर आपको हार से अधिक जीत ही मिलेगी।
इस नए दृष्टिकोण से भारतीय टीम ने पहला T20 वर्ल्ड कप खेला, जिसे उन्होंने जीता भी।
अब रोहित और विराट कोहली ने T20I से संन्यास ले लिया है और राहुल द्रविड़ का कोचिंग कार्यकाल भी समाप्त हो गया है। भारतीय T20 टीम बदलाव के दौर से गुज़र रही है, लेकिन युवाओं के प्रदर्शन से दिखता है कि भविष्य सुरक्षित हाथों में है।
टेम्पलेट सेट है, बल्लेबाज़ी की संस्कृति भी बदल चुकी है और बैटन को नई पीढ़ी के बल्लेबाज़ों को थमा दिया गया है, जो IPL के दौरान T20 बल्लेबाज़ी की नई, क्रांतिकारी और सर्वश्रेष्ठ आदतों को सीख चुके हैं।
मुख्य कोच के रूप में गौतम गंभीर की नियुक्ति को भी इस नई आक्रामकता से जोड़ा जा सकता है। फ़िलहाल भारत के दोनों ओपनिंग स्लॉट खाली हैं और शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, ऋतुराज गायकवाड़ और अपने दूसरे T20I में ही शतक लगा चुके अभिषेक शर्मा इसके प्रबल दावेदारों में से हैं।
अगर आप हरारे में हुए भारत-ज़िम्बाब्वे तीसरे T20I पर नज़र डालें तो भारत ने पहले चार ओवरों में बिना किसी नुक़सान के 49 रन बनाए, लेकिन अगले आठ ओवरों में वे सिर्फ़ 40 रन ही बना पाए और उनके दो विकेट गिर गए। 12 ओवरों के बाद उनका रन रेट 7.41 था।
उस दिन भारत ने चार ओपनरों को एकादश में खिलाया था और गायकवाड़ चौथे नंबर पर 11वें ओवर में बल्लेबाज़ी करने आए। ज़िम्बाब्वे ने 13वें ओवर में पार्टटाइम ऑफ़ स्पिनर वेस्ली मधेवीरे को गेंदबाज़ी पर लगाया और उस ओवर में 19 रन बने। इसके बाद भारतीय पारी को मोमेंटम मिला और गायकवाड़ के 28 गेंदों में 49 रनों की मदद से भारत 180 के पार पहुंचा। संजू सैमसन इस मैच में पांचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए आएं और दूसरे मैच में 22 गेंदों पर 48 रनों की पारी खेलने वाले रिकू सिंह को सिर्फ़ एक गेंद खेलने को मिला। शिवम दुबे की तो बल्लेबाज़ी ही नहीं आई।
कई मिसफ़ील्ड और कैच ड्रॉप के बाद भारत ने चार विकेट के नुक़सान पर 182 रनों का स्कोर खड़ा किया, इसमें से भी 31 रन मिसफ़ील्ड से आए। अंत में बल्लेबाज़ों और फ़ील्डर्स ने अपना काम किया और जीत का अंतर सिर्फ़ 23 रन रहा। इससे पहले दूसरे T20I के दौरान अभिषेक शर्मा ने 47 गेंदों पर 100 रनों की पारी खेली थी और सात से 16 ओवरों के बीच के ओवरों के दौरान 129 रन बने थे।
ऐसे में कहा जा सकता है कि अभिषेक की पोज़िशन के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए था। लेकिन जायसवाल ने भी अभी तक कुछ ग़लत नहीं किया है। तो ऐसे में क्या गिल नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी के लिए नहीं आ सकते थे? शायद यह कहा जा सकता है कि भारत सलामी बल्लेबाज़ी में बाएं-दाएं का संतुलन चाहता है।
इसके अलावा भारतीय टीम प्रबंधन के कुछ और भी निर्णयों पर सवाल खड़े होते हैं। एक ही हार के बाद भारत ने ख़लील अहमद को हटाकर एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ खिलाया, वहीं रियान पराग को भी सिर्फ़ एक पारी देने के बाद टीम से बाहर कर दिया गया, जबकि वह IPL और घरेलू क्रिकेट में नंबर चार पर स्थापित बल्लेबाज़ हैं।
अब यह भारतीय टीम प्रबंधन को स्पष्ट करना है कि वह रोहित-राहुल की आक्रामक नीति को लेकर आगे बढ़ना चाहता है या फिर वे परिस्थितियों के अनुसार रक्षात्मक भी हो सकते हैं।

रौनक कपूर ESPNcricinfo में लीड प्रजेंटेटेर हैं. @RaunakRK