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क्या कोहली अच्छी फ़ॉर्म में लौट आए हैं?

आख़िरकार उनके बल्ले से अर्धशतक तो निकला लेकिन स्ट्राइक रेट अब भी चिंता का विषय बना रहा

शनिवार दोपहर में ब्रेबोर्न स्टेडियम में एक नौ साल की लड़की बड़ी देर से टीवी कैमरा का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रही थी। उसके हाथ में पोस्टर पर लिखा था कि वह काफ़ी दूर (तेलंगाना) से अपने हीरो विराट कोहली को देखने आई थी। वह बच्ची दरअसल ब्रेबोर्न स्टेडियम में एकत्रित सैंकड़ों कोहली प्रसंशकों की मन की बात कर रही थी। उतने ही हज़ारों और लाखों की संख्या में क्रिकेट समर्थक दुनिया भर से निगाहें जमाए बैठे थे कि कोहली कब रन बनाएंगे। सबसे बड़ा सवाल था कि उनका हालिया ख़राब फ़ॉर्म का दौर, जिसमें उन्होंने दो बार गोल्डन डक भी बनाएं हैं, आख़िर कब तक उनका पीछा करेगा?
अपनी बल्लेबाज़ी में स्पष्टता के लिए प्रचलित खिलाड़ी कोहली हाल ही में जिन तरीक़ों से आउट होते आए हैं यह उनके चेहरे पर झलकने लगा है। अपने हाव भाव को छुपाने में वह वैसे भी विश्वास नहीं करते लेकिन हालिया समय में हर बार आउट होते ही उनकी शारीरिक भाषा से वह परेशान दिखते रहे हैं। उनकी फ़्रैंचाइज़ी उन्हें ड्रॉप नहीं कर सकती थी। विशेषज्ञों की टिप्पणी भी ख़त्म होने का नाम नहीं लेती थी। हालांकि ऐसा तर्क उनके समर्थकों पर नहीं लागू होता। तभी तो शनिवार को भी हर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु मैच की तरह दर्शकों में 'विराट 18' वाली जर्सी की कोई कमी नहीं थी।
मीडिया और एक्सपर्ट्स का काम है भावनात्मक ना होकर निष्पक्ष होना। एक समर्थक से ऐसी कोई अपेक्षा नहीं होती। तभी 40 डिग्री की गर्मी में भी स्टेडियम टॉस से एक घंटे पहले से ही काफ़ी आंदोलित था। जब कोहली थ्रोडाउन लेने मैदान पर उतरे तो दर्शकों में ऊर्जा का संचार साफ़ था।
कुछ देर बाद कोहली बल्ले को अपने दाहिने कंधे पर डाले चिर परिचित सकारात्मक शारीरिक भाषा के साथ सलामी जोड़ी का हिस्सा बनकर मैदान पर फिर से उतरे। उन्होंने मोहम्मद शमी की पहली गेंद को आत्मविश्वास के साथ आगे आते हुए डिफ़ेंड किया। इसके बाद शमी दो बार अपने रनअप में ग़लती के चलते गेंद नहीं डाल पाए लेकिन कोहली ने संयम के साथ उनका इंतज़ार किया। जब शमी फिर से गेंदबाज़ी करने आए तो कोहली ने उन्हें एक करारा स्ट्रेट ड्राइव लगाकर अपना पहला चौका मारा और फिर एक फ़्लिक के ज़रिए चार और रन बटोरे। अब तक दर्शकों में "कोहली, कोहली" के नारे गूंजने लगे थे।
पहली 10 गेंदों पर कोहली 14 रन बना चुके थे। जब अल्ज़ारी जोसेफ़ पांचवें ओवर में गेंदबाज़ी करने आए तो उन्हें मिडविकेट और एक्स्ट्रा कवर के क्षेत्र में दो बाउंड्री लगाकर कोहली ने उनका स्वागत किया। दूसरे शॉट का पीछा गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पंड्या ने शुरू में ही छोड़ दिया। शायद उन्हें पता था कि इस टाइमिंग पर चार रन तो वैसे भी मिलने थे।
आंकड़ें इस वक़्त कोहली के पक्ष में थे। उन्होंने इससे पहले जब टी20 क्रिकेट में अपनी पहली 20 गेंदों पर पांच बाउंड्री लगाए थे तब उनकी औसत और स्ट्राइक रेट होते हैं 88 और 161 के। ऐसी 18 पारियों में उन्होंने 11 पचासे और दो शतक जड़े थे। क्या यह शनिवार वह दिन था जब वह आख़िर शतकों के सूखे का भी अंत करने वाले थे?
