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अंगकृष रघुवंशी : मैं सोते-जागते सिर्फ़ क्रिकेट के बारे में सोचते रहता हूं

एक एथलीट परिवार से आने वाले रघुवंशी ने शाहरुख़ ख़ान से अपनी पहली मुलाक़ात का ज़िक्र किया जब वह शाहरुख़ द्वारा अपनी तारीफ़ सुनकर अचंभित रह गए थे

2022 में भारत ने जब अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था तब अंगकृष रघुवंशी भारत के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। 2024 में अपने पहले IPL सीज़न में उन्होंने अपने स्वीप, रिवर्स स्वीप से सभी को प्रभावित किया और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए उनके तीसरे ख़िताबी सीज़न में अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही वह सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) 2024-25 की विजेता मुंबई के दल के सदस्य भी थे। एक युवा खिलाड़ी के लिए इससे बेहतर करियर की शुरुआत क्या होगी।

IPL 2025 की शुरुआत से पहले अंगकृष रघुवंशी ने ESPNcricinfo से कहा, "मुझे इस खेल से प्यार है। इसलिए अपने खेल में सुधार करने के लिए मुझे जो करना पड़ेगा वो मैं करूंगा और अपनी टीम को जीत दिलाने की पूरी कोशिश करूंगा। क्योंकि मुझे यही करना पसंद है, मैं सोते-जागते सिर्फ़ क्रिकेट के बारे में ही सोचते रहता हूं।"

उन्होंने कहा, "एक चीज़ जो मुझे अपने संबंध में समझ आई है वो यह है कि निजी उपलब्धियों के बजाय यह सोचना कि मैं टीम को कैसे जीत दिला सकता हूं यह ज़्यादा मेरे काम आया है। सीज़न की शुरुआत होने से पहले मेरा यही लक्ष्य है और यह मेरे अंदर से मेरा सर्वश्रेष्ठ लाने में सहायक सिद्ध होता है।"

2024 IPL में KKR द्वारा ख़रीदे जाने के बाद SMAT में रघुवंशी कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाए, टूर्नामेंट में उनका सर्वाधिक स्कोर 32 था और उन्होंने 116 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे। लेकिन IPL में उन्हें अपना प्रभाव छोड़ने में देर नहीं लगी। पहली बार जब उन्होंने बल्लेबाज़ी की तब 19 वर्षीय इस खिलाड़ी ने 27 गेंदों पर 54 रन जड़ डाले। उनकी इस पारी की बदौलत KKR ने दिल्ली कैपिटल्स (DC) के ख़िलाफ़ 272 रनों का विशालकाय स्कोर खड़ा किया। रघुवंशी IPL इतिहास में अपनी पहली में अर्धशतक लगाने वाले दूसरे सबसे युवा बल्लेबाज़ बन गए।

उस सीज़न श्रेयस अय्यर और वेंकटेश अय्यर की मौजूदगी के बावजूद रघुवंशी ख़ुद को नंबर तीन के स्थान पर स्थापित करने में सफल रहे। DC के ख़िलाफ़ मैच में ही उन्हें अनरिख़ नॉर्खिये और अक्षर पटेल जैसे गेंदबाज़ों का सामना करना था। हालांकि रघुवंशी इसके लिए हर तरह से तैयार होकर आए थे।

रघुवंशी ने कहा, "मैंने कोच और उन तमाम बडे खिलाडियों जिनके साथ मैं खेल चुका था, उन सभी लोगों से मैंने पूछा था कि जब कोई विश्व स्तरीय तेज़ गेंदबाज़ और स्पिनर उन्हें गेंद डालने के लिए आता है तो उनके दिमाग़ में क्या चल रहा होता है? और सभी ने एक ही जवाब दिया। अंत में गेंदबाज़ एक गेंद डालता है और आपको गेंद को देखकर उसे खेलना है। तो इसलिए जब नॉर्खिये का सोचकर मेरे ऊपर दबाव आया तो मैंने यही सोचकर ख़ुद को शांत किया कि मुझे बस गेंद को खेलना है और इससे मुझे काफ़ी मदद मिली जिसके चलते मैं गेंद पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाया।"

लेकिन उनके पास इतने बड़े स्तर पर तेज़ गेंदबाज़ों को स्वीप और रिवर्स स्वीप करने का आत्मविश्वास कहां से आया?

रघुवंशी ने कहा, "हमने यह सोच कर अभ्यास किया कि वह शॉट्स जोखिम भरे शॉट्स होने के बजाय रन निकालने वाले सामान्य शॉट्स थे। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मैंने इसका काफ़ी अभ्यास किया था जिसके चलते यह शॉट खेलना मेरे खेल का हिस्सा बन गया था।"

रघुवंशी की इस तैयारी के लिए ज़िम्मेदार KKR के सहायक कोच अभिषेक नायर थे जो कि रघुवंशी के बचपन के कोच भी थे। रघुवंशी जब 11 वर्ष के थे तब उनकी मुलाक़ात नायर से हुई थी और जल्द ही उन्होंने दिल्ली से मुंबई जाने का फ़ैसला भी कर लिया और एक हफ़्ते तक वह नायर के पास ही रहे।

रघुवंशी ने कहा, "उन्होंने मुझे खेलते देखा और मेरे ऊपर काम किया और मुझे उनके साथ जुड़ाव महसूस हुआ। जब मैं मुंबई पहली बार गया था तो उस एक हफ़्ते में मुझे उनसे काफ़ी कुछ सीखने को मिला था। इस अवधि में मैंने एक खेल के तौर पर क्रिकेट के बारे में काफ़ी कुछ नया जाना। और तब से मैंने उनसे जितना संभव हो सके सीखने की कोशिश की है। वह मैदान के अलावा ज़िंदगी में भी एक बेहतरीन कोच हैं। उन्होंने मुझे एक अच्छा व्यक्ति बनना और फ़ील्ड पर सम्मान भरा बर्ताव करना सिखाया।"

बल्ले से धमाल मचाने से पहले ही रघुवंशी ने KKR के सह-मालिक और बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख़ ख़ान का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था।

रघुवंशी ने शाहरुख़ के साथ हुई अपनी मुलाक़ात के बारे में बताया, "मैं पहले मैच के बाद उनसे मिला था, जिसमें मुझे खेलने का मौक़ा नहीं मिला था। वह मेरी तरफ़ आए और उन्होंने कहा, 'हाई अंगकृष, मैंने तुम्हें प्रैक्टिस करते देख रहा हूं।' उनका यह कहना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। मैं तब कुछ नहीं पाया, मैंने उन्हें सिर्फ़ शुक्रिया अदा किया क्योंकि मैं ठहर गया था।"

रघुवंशी ने अपनी टीम के साथियों को भी पहला अर्धशतक लगाने के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ाने का श्रेय दिया, जिससे उन्हें टीम में अपनी भूमिका समझने और एक टीम प्लेयर बनने में मदद मिली।

उन्होंने कहा, "मेरे पास बेस्ट टीममेट हैं। मैं नया था और वे काफ़ी समय से इस टीम का हिस्सा थे। वे पहले भी रन बना चुके थे और यह मेरा पहला अर्धशतक था। लेकिन जिस तरह से उन्होंने मेरी तारीफ़ की और मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। मैं इससे ज़्यादा की उम्मीद नहीं कर सकता था।"

भले ही उन्हें पिछले सीज़न नॉकआउट मुक़ाबलों में खेलने का मौक़ा नहीं मिला और उन्हें रिटेन भी नहीं किया गया लेकिन बड़ी नीलामी में KKR ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) से भिड़कर तीन करोड़ रुपए में ख़रीद लिया। वह वापस अपनी पुरानी टीम में आकर ख़ुश हैं लेकिन CSK और एस धोनी के साथ खेलने का मौक़ा मिलने का सोचना उनके लिए उत्सुकता भरी बात थी।

रघुवंशी एक एथीलीट परिवार से आते हैं। उनके पिता अवनिश एक टेनिस खिलाड़ी थे जबकि उनकी मां बास्केटबॉल में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं। रघुवंशी का मानना है कि उनकी इस यात्रा में उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी बड़ी भूमिका रही है।

उन्होंने कहा, "जब मैं छोटा था तब मेरे माता-पिता दोनों ने ही यह सुनिश्चित किया कि मैं हर गेम खेलूं। मैं अपने पिता के साथ टेनिस और अपनी मां के साथ बास्केटबॉल खेला करता था। और एक भारतीय परिवार से होने के नाते क्रिकेट खेलना तो लाज़िमी था।"

रघुवंशी को अधिक पहचान अभी सफ़ेद गेंद क्रिकेटर के तौर पर ही मिली है लेकिन वह लाल गेंद क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी 2024-25 में अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया और ओडिशा के ख़िलाफ़ अपने दूसरे मैच में उन्होंने बतौर सलामी बल्लेबाज़ 92 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने सर्विसेज़ के ख़िलाफ़ अर्धशतक भी लगाया। उन्होंने कहा कि वह भारत के हर बच्चे की तरह एक टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहते हैं।

रघुवंशी ने कहा, "मैं टेस्ट क्रिकेट देखते बड़ा हुआ हूं। ऐशेज़, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी देखा करता था। तो ज़ाहिर तौर पर मैं भी एक टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहता हूं। चार दिवसीय और पांच दिवसीय मैचों में जिस तरह की रणनीति बनाई जाती है मुझे वो बेहद पसंद है। आपको बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फ़ील्डिंग के दौरान भी योजना बनानी पड़ती है।"

इस IPL सीज़न रघुवंशी अच्छे फ़ॉर्म के साथ आए हैं, विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में उन्होंने दो अर्धशतक लगाए और IPL के इस सीज़न पहले मैच में उन्होंने 22 गेंदों पर 30 रनों की पारी खेली। इस बार रघुवंशी के कप्तान अजिंक्य रहाणे हैं जिनकी कप्तानी में उन्होंने मुंबई के लिए डेब्यू किया था।

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