आईपीएल 2021 : पंजाब किंग्स, आरआर, केकेआर और सनराइज़र्स हैदराबाद को वापसी का इंतज़ार
लीग के पहले चरण में अंक तालिका की आख़िरी चार टीमों के फ़ॉर्म और आने वाली चुनौतियों पर एक नज़र
पहले चरण में क्रिस मॉरिस राजस्थान रॉयल्स के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे • BCCI/IPL
राजस्थान रॉयल्स
अंक तालिका में पांचवां स्थानमैच:7, जीत: 3, हार: 4, प्वाइंट: 6
अंदर: ग्लेन फ़िलिप्स, एविन लुईस, ओशेन थॉमस, तबरेज़ शम्सी
बाहर: बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर, ऐंड्र्यू टाई
राजस्थान रॉयल्स में मैच जिताऊ खिलाड़ियों पर निर्भर होना कोई नई बात नहीं है। सीज़न के शुरुआती अंश में जॉस बटलर, क्रिस मॉरिस और कप्तान संजू सैमसन ने समय-समय पर टीम को तालिका के बीचों बीच रखने में योगदान दिया। आर्चर और स्टोक्स के ग़ैर मौजूदगी में 14 विकेट लेकर सीज़न के दूसरे सर्वाधिक विकेट टेकर मॉरिस पर टीम भरोसा जताएगी। साथ ही सौराष्ट्र के बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ जयदेव उनादकट और चेतन साकरिया ने भी 7.06 और 8.22 की इकॉनमी से 11-11 विकेट लिए थे।
आर्चर ने कई बार रॉयल्स की जीत की नींव रखी और साथ ही प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट बने। वहीं राहुल तेवतिया और सैमसन ने भी धाकड़ बल्लेबाज़ी से कुछ मैच जिताए।
रॉयल्स की टीम से तीन बड़े विदेशी नाम ग़ायब हैं लेकिन उनकी जगह आए खिलाड़ी भी अच्छी लय में हैं। स्पिनर्स तेवतिया और श्रेयस गोपाल ने मिलकर 81 के औसत से केवल चार विकेट लिए हैं और उम्मीद होगी की शम्सी के शिरक़त से फ़ायदा मिले। रॉयल्स के आगे बढ़ने के लिए लियम लिविंगस्टन और लुईस को अपने आतिशी फ़ॉर्म को बरक़रार रखना होगा।
पंजाब किंग्स
अंक तालिका में छठा स्थानमैच:8, जीत: 3, हार: 5, प्वाइंट: 6
अंदर: एडन मारक्रम, नेथन एलिस, आदिल रशीद
बाहर: डाविड मलान, राइली मेरेडिथ, जाय रिचर्डसन
पिछले कुछ सीज़न में टीम की सबसे बड़ी शक्ति रही है उनकी सलामी जोड़ी, और 2020 से अब तक, के एल राहुल और मयंक अग्रवाल ने ठीक वही करना शुरू कर दिया है जो उससे पहले राहुल क्रिस गेल के साथ किया करते थे। इस साल का क़िस्सा भी कुछ ऐसा ही रहा लेकिन साथ ही हरप्रीत बराड़ ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ एक मैच में कमाल कर दिया था।
अग्रवाल तेज़ शुरुआत देते थे, निकोलस पूरन पारी समाप्ति में गतिशीलता प्रदान करते थे और मोहम्मद शमी बतौर टी20 गेंदबाज़ पूरे जलवे में नज़र आए थे। लेकिन किंग्स ने तीन ऐसे मैच गंवाए जहां उनकी जीत लगभग पक्की दिख रही थी। ग्लेन मैक्सवेल और शेल्डन कॉट्रेल ने भी लगातार निराश किया। राहुल ने सीज़न में सर्वाधिक 670 रन बनाए लेकिन 130 की स्ट्राइक रेट ने टीम को कुछ परिस्थितियों में नुक़सान पहुंचाने का काम किया। आख़िरकार टीम छठे स्थान पर रही लेकिन सिर्फ़ नेट रनरेट पर चेन्नई और राजस्थान को पीछे छोड़ा।
छह पारियों में चार बार शून्य पर आउट होकर पूरन ने मध्यक्रम पर काफ़ी दबाव बनाए रखा था। साथ ही दीपक हुड्डा और शाहरुख़ ख़ान अब तक बल्ले के साथ कोई निरंतरता नहीं ढूंढ पाए हैं। रिचर्डसन और मेरेडिथ के चले जाने से टीम में तेज़ गेंदबाज़ी में एक्सप्रेस पेस के मामले में सिर्फ़ एक शमी ही बचे विकल्प हैं। किंग्स के पास बस छह मैच ही बचे हैं और प्लेऑफ़ के लिए क्वालीफ़ाई करना उनके लिए बहुत कठिन है।
