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क्या बाबर आज़म पाकिस्तान की कप्तानी छोड़ना चाहते थे? पाकिस्तान क्रिकेट में आए भूचाल से जुड़े हर सवाल का जवाब

क्या बाबर पाकिस्तान की नए सिरे से तैयार की जानी वाली टीम का नेतृत्व नहीं करना चाहते थे?

Babar Azam in action during Pakistan's final league-stage game, England vs Pakistan, Men's ODI World Cup, Kolkata, November 11, 2023

बाबर को टेस्ट कप्तानी जारी रखने का विकल्प दिया गया था  •  Dibyangshu Sarkar / AFP via Getty Images

बुधवार को विश्व कप में पाकिस्तान के ख़राब प्रदर्शन के बाद बाबर आज़म ने सभी प्रारूपों की कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया। बाबर के इस्तीफ़े के तुरंत बाद ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने दो प्रारूपों के लिए नए कप्तान भी नियुक्त कर दिए। इस पूरे घटनाक्रम ने कई सवालों को जन्म दे दिया है, उन सभी सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।
बाबर आज़म ने इस्तीफ़ा क्यों दिया?
विश्व कप में ख़राब प्रदर्शन तो एक वजह है ही। 2019 विश्व कप के बाद मिकी आर्थर और बल्लेबाज़ी कोच ग्रांट फ़्लावर को अपने अपने पद छोड़ने पड़े थे। जबकि सरफ़राज़ अहमद को भी एक साल के भीतर ही वनडे कप्तानी से हाथ धोना पड़ गया था।
बाबर पर भी दबाव बनने लगा था। ख़ास तौर पर गेम के दौरान उनके निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे थे। हालांकि बाबर को कप्तान नियुक्त करने के समय भी ऐसे सवाल खड़े किए गए थे लेकिन उस समय बाबर ही हर प्रारूप में पाकिस्तान के स्टार खिलाड़ी थे।
टेस्ट में बाबर की अगुवाई में पाकिस्तान कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाया। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ घर पर हार मिली और इंग्लैंड ने पहली बार पाकिस्तान को उसके घर पर क्लीन स्वीप करते हुए मात दी। जनवरी 2021 में पहली बार टेस्ट सीरीज़ में कप्तानी करने वाले बाबर इसके बाद घर पर कभी टेस्ट मैच नहीं जीत पाए। 2023 एशिया कप में पाकिस्तान चौथे पायदान पर रहा जबकि 2023 विश्व कप में पाकिस्तान अपने नौ में से पांच मैच हार गया।
क्या बाबर कप्तानी छोड़ना चाहते थे?
बाबर की कप्तानी छोड़ने के पीछे उनकी इच्छा होने के सीमित सबूत हैं। विश्व कप में अंतिम मैच के बाद उन्होंने कहा भी था कि वह नए सिरे से तैयार की जाने वाली पाकिस्तान टीम की अगुवाई भी करना चाहेंगे। हालांकि पत्रकार वार्ता के दौरान बाबर ने अपने इस कथन से पल्ला झाड़ लिया था। पीसीबी ने बुधवार को बताया कि उसने बाबर को टेस्ट की कप्तानी जारी रखने का विकल्प दिया था लेकिन बाबर ने सभी प्रारूपों की कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया।
क्या अंतरिम कमेटी कप्तान को हटा सकती है?
पीसीबी अध्यक्ष के पास कप्तान को नियुक्त करने और हटाने का अधिकार है। पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री द्वारा ज़का अशरफ़ का कार्यकाल तीन महीने तक बढ़ाए जाने के बाद अशरफ़ इस समय इस दायित्व को निभा रहे हैं। वह पाकिस्तान की मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष हैं। पाकिस्तान की एक अदालत ने हाल ही में निर्णय दिया था कि इस अस्थाई कमेटी के पास अहम बदलाव करने का अधिकार नहीं है, यह सिर्फ़ केयरटेकर के तौर पर ही व्यवहार कर सकती है।
ऐसी परिस्थिति में बाबर को कप्तानी से हटाए जाने का सिर्फ़ एक रास्ता था कि बाबर ख़ुद ही कप्तानी छोड़ दें। अगर बाबर ने कप्तानी छोड़ने से इनकार कर दिया होता तो कमेटी के लिए उन्हें कप्तानी से हटाना संभव नहीं था। हालांकि इसका हल उन्हें टीम में ना चुनकर भी निकाला जा सकता था लेकिन यह व्यवहारिक नहीं होता।
क्या मिकी आर्थर अभी भी पाकिस्तान क्रिकेट से जुड़े हुए हैं?
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को पता चला है कि आर्थर और टीम के मुख्य कोच ग्रांट ब्रैडबर्न दोनों ही अगले महीने ऑस्ट्रेलिया में होने वाली टेस्ट सीरीज़ के लिए पाकिस्तान की टीम के साथ दौरा नहीं करेंगे। इन दोनों को हटाए जाने का फ़ैसला इसलिए नहीं लिया जा सका क्योंकि यह अंतरिम कमेटी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। अशरफ़ ने मंगलवार को पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद हफ़ीज़ से भेंट की थी और ऐसा माना जा रहा है कि हफ़ीज़ टीम के डायरेक्टर के तौर पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड जाएंगे। हालांकि इस दौरे के लिए मुख्य कोच का ऐलान होना अभी भी बाक़ी है लेकिन इस पद के लिए यूनिस ख़ान और वहाब रियाज़ प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
पीसीबी कब अपने निर्णय ले पाएगा?
इसके लिए पाकिस्तान में आगामी आम चुनावों का इंतज़ार करना होगा। नए प्रधानमंत्री के पास पीसीबी अध्यक्ष को नॉमिनेट करने का अधिकार होगा और इसके बाद पीसीबी वह सारे निर्णय ले पाएगा जो कि पहले उसके अधिकार क्षेत्र में हुआ करते थे।
बाबर, आर्थर, ब्रैडबर्न और मसूद के लिए इसके क्या मायने हैं?
पिछले 24 घंटे में जो भी निर्णय लिए गए हैं वो आने वाले समय में पलटे जा सकते हैं। अगर फ़रवरी में नजम सेठी वापस लौटते हैं तो आर्थर और ब्रैडबर्न की वापसी भी हो सकती है। विदेशी कोचों के साथ जाने की सेठी की सोच से हर कोई परिचित है। वापसी की स्थिति में सेठी के पास कप्तान और कोच नियुक्त करने और हटाने का अधिकार होगा।
तो ये बलदाव सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया के दौरे तक के लिए ही प्रभावी होंगे?
संभवतः, हां। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पांच टी20 तक के लिए भी। और इसके बाद, जैसा कि पाकिस्तान क्रिकेट में होता आया है, यहां कुछ भी मुमकिन है।

दन्याल रसूल ESPNcricinfo के पाकिस्तानी संवाददाता हैं