आठवां ओवर मिला लॉकी फ़र्ग्युसन को और उन्होंने अपनी दिशा और गति से कोहली को बांधे रखा। चार डॉट गेंदों के बाद कोहली ने एक शॉर्ट गेंद को कट करने का प्रयास किया लेकिन अतिरिक्त गति और उछाल के चलते गेंद थर्ड मैन से थोड़ा पहले आकर गिरी। कोहली ने ख़ुद को इस शॉट के चयन पर डांटते हुए सिंगल लिया।
फ़र्ग्युसन के अगले ओवर में कोहली ने एक फ़ुल टॉस को लॉन्ग ऑफ़ के ऊपर मारकर छह रन बटोरे। इसके बाद एक और शॉर्ट गेंद आई उनके पाले में लेकिन इस बार उसे नियंत्रित तरीक़े से बैकवर्ड प्वाइंट की दिशा में उन्होंने चौके के लिए भेज दिया। इस 10वें ओवर के अंत में कोहली का स्कोर था 38 गेंदों पर 44 रन। जब उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया तो उन्होंने 45 गेंदों का सामना किया था। आप अगर इसकी आईपीएल के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ जॉस बटलर और केएल राहुल के साथ तुलना करें तो दोनों लगभग औसतन 60 गेंदों में अपना शतक पूरा कर रहे हैं।
कोहली ने आईपीएल में 50 का पड़ाव 48 बार पार किया है और यह अर्धशतक उनका दूसरा सबसे धीमा ऐसा स्कोर था। और तो और आज 109.43 का स्ट्राइक रेट उनके टी20 जीवन के सबसे कम आंकड़ों में है। वह एक महान बल्लेबाज़ हैं और यह ज़ाहिर सी बात है कि फ़ॉर्म में लौटने के लिए उन्हें क्रीज़ में समय बिताने की ज़रूरत थी। हालांकि बेंगलुरु को यह सवाल ज़रूर पूछना पड़ेगा कि क्या उनके स्ट्राइक रेट से टीम को क्षति पहुंची?
रजत पाटीदार, डेविड मिलर और राहुल तेवतिया ने साबित कर दिया कि ब्रेबोर्न की पिच पर रन बनाना इतना भी कठिन नहीं था। कोहली ने अगर हमें कुछ नहीं बताया तो हमारे लिए अंदाज़ा लगाना मुश्किल है कि उनके मन में क्या चल रहा था। हालांकि अगर कोहली ओपन करके ऐंकर रोल खेलना चाहते हैं तो उन्हें ज़रूर और तेज़ी से रन बनाने होंगे।
शनिवार की शुरुआत कोहली के फ़ॉर्म के सवाल से हुई। बीच में मिलर और तेवतिया ने सुर्ख़ियों को अपने नाम कर लिया लेकिन मैच के बाद फिर कोहली पर ही चर्चा केंद्रित होगी। आख़िर उनकी फ़ॉर्म भारतीय टीम के लिए भी बहुमूल्य है।
अपना पचासा पूरा करने के बाद कोहली ने कोई ख़ास जश्न नहीं मनाया। उन्होंने बस अपनी टीम के डगआउट और अपने परिवार की तरफ़ देखकर उनका शुक्रिया अदा किया और फिर आसमान की ओर देखा। उन्होंने एक चैन की लंबी सांस भी ली लेकिन उन्हें पता होगा उनसे टीम और उम्मीदें रखती हैं। केवल टीम ही नहीं, हज़ारों और लाखों क्रिकेट समर्थकों की भी यही दुआ है कि कोहली क़ामयाब होंगे। उन्हें देखने और उनको बढ़ावा देने के लिए वह कितनी भी गर्मी होने के बावजूद मैदान पर आने के लिए तैयार हैं।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।