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बवूमा का लक्ष्य है बड़ा ख़िताब जीतकर 'चोकर्स' टैग हटाना

श्रीलंका के ख़िलाफ़ साउथ अफ़्रीकी कप्तान ने दोनों स्पिनरों को खिलाने का विकल्प भी रखा है

Temba Bavuma will have a big role to play, as batter and as captain, South Africa vs Sri Lanka, World Cup, Delhi, October 6, 2023

श्रीलंका के विरुद्ध मैच से पहले अभ्यास का हिस्सा बनते हुए साउथ अफ़्रीकी कप्तान बवुमा  •  Gallo Images/Getty Images

विश्व कप में साउथ अफ़्रीका की टीम को 'चोकर्स के रूप में जाना जाता है। उनका अपना इतिहास रहा है, जब वे बड़े और नॉकआउट मैचों में जीतते-जीतते हार गए हों। साउथ अफ़्रीकी कप्तान तेम्बा बवूमा इसे स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि वह ख़ुद ही टीम मीटिंग में इस शब्द का कुछ बार उपयोग कर चुके हैं।

दिल्ली में श्रीलंका के ख़िलाफ़ विश्व कप के अपने पहले मुक़ाबले से पहले बवूमा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "विश्व कप में आपके ऊपर हमेशा उम्मीदों का दबाव होता है। खिलाड़ी भले ही कहते हों कि उनके ऊपर दबाव नहीं है और वे बाहरी आवाज़ों को नहीं सुनते, लेकिन ऐसा होना असंभव है। कप्तानों के डिनर में भी मैंने सभी कप्तानों से इस दबाव के बारे में सुना, यह सबके लिए एक जैसा है।"

उन्होंने आगे कहा, "इसके अलावा साउथ अफ़्रीकी टीम का विश्व कप का अपना एक इतिहास और नैरेटिव भी है, जो तब तक नहीं ख़त्म होगा, जब तक हम कोई बड़ा ख़िताब नहीं जीत लें। इसको डील करने का यही तरीक़ा है कि हम अपने आप को बस खेल पर ही फ़ोकस रखें। एक साउथ अफ़्रीकी टीम होने के कारण हमें उस दबाव को झेलना होगा।"
विश्व कप से पहले की तैयारियों के बारे में बवूमा ने कहा, "मैं इस तैयारी से संतुष्ट हूं। हमारा एक अभ्यास मैच ख़राब मौसम के कारण धुल गया था, लेकिन हमारे खिलाड़ी तरोताज़ा हैं और कल के मैच के लिए तैयार हैं। हमारा अभ्यास सत्र अच्छा गया था और आज भी एक वैकल्पिक अभ्यास सत्र था। हम इस मैदान पर पहले भी खेले हैं, तो हमें पिच का व्यवहार भी पता है।"

हालांकि इस मैदान पर साउथ अफ़्रीका का पिछला रिकॉर्ड बहुत ख़राब रहा है, जब कुलदीप यादव की फिरकी के सामने साउथ अफ़्रीकी टीम इस मैदान पर सिर्फ़ 99 रन पर ऑलआउट हो गई थी
इस पर बवूमा ने कहा, "जब हम पिछली बार यहां खेले थे, तो मैं टीम में नहीं था। हमारे बल्लेबाज़ों ने यहां की परिस्थितियों को अच्छे से परखा है और अपने खेल को उसी के अनुसार ढाल रहे हैं। हमें पता है कि विश्व कप में हर पिच हमें आसान नहीं मिलेगी। जहां तक भारत में मेरा खेलने का अनुभव है, आपको हर जगह अलग-अलग परिस्थितियां मिलेंगी और हमारे बल्लेबाज़ व गेंदबाज़ इसके लिए तैयार हैं।"

साउथ अफ़्रीका का गेंदबाज़ी आक्रमण तेज़ गेंदबाज़ी के लिए ही जाना जाता है, लेकिन भारतीय परिस्थितियों में उनके स्पिनर्स महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। बवूमा भी इसे स्वीकार करते हैं।
उन्होंने कहा, "हमारे पास केशव महाराज और तबरेज़ शम्सी जैसे स्पिन गेंदबाज़ हैं, जो हमारे गेंदबाज़ी आक्रमण में विविधता लाते हैं। अगर परिस्थितियां स्पिन के अनुकूल होंगी तो हम दो स्पिनरों को भी एकादश में खिला सकते हैं। मैं नहीं कहूंगा कि गेंदबाज़ी हमारे लिए चिंता का विषय है, लेकिन कई क्षेत्र हैं, जहां पर हम सुधार कर सकते हैं। हमें खेल के तीनों चरणों पावरप्ले, मध्य ओवरों और डेथ ओवर्स में एक साथ अच्छा करना होगा। मुझे लगता है कि हमें यहां पर ही सुधार करने की ज़रूरत है।"

साउथ अफ़्रीकी कप्तान ने यह भी कहा कि किसी टूर्नामेंट का 'फ़ेवरिट' होना या ना होना, अधिक मायने नहीं रखता है क्योंकि एक टीम के रूप मे आपकी ख़ुद की कुछ उम्मीदें और दबाव दोनों होता हैं।

उन्होंने आख़िर में कहा, "हम बस अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना चाहते हैं।"

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95