दिल्ली कैपिटल्स 156/3 (शॉ 82, धवन 46, कमिंस- 3/24) ने कोलकाता नाइटराइडर्स 154/6 (रसल 45*, गिल 43, ललित यादव 2/13) को सात विकेट से हराया
पृथ्वी शॉ ने अपने मास्टरक्लास से दिखाया कि कैसे टी-20 मैचों में किसी चेज़ को बिल्कुल आसान बनाया जाता है। शॉ की इस पारी की बदौलत दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के विरूद्ध 7 विकेट की एक बड़ी जीत दर्ज की।
पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी कोलकाता के टीम ने आंद्रे रसल की 27 गेंदों में 45 रनों की पारी की बदौलत 6 विकेट पर 154 रन का स्कोर खड़ा किया। उन्हें उम्मीद थी कि अगर उनके गेंदबाज़ अच्छी गेंदबाज़ी करें तो इस सम्मानजनक स्कोर को बचाया जा सकता है। हालांकि, पृथ्वी शॉ ने पहले ओवर में ही ऐसी किसी भी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए अपने अंडर-19 के साथी शिवम मावी पर 6 चौके जड़ दिए। मावी ने इससे पहले पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ मैच में 4 ओवर में सिर्फ 13 रन दिए थे। शॉ ने स्ट्रेट, स्क्वेयर, कवर, मिडविकेट सभी दिशाओं में चौके जड़े और मावी को यह एहसास कराया कि उन्होंने इस ओवर की पहली गेंद पर लेग साइड में जो वाइड गेंद फेंका था, वही ही इस ओवर का सबसे बढ़िया गेंद था।
शॉ ने जरूरी रन रेट को 7.75 से 6.84 पर ला दिया और पहले ही ओवर में कोलकाता को मनोवैज्ञानिक रूप से मात दे दी। इसके बाद मैच में महज़ औपचारिकता बस बाकी थी। वह यही पर ही नहीं थमे और लगातार चौकों-छक्कों की बरसात करते रहे। ऐसा लग रहा था कि बॉउंड्री के बाहर कोई आम का बगीचा हो और छोटे कद के शॉ उस बगीचे को पूरी तरह लूटना चाहते थे।
उन्होंने सिर्फ 18 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया, जो कि इस आईपीएल का सबसे तेज अर्धशतक है। इन 50 रनों में से 42 रन सिर्फ बॉउंड्री से आए थे। शॉ का विकेट तब गिरा, जब दिल्ली को 41 गेंदों में सिर्फ 9 रनों की जरूरत थी। उन्होंने 41 गेंदों की 82 रनों की अपनी पारी में 11 दर्शनीय चौके और 3 शानदार छक्के लगाए। दिल्ली ने 21 गेंद शेष रहते ही प्रतियोगिता की 5वीं जीत दर्ज की और चेन्नई सुपरकिंग्स व रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के साथ अंक तालिका में 10 अंकों के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान हासिल किया।
कोलकाता की दिक्कतें
इस सीज़न में कोलकाता की दिक्कत यही है कि उनकी शुरूआत तो अच्छी हो रही है, लेकिन वह बहुत धीमी हो रही है। इसके अलावा मध्यक्रम की भी कठिनाईयां उनके लिए दिक्कत पैदा कर रही हैं। ऐसा ही दोहराव इस मैच में बी उनके साथ हुआ। नितीश राणा, शुभमन गिल और राहुल त्रिपाठी ने अच्छी शुरूआत तो की लेकिन वे तेजी से रन नहीं बना सके। इसमें दिल्ली के गेंदबाज़ों का भी योगदान कम नहीं रहा, जो लगातार एक सधी हुई लाइन-लेंथ से गेंदबाज़ी करते रहे और जरूरत पड़ने पर धीमी गेंदें भी की। उन्होंने ढीली गेंदें ना डालते हुए कोलकाता के बल्लेबाज़ों को बांधे रखा।
गिल ने अपने 43 रन बनाने के लिए 38 गेंद लिए। कोलकाता के शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाज़ों नितीश, शुभमन और राहुल त्रिपाठी ने कोलकाता के लिए 77 रन जोड़े लेकिन इसके लिए उन्होंने 67 गेंद लिया। इसके बाद मध्यक्रम के बल्लेबाज़ों की जिम्मेदारियां और बढ़ गईं। इस मैच में दिल्ली कैपिटल्स के लेग स्पिनर अमित मिश्रा चोट के कारण नहीं खेल रहे थे, लेकिन उनकी जगह पर आए ललित यादव ने कसी हुई गेंदबाज़ी करते हुए 3 ओवर में सिर्फ 13 रन देकर 2 विकेट झटके और कोलकाता के मध्यक्रम को भी बांधे रखा।
रसल की धुआंधाड़ पारी
रसल ने अपने 33वें जन्मदिन पर अपनी पारी की शुरूआत उस ढंग से नहीं की, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। दिल्ली के गेंदबाज़ों ने सटीक यॉर्कर और बाउंसर गेंदों से उन्हें परेशान किए रखा। एक समय रसल का स्कोर 14 गेंदों में सिर्फ सात रन था। लेकिन इसके बाद उन्होंने अपना गियर बदलते हुए अगली 13 गेंदों पर 38 रन ठोक डाले। रसल की इस पारी की बदौलत कोलकाता ने अंतिम 5 ओवरों में 59 रन बनाए और कगिसो रबाडा व आवेश ख़ान जैसें गेंदबाज़ों को खासा परेशान किया, जिन्होंने शुरूआत के ओवरों में किफ़ायती और कसी हुई गेंदबाज़ी की थी।
शॉ ने खराब की रसल की बर्थडे पार्टी
पहले ओवर में 6 चौकों के बाद सिर्फ एक ही टीम थी, जो यह मैच जीत सकती थी। शॉ इस पारी के दौरान अपने ऊफान पर थे। उन्होंने बल्ले से अपनी मीठी टाइमिंग की बदौलत लगातार गैप निकाले और पहले 30 रन तो 300 के स्ट्राइक रेट से बनाया। 5 ओवर के बाद शॉ का स्कोर 15 गेंदों पर 48 रन था। तब तक कोलकाता के खिलाड़ियों के कंधे झुक गए थे।
शिखर धवन, जो इस सीज़न के दौरान शानदार फॉर्म में थे, ने एंकर की भूमिका अदा की, वहीं शॉ दूसरे छोर से आक्रामक शॉट खेलते रहें। हालांकि यह भी एक अजीब बात रही कि कोलकाता के कप्तान ऑएन मॉर्गन लगातार पिटाई खाने के बाद भी अपने सबसे प्रमुख गेंदबाज़ पैट कमिंस को आक्रमण पर नहीं लगा रहे थे। उन्हें छठे ओवर में गेंदबाज़ी पर लाया गया, तब तक मैच कोलकाता के हाथों से लगभग फिसल गया था।
ऐसा लग रहा था कि शॉ यहां पर एक शानदार शतक बनाएंगे और दिल्ली 10 विकेट से एक बड़ी जीत दर्ज करेगी। लेकिन कमिंस ने पहले धवन (46) और फिर शॉ (82) को आउट कर कोलकाता को खुश होने के कुछ मौके जरूर दिए। इसके बाद उन्होंने कप्तान ऋषभ पंत को भी आउट किया, जो कि जीत की औपचारिकता को जल्द से जल्द निपटाना चाहते थे। लेकिन इसके बाद ऐसा कोई 'चमत्कार' नहीं हुआ, जिससे कोलकाता के लोग जीत की उम्मीद भी कर सकें।