कोलकाता नाइट राइडर्स
अंक तालिका में सातवां स्थानमैच: 7, जीत: 2, हार:5, प्वाइंट: 4
अंदर: टिम साउदी
बाहर: पैट कमिंस
केकेआर के स्पिन गेंदबाज़ और आंद्रे रसल, पैट कमिंस और नितीश राणा जैसे आक्रामक बल्लेबाज़ों ने पहले चरण में अपना जलवा बिखेरा था। रसल ने तो एक मैच में पांच विकेट झटके और वह 166 के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे थे। वरुण चक्रवर्ती और सुनील नारायण गेंद के साथ उनके सबसे ख़तरनाक विकल्प हैं। नारायण कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) में अच्छी लय में नज़र आ रहे थे जबकि चक्रवर्ती ने अपने प्रदर्शनों के दम पर टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई है।
काफ़ी समय से कोलकाता का ऑलराउंड खेल उनके लिए सही साबित हो रहा है। पिछले साल चक्रवर्ती ने विपक्षी बल्लेबाज़ों को परेशान किया था और शुभमन गिल और ओएन मॉर्गन बल्ले से धूम मचा रहे थे। हालांकि दिनेश कार्तिक का ख़राब फ़ॉर्म और रसल की बल्लेबाज़ी का न चल पाना उनको भारी पड़ा और वह प्लेऑफ़ की दौड़ से बाहर हो गए।
शीर्ष क्रम की धीमी शुरुआत और मिडिल ऑर्डर का तेज़ी से रन न बना पाना पहले चरण में कोलकाता के लिए परेशानी का सबब रहा। पावरप्ले में उन्होंने 12 विकेट गंवाए और औसतन 25.75 रन बनाए। गिल और मॉर्गन 120 से भी कम के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे थे जिससे टीम को ज़्यादा फ़ायदा नहीं हो रहा था। दूसरे चरण से पहले कोच ब्रेंडन मैक्कलम ने बताया कि पहले चरण में टीम थोड़ी सहमी हुई थी। क्या दूसरे चरण में टीम केकेआर निडर होकर खेल पाएगी?
सनराइज़र्स हैदराबाद
अंक तालिका में आठवां स्थानमैच: 7, जीत: 1, हार: 6, प्वाइंट: 2
अंदर: शरफ़ेन रदरफ़र्ड
बाहर: जॉनी बेयरस्टो
उस टीम में सकारात्मक पक्ष कम ही होते हैं जिसने पहले सात मैचों में केवल एक जीत दर्ज की है, 21 अलग-अलग खिलाड़ियों को आज़माया है और तो और बीच टूर्नामेंट अपने कप्तान डेविड वॉर्नर को टीम से बाहर रखा है। इन सबके बावजूद राशिद ख़ान, केन विलियमसन और जॉनी बेयरस्टो की तिकड़ी ने संघर्ष कर रही टीम को संभाला। टी नटराजन को चोट के कारण टूर्नामेंट छोड़कर जाना पड़ा था लेकिन वह उस चोट से उबर चुके हैं। साथ ही नंबर तीन पर खेल रहे मनीष पांडे अच्छी लय में नज़र आए थे।
नटराजन, विलियमसन, वॉर्नर और ऋद्धिमान साहा ने सनराइज़र्स को पिछली बार प्लेऑफ़ में पहुंचाया था और इस बार भी इन चारों के प्लेइंग XI में खेलने की उम्मीद है। मध्यक्रम में अभिषेक शर्मा, अब्दुल समद और प्रियम गर्ग ने अच्छा प्रदर्शन किया था और इस बार भी उनसे वैसी ही अपेक्षा है।
पिछले कुछ सालों में सनराइज़र्स के लिए चिंता का विषय समान रहा है - कौन होंगे उनके चार विदेशी खिलाड़ी? साथ ही परेशानी का सबब यह भी है कि उनका मिडिल ऑर्डर बड़ा योगदान नहीं दे पा रहा है। वॉर्नर और गेंदबाज़ी क्रम को श्रेय जाता है कि इन सब परेशानियों के बावजूद टीम लगातार प्लेऑफ़ में जगह बनाने में क़ामयाब रही है। जॉनी बेयरस्टो का टूर्नामेंट से बाहर होना टीम के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे विजय शंकर की भूमिका साफ़ हो जाएगी। सनराइज़र्स के तेज़ गेंदबाज़ भी ख़राब फ़ॉर्म से जूझ रहे थे।
गौरव सुंदरारमन ESPNcricinfo में सीनियर स्टैट्स एनालिस्ट हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।