रजत पाटीदार के लिए इंदौर से भारतीय टीम तक का सफ़र काफ़ी कम समय में तय हो गया है।
फ़रवरी में जब आईपीएल की नीलामी हुई थी तब उन्हें किसी ने अपनी टीम में नहीं लिया था। पाटीदार ने इसे आत्मतरस की जगह 2022 को एक यादगार साल बनाने के प्रण में बदल दिया।
इस प्रण को वह लगभग पूरा ही कर चुके हैं, और अगर उन्हें भारत का कैप मिल जाता है तो इसकी पूर्ती हो जाएगी।
साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ एक दूसरे दर्जे के भारतीय दल में शिखर धवन की कप्तानी में पाटीदार मध्यक्रम में स्थान के लिए एक दावेदार होंगे। अगर उन्हें पहली बार भारत के लिए खेलने का मौक़ा मिलता है तो यह एक बहुत उचित चयन होगा।
पाटीदार ने बीसीसीआई के औपचारिक चैनल से बात करते हुए कहा, "यह मेरे लिए सपना साकार होने जैसा है। मेरे लिए आईपीएल एक टर्निंग प्वाइंट था लेकिन मुझे पता है मैं तीनों प्रारूपों में सफल हो सकता हूं। मैं [तीनों प्रारूप] के प्रोसेस पर ध्यान दे रहा हूं। मैं केवल वर्तमान में रहकर टीम की हर ज़रूरत को पूरा करना चाहता हूं।"
पाटीदार 27 वर्ष के हैं और क्रिकेट के मामल में एक परिपक्व इनसान हैं। उन्हें पता है कि चयनित होना और टीम से ख़ुद को बाहर पाना एक ही अंजाम के दो पहलू हैं। अगर वह किसी चीज़ पर नियंत्रण रख सकते हैं वह है रन बनाने की अपनी क्षमता।
और यह वह किस ख़ूबी से कर लेते हैं। जब आईपीएल में उन्हें किसी ने नहीं चुना तो इसके तुरंत बाद उन्होंने मध्य प्रदेश के लिए गुजरात के विरुद्ध पहली पारी के आधार पर पिछड़ने के बावजूद जीते मैच में दोनों पारियों में अर्धशतक लगाए। उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी के लीग चरण में 83.75 के औसत से 335 रन बनाए, जिसमें न्यूनतम स्कोर था 53 का। इससे मध्य प्रदेश को नॉकऑउट में स्थान मिला।
अप्रैल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में बतौर रिप्लेसमेंट खिलाड़ी जुड़ने के लिए माइक हेसन ने पाटीदार को फ़ोन किया। उन्होंने मई में होने वाली अपनी शादी की तारीख़ को टाल दिया ताकि उन्हें आईपीएल में खेलने का मौक़ा मिले।
इस फ़ोन कॉल के 24 घंटे के अंदर वह मुंबई जाने के लिए प्लेन पर बैठ गए। कुछ सप्ताह बाद वह प्लेऑफ़ मैच में पहले अनकैप्ड भारतीय शतकवीर बने। ईडन गार्डन्स में लखनऊ सुपर जायंट्स को पछाड़ने के बाद उन्होंने क्वालिफ़ायर 2 में भी राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध पचासा बनाया।
पाटीदार ने अपने जीवन के दूसरे आईपीएल सीज़न में 152.75 के स्ट्राइक रेट से 333 रन बनाए। अब वह पूरी तरह से राष्ट्रीय स्तर के हस्ती बन चुके थे। उन्होंने आगे इसी फ़ॉर्म को बरक़रार रखा है। आईपीएल के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश को अपनी पहली रणजी ट्रॉफ़ी दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। नॉकआउट पड़ाव में 323 रनों में फ़ाइनल में एक शतक शामिल था। उस दौरान उन्होंने हर मैच में 50 का आंकड़ा पार किया।
सितंबर में उन्होंने न्यूज़ीलैंड ए के विरुद्ध तीन प्रथम श्रेणी मैचों में दो शतक लगाए। यह इंडिया ए के साथ खेलते हुए उनका पहला अनुभव था। इसी फ़ॉर्म के चलते उन्हें भारतीय टीम में स्थान दिया गया है।
उन्होंने जून में रणजी फ़ाइनल के बाद कहा था, "अगर आप बल्लेबाज़ी की बात करें तो मैं ख़ुद को प्रदर्शन के आधार पर नहीं आंकता हूं। मुझे बल्लेबाज़ी की 'फ़ील' आनी चाहिए। शॉट अच्छे हैं, शरीर में संतुलन है और सिर सही स्थान पर है। जब तक ऐसा नहीं होता मुझे नहीं लगता कि मैं फ़ॉर्म में हूं। हर बल्लेबाज़ का काम होता है रन बनाना। लेकिन मेरी सोच यह है कि अगर मैं बल्लेबाज़ी के बारे में ख़ुश हूं तो रन अपने आप आते हैं।"
इस फ़ील का श्रेय वह विराट कोहली, एबी डिवीलियर्स और दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलने से मिलने वाली सीख को देते हैं। उन्होंने कहा, "विराट और एबी तो मानो जैसे मेरे हीरो थे। मुझे उनसे पहली बार मिलने में थोड़ा संकोच हुआ था। उनसे पहली बार बात करना भी यादगार था। उन्हें नेट्स पर खेलते देख मैंने सही अप्रोच के बारे में बहुत कुछ सीखा।"
सोमवार उनके लिए मौजूदा भारतीय टीम के साथ पहला पूरा अभ्यास सत्र था। कोच वीवीएस लक्ष्मण ने हडल में उनका स्वागत किया और उनके बड़े मैच खेलने की मनोवृत्ति और रनों के भूख़ की प्रशंसा की। कप्तान धवन ने भी उनके प्रतिभा की सराहना की।
पाटीदार ने कहा, "जब लेजेंडरी खिलाड़ी आपका स्वागत करते हैं तो आपको प्रेरणा मिलती है। मैं काफ़ी लोगों को जानता हूं लेकिन शिखर [धवन] भाई के साथ पहली बार खेलूंगा। मैं यही सोच रहा था कि मैं इतने बड़े खिलाड़ी से कैसे बात छेडूंगा लेकिन वह ख़ुद मेरे पास बात करने आए। उन्होंने मेरे खेल की तारीफ़ की और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर असिसटेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है