पिछले साल टी20 विश्व कप में भारत के जल्दी बाहर होने के बाद
रोहित शर्मा और
राहुल द्रविड़ ने टीम की कमान संभाली और अपने पुराने दृष्टिकोण को दूर करने और एक आक्रामक शैली को अपनाने की आवश्यकता को पहचाना। कप्तान रोहित शर्मा ने इस बदलाव को सबसे पहले खु़द अपनाया।
रोहित ने हाल ही में 'फ़ॉलो द ब्लूज़' नामक एक कार्यक्रम में स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "दुबई में टी20 विश्व कप के बाद, जब हम क्वालीफ़ाई नहीं कर पाए, तो हमने महसूस किया कि हमारे दृष्टिकोण में बदलाव की ज़रूरत है। हमारे खिलाड़ियों को एक स्पष्ट संदेश दिया गया था और वे इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार थे। यदि कप्तान और कोच से संदेश स्पष्ट है तो खिलाड़ी निश्चित रूप से इस दिशा में और भा ज़्यादा प्रयास करेंगे। इसके लिए उन्हें आज़ादी चाहिए, उन्हें स्पष्टता चाहिए, जो हम देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें अधिक से अधिक आज़ादी देने की कोशिश कर रहे हैं।"
जनवरी 2019 से नवंबर 2021 में टी20 विश्व कप के अंत तक रोहित का पहला दस गेंदों का स्ट्राइक रेट 119.6 था। हालांकि यह सितंबर 2007 से दिसंबर 2018 में अपने टी20 पदार्पण से उनकी पहली दस गेंदों की स्ट्राइक रेट 108.20 की थी, हालांकि यह अभी भी थोड़ा कम था।
हालांकि इस साल जुलाई के बाद से कोविड -19 से उबरने के बाद रोहित के स्ट्राइक रेट में उछाल आया है। अब पहले दस गेंदों में उनका स्ट्राइक रेट 153.60 तक गया है। पूर्ण सदस्यीय टीमों के सलामी बल्लेबाज़ों में यह सर्वश्रेष्ठ सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट है। वैश्विक स्तर पर इस सूची में रोहित से आगे सिर्फ इंग्लैंड के जॉस बटलर (169) और आयरलैंड के पॉल स्टर्लिंग (166) हैं।
पावरप्ले में रोहित का समग्र टी20 स्ट्राइक रेट भी उनके दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शाता है। जनवरी 2019 से नवंबर में पिछले साल के टी 20 विश्व कप के अंत तक, उन्होंने टी20 में पहले छह ओवरों में 139.07 के स्ट्राइक के साथ अपनी पारी को आगे बढ़ाया था।
2022 की शुरुआत के बाद से टी20 पावरप्ले स्ट्राइक रेट भी 147.82 हो गया है। इस साल कम से कम दस पारियां खेलने वाले सलामी बल्लेबाजों में यह सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट है। वेस्टइंडीज़ के काइल मेयर्स (143.33), ज़िम्बाब्वे के रेजिस चकाब्वा (137.60), स्टर्लिंग (129.74) और आयरलैंड के ऐंडी बैलबर्नी (128.49) भी इस सूची में शीर्ष पांच में शामिल हैं।
जब वह [द्रविड़] कोच बने, तो हम मिले और हम थोड़ी देर के लिए एक कमरे में बैठे। हमने चर्चा की कि हम इस टीम को कैसे आगे ले जाना चाहते हैं। मैंने उन्हें बताया कि मैं क्या सोच रहा हूं। इसके कारण टीम के खिलाड़ियों को स्पष्ट संदेश देना थोड़ा आसान हो गया।
रोहित शर्मा
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़
चौथे मैच में रोहित की बल्लेबाज़ी उनकी नई शैली के प्रति सच्चे रहने का एक उत्कृष्ट उदाहरण था। जैसे ही उन्होंने देखा कि पिच पर गेंदबाज़ों के लिए कोई स्विंग नहीं है, उन्होंने जम कर बल्ला चलाना शुरू किया। इस क्रम में उन्होंने जोखिम भी लिया लेकिन उन्हें इसका उचित इनाम भी मिला।
रोहित ने इसी तरह कोलकाता में वेस्टइंडीज़ के विरूद्ध
19 गेंदों में 40 रन बनाए थे और इस साल की शुरुआत में बर्मिंघम में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 20 गेंद में 31 रन बनाए थे। रोहित और कोच द्रविड़ ने भी भारत के बाक़ी बल्लेबाज़ों को इसी तरह से बल्लेबाज़ी करने की स्वतंत्रता और सुरक्षा दी है।
2022 में टी20 में भारत ने 9.29 प्रति ओवर की दर से रन बनाए हैं, एक वर्ष में यह उनका सर्वश्रेष्ठ रन दर है। केवल न्यूज़ीलैंड (9.83) की टीम ने तेज़ गति से रन बनाए थे।
रोहित ने कहा, "जब वह [द्रविड़] कोच बने, तो हम मिले और हम थोड़ी देर के लिए एक कमरे में बैठे। हमने चर्चा की कि हम इस टीम को कैसे आगे ले जाना चाहते हैं। मैंने उन्हें बताया कि मैं क्या सोच रहा हूं। इसके कारण टीम के खिलाड़ियों को स्पष्ट संदेश देना थोड़ा आसान हो गया।
उन्होंने कहा, "यह ऐसी चीज़ है जिसके बारे में हमने बात की और निश्चित रूप से हम अपनी क्रिकेट शैली को भी बदलना चाहते थे। हम तीनों प्रारूपों में एक निश्चित तरीके़ से खेलना चाहते थे और वह यह सब स्वीकार करने के लिए तैयार थे। अब तक यह वास्तव में अच्छा रहा है। मैं उनकी कोचिंग के तहत वास्तव में कुछ हासिल करने के लिए उत्सुक हूं।"