सनराइज़र्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच ब्रेबोर्न स्टेडियम में इस सीज़न का 36वां मुक़ाबला खेला जाना है। आईपीएल में बेंगलुरु पर हैदराबाद की टीम अब तक भारी पड़ी है, लेकिन इस सीज़न में दोनों ही टीमें लय में नज़र आ रही हैं। ऐसे में दोनों ही टीमों के बीच एक रोचक मुक़ाबला देखे जाने की उम्मीद है।
पावरप्ले में जब विकेट लेते हैं भुवनेश्वर, जीत की ओर बढ़ते हैं सनराइज़र्स
आंकड़े कहते हैं कि पावरप्ले में
भुवनेश्वर कुमार को एक या उससे अधिक विकेट मिलने पर हैदराबाद का जीत प्रतिशत 80 फ़ीसदी तक पहुंच जाता है। भुवनेश्वर ने आईपीएल 2019 से लेकर अब तक कुल 10 बार पावरप्ले में एक या उससे अधिक विकेट लिए हैं, जिसमें हैदराबाद ने कुल आठ बार बाज़ी मारी है। वहीं हैदराबाद के बल्लेबाज़ों ने आईपीएल 2019 से लेकर अब तक पावरप्ले में कुल आठ बार 60 से अधिक रन बनाए हैं, जिसमें सनराइज़र्स को सात बार जीत मिली है।
दूसरी तरफ़ जब-जब आरसीबी के गेंदबाज़ों ने पावरप्ले में दो या उससे अधिक विकेट लिए हैं, अधिकतर मौकों पर आरसीबी को जीत हाथ लगी है। आरसीबी ने आईपीएल 2019 से लेकर अब तक कुल 12 मुक़ाबलों के पावरप्ले में यह कारनामा किया है, जिनमें 11 बार नतीजे आरसीबी के पक्ष में घूमे हैं। आरसीबी के गेंदबाज़
जॉश हेज़लवुड ने जब भी आईपीएल के किसी मैच में दो या उससे विकेट मिले हैं, उनकी टीम ने हर मुक़ाबला अपने नाम किया है। हेज़लवुड ने टी20 में कुल छह बार ऐसा किया है।
बेंगलुरु की बल्लेबाज़ी को तोड़ देता है भुवी और नटराजन का जोड़
बेंगलुरु की टीम जब बल्लेबाज़ी करने के लिए मैदान में उतरेगी, तब टीम के बल्लेबाज़ों को भुवनेश्वर कुमार और
टी नटराजन के सामने संभलकर बल्लेबाज़ी करनी होगी। टीम के कप्तान फ़ाफ़ डुप्लेसी, विराट कोहली और ग्लेन मैक्सवेल तीनों ही दोनों ही गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ अपने हाथ नहीं खोल पाते। भुवनेश्वर और नटराजन के विरुद्ध इन तीनों ही बल्लेबाज़ों ने 100 के आसापास के स्ट्राइक रेट से ही रन बनाए हैं।
भुवनेश्वर के ख़िलाफ़ कोहली ने 121 के स्ट्राइक रेट से 75 रन( 62 गेंद) बनाए हैं, जबकि तीन बार उन्हें पवेलियन की राह पकड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। विराट कोहली ने नटराजन की 13 गेंदों का सामना किया है, जिसमें उन्होंने 108 के स्ट्राइक रेट से 14 रन बनाए हैं और एक बार उन्हें आउट भी होना पड़ा है।
फ़ाफ़ डुप्लेसी ने भी भुवनेश्वर की गेंद पर महज़ 112 की स्ट्राइक रेट से 56 रन (50 गेंद) बनाए हैं। एक बार भुवनेश्वर ने उन्हें आउट भी किया है। मैक्सवेल भुवनेश्वर की 31 गेंदों पर 84 के स्ट्राइक रेट से 26 रन ही बना पाए हैं, जबकि भुवी ने दो बार मैक्सवेल को पवेलियन भी भेजा है। मैक्सवेल जगदीश सुचित को तीन गेंदों से ज़्यादा नहीं खेल पाते। सुचित ने मैक्सवेल को टी20 में अब तक कुल पांच गेंद डाली हैं, जिसमें दो बार मैक्सवेल को पवेलियन की राह पकड़नी पड़ी है। वहीं टी नटराजन की 26 गेंदों में 27 रन बनाते हुए मैक्सवेल दो बार अपना विकेट गंवा चुके हैं।
कार्तिक के ख़िलाफ़ मंद पड़ जाते हैं भुवी और नटराजन
भले ही आरसीबी के तीन बड़े बल्लेबाज़ टी नटराजन और भुवनेश्वर के ख़िलाफ़ अपने हाथ नहीं खोल पाते, लेकिन
दिनेश कार्तिक के बल्लेबाज़ी पर आते ही तस्वीर एकदम उलट हो जाती है। कार्तिक ने दोनों ही गेंदबाज़ों के विरुद्ध जमकर रन बरसाते हैं। कार्तिक ने टी20 में भुवनेश्वर की 57 गेंदों में 130 के स्ट्राइक रेट से 74 रन बनाए हैं। जबकि नटराजन की 20 गेंदों पर उन्होंने 170 के स्ट्राइक रेट से 34 रन बनाए हैं।
आरसीबी के गेंदबाज़ केन को नहीं लेने देते चैन
सनराइज़र्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन का आरसीबी के अधिकतर गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ ख़राब रिकॉर्ड रहा है। अधिकतर गेंदबाज़ों ने विलियमसन को टी20 में कम से कम एक बार ज़रूर आउट किया है। मैक्सवेल और सिराज ने पांच-पांच टी20 मैचों में विलियमसन को दो-दो बार अपना शिकार बनