बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन में होने वाले
तीसरे टेस्ट के दौरान गाबा की पिच से पारंपरिक तेज़ी और उछाल देखने को मिलेगा। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यह टेस्ट गर्मियों की शुरुआत में और क्रिसमस से पहले है।
भारत के पिछले दौरे के दौरान ऋषभ पंत की
साहसिक पारी की मदद से ऑस्ट्रेलिया को इस मैदान पर 1988 के बाद पहली हार मिली थी। हालांकि तब यह टेस्ट क्रिसमस के बाद जनवरी में खेला गया था।
उसके बाद इस साल की शुरुआत में जनवरी में ही वेस्टइंडीज़ ने भी ऑस्ट्रेलिया को उनके इस 'क़िले' पर
हराया। इसलिए भी अब ऑस्ट्रेलिया यहां पर क्रिसमस से पहले टेस्ट मैच खेलना चाहता है।
cricket.com.au से बात करते हुए गाबा के पिच क्यूरेटर डेविड सैंडर्स्की ने कहा, "साल के अलग-अलग समय में यह पिच अलग-अलग तरह से व्यवहार करती है। सीज़न के अंत में पिच थोड़ी सी अधिक टूट जाती है, जबकि सीज़न की शुरुआत में यह ताज़ी और जीवंत होती है। हालांकि हम ऐसी पिच तैयार कर रहे हैं, जिसमें तेज़ी और उछाल हो। इसी तरह की पिच के लिए गाबा को जाना जाता है। हम इस साल भी पिछले सालों की तरह एक पारंपरिक गाबा पिच तैयार कर रहे हैं।"
फ़िलहाल पांच मैचों की यह सीरीज़ दो मैचों के बाद 1-1 से बराबर है। गाबा की इस पिच पर पिछले महीने एक घरेलू दिन-रात्रि पिंक बॉल मैच के दौरान पहले दिन 15 विकेट गिरे थे। सैंडर्स्की ने कहा कि यह पिच उस मैच की ही तरह होगी।
उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य उसी तरह का एक ऐसा विकेट तैयार करना है, जहां गेंद और बल्ले का उचित संतुलन दिखे। उम्मीद करते हैं कि इस पिच पर सबके लिए कुछ ना कुछ होगा।"
फ़िलहाल भारतीय टीम ब्रिस्बेन पहुंच चुकी है।