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90 हज़ार दर्शक, मेलबर्न का ऐतिहासिक मैदान और 19 वर्षीय सैम कॉन्स्टास का डेब्यू

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने कॉन्स्टास को कहा है कि अपनी मासूमियत को बरकरार रखते हुए खेल का पूरा मज़ा लें

Sam Konstas at the MCG ahead of the fourth Test of the Border-Gavaskar Trophy, Melbourne, December 23, 2024

Sam Konstas के पास सिर्फ़ 11 प्रथम श्रेणी मैचों का अनुभव है  •  AFP via Getty Images

ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी , मेलबर्न का ऐतिहासिक मैदान। ये शब्द क्रिकेट की दुनिया में बहुत अहमियत रखते हैं। ऐसे में अगर एक 19 वर्षीय लड़के (सैम कॉन्स्टास) को 90000 दर्शकों के बीच अपना पहला टेस्ट खेलने का मौक़ा मिले तो शायद एक बार के लिए रोंगटे खड़े हो जाएं। और जब आप उस टीम के सदस्य बनने जा रहे हैं, जिसने पिछले दस साल से सीरीज़ में हार का सामना किया है तो दबाव का चरम पर होना आम बात है।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने कॉन्स्टास को भारत के ख़िलाफ़ बॉक्सिंग डे टेस्ट में अपने डेब्यू के दौरान युवावस्था की मासूमियत को बरक़रार रखने के लिए प्रोत्साहित किया है।
कमिंस इतनी सहजता के साथ इतनी कारगर बात को इसलिए कह पा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने ख़ुद इस दबाव का सामना किया था। और उस अनुभव के साथ एक युवा को अपनी मासूमियत और साहस को बरक़रार रखने की बात की जा रही है। कमिंस ने 2011 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 18 साल की उम्र में डेब्यू किया था। उस वक़्त वह ऐसा करते हुए, ऑस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे युवा टेस्ट क्रिकेटर बने थे। सिर्फ़ तीन प्रथम श्रेणी मैचों के बाद ही उन्हें अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेटर का तमगा दे दिया गया था।
उन्हें जोहान्सबर्ग में प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया था। उस मैच में उन्होंने 79 रन देकर छह विकेट लिए थे और विजयी रन भी बनाए थे।
सबसे कम उम्र में डेब्यू करने के मामले में कॉन्स्टास का नाम चौथे नंबर पर आएगा और यह उनका 12वां प्रथम श्रेणी मैच होगा।
कमिंस ने अपने टेस्ट डेब्यू को याद करते हुए कहा कि उनके पास काफ़ी कम अनुभव था और उनकी उम्र भी कम थी। इस कारण से उन पर ज़्यादा दबाव नहीं था।
उन्होंने कहा, "मैंने हाल ही में सैम से कहा था; 'मुझे याद है जब मैं 18 साल का था तो मैं सोच रहा था कि मुझ पर काफ़ी कम दबाव था क्योंकि मैं युवा था। मैं तब यह सोच रहा था कि अगर मैं उस मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता तो वह मेरी ग़लती नहीं होती। यह चयनकर्ताओं की ग़लती होती, जिन्होंने मुझे टीम में चयनित किया।' तुम बहुत युवा हो और बॉक्सिंग डे टेस्ट जैसे मंच में तुम्हें डेब्यू करने का मौक़ा मिल रहा है। तुम्हें ज़्यादा कुछ नहीं सोचते हुए, इस पल का आनंद लेना है।"
"अपने डेब्यू के दौरान मैंने कुछ समय यह सोचते हुए बिताया कि मुझे इतना जल्दी कैसे मौक़ा मिल गया। मुझे बस यह याद है कि मैं बहुत उत्साहित था और यह हफ़्ता सैम के लिए भी ऐसा ही होने वाला है। एक स्तर की मासूमियत के साथ आप सिर्फ़ मैदान जाकर खेलना चाहते हो, जैसे आप बचपन में अपने बगीचे में खेलते थे। खेल को चुनौती दीजिए और मजे कीजिए और इससे ज़्यादा कुछ नहीं सोचना है।"
"सैम के लिए मेरी तरफ़ से बस यही संदेश है। ऐसा ही मैं एक 18 वर्षीय खिलाड़ी के रूप में महसूस कर रहा था। खेल से पहले आप बहुत उत्साहित होते हो लेकिन एकबार जब मैच शुरू हो जाए तो आप ज़्यादा कुछ नहीं सोचते, सिर्फ़ मैच के ही बारे में सोचते हैं।"
जोहान्सबर्ग के अपने अनुभव को याद करते हुए कमिंस ने कहा: "मेरे डेब्यू मैच में मुझे याद है कि मैंने डेल स्टेन को उनके सिर के ऊपर से शॉट मारने की कोशिश की थी और तब मुझे लगा कि यह सही है, लेकिन अब पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि 'अरे, अगर मैं सफल नहीं हुआ होता तो मुझे कड़ी आलोचना झेलनी पड़ती', तो मुझे लगता है कि उस मासूमियत की मौजूदगी में कुछ फ़ायदा है।"
कॉन्स्टास को अपने डेब्यू के लिए मेलबर्न आने वाले अपने दोस्तों, परिवार और मेंटॉर शेन वॉटसन का मज़बूत समर्थन मिला है, लेकिन कमिंस ने यह महसूस किया कि वह किसी ऐसे व्यक्ति की तरह हैं जो अपने त्वरित सफलता को अतिउत्साहित न होकर अच्छे से संभाल रहे हैं।
कमिंस ने कहा, "वह काफ़ी शांत हैं। हंसी-मज़ाक में भी शामिल होते हैं। खु़द और दूसरों का भी मज़ाक उड़ाते हैं। हम हमेशा कोशिश कर रहे हैं कि वह ख़ुद को आसानी से ज़ाहिर करें। 19 साल की उम्र के हिसाब से उनमें काफ़ी समझदारी है। इसलिए हम उनकी पूरी तरह से मदद कर रहे हैं।"

ऐंड्र्यू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo के डिप्टी एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।