अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हामिद शिनवारी ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) से निवेदन किया है कि वह दोनों देशों के बीच होने वाले इकलौते टेस्ट मैच को लेकर जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला न लें। अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन के तहत महिलाओं को क्रिकेट खेलने की अनुमति नहीं दिए जाने पर सीए ने संकेत दिए हैं कि वह इस साल के अंत में होबार्ट में खेले जाने वाले
टेस्ट मैच को खेलने से इनकार कर सकता है।
सीए से मिले इस अपडेट पर एसीबी ने अपनी निराशा व्यक्त की है। शिनवारी ने सीए से गुज़ारिश की कि वह इस स्थिति को उसी नज़रिए से देखे, जिसका इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) कई वर्षों से करता आ रहा है।
शिनवारी ने प्रेस में जारी अपने बयान में लिखा, "जब से एसीबी आईसीसी में शामिल हुआ है, तभी से वह हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक वातावरण से अवगत है। अपने देश में क्रिकेट के हर पहलू को विकसित करने के प्रयास में आई सभी अड़चनों का सामना करने के लिए हमने संतुलित, संवेदनशील और विचारशील दृष्टिकोण अपनाया है।"
"एसीबी अफ़ग़ानिस्तान की संस्कृति और धार्मिक माहौल को बदलने के लिए शक्तिहीन है। अगर सीए टेस्ट मैच को रद्द करने और अफ़ग़ान पुरुषों की राष्ट्रीय टीम को इस तरह अपने से अलग करने का फ़ैसला करता है, तो इसका उन सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि वे मज़बूती से खड़े हैं।"
हामिद शिनवारी, एसीबी सीईओ
उन्होंने आगे कहा, "सीए को यह जानने की ज़रूरत है कि क्रिकेट में महिलाओं की भागीदारी के संबंध में अफ़ग़ानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता की टिप्पणियां पिछले 20 वर्षों में बदली नहीं है। लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित करज़ई और घनी सरकारों के दौरान भी एसीबी का सांस्कृतिक और धार्मिक वातावरण ऐसा ही था। जबकि आईसीसी एस बात से वाकिफ़ है, शायद सीए को इस बात की जानकारी नहीं है।"
इस हफ्ते की शुरुआत में एक बयान में सीए ने कहा, "अगर अफ़ग़ानिस्तान में महिला क्रिकेट का समर्थन न मिलने की हालिया मीडिया रिपोर्ट्स की पुष्टि की जाती है, तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के पास होबार्ट में खेले जाने वाले प्रस्तावित टेस्ट मैच के लिए अफ़ग़ानिस्तान की मेज़बानी नहीं करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।" ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन ने भी "स्पष्ट रूप से" सीए के रुख का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया है।
अफ़ग़ानिस्तान आईसीसी का एकमात्र पूर्ण सदस्य है जिसे स्थाई रूप से महिला टीम की स्थापना किए बिना यह दर्जा हासिल हुआ है। पिछले साल, एसीबी ने महिलाओं के लिए अपने पहले अनुबंध की घोषणा की थी क्योंकि वे एक टीम बनाना चाहते थे।
शिनवारी ने सीए से अपने लिए दरवाज़ा खुला रखने, भविष्य में साथ देने और अपने सांस्कृतिक और धार्मिक वातावरण के लिए दंडित न करने की गुज़ारिश की है। शिनवारी ने कहा, "एसीबी अफ़ग़ानिस्तान की संस्कृति और धार्मिक माहौल को बदलने के लिए शक्तिहीन है। अगर सीए टेस्ट मैच को रद्द करने और अफ़ग़ान पुरुषों की राष्ट्रीय टीम को इस तरह अपने से अलग करने का फ़ैसला करता है, तो इसका उन सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि वे मज़बूती से खड़े हैं। यही बात साफ़ तौर पर सरकार के प्रवक्ता ने भी कही है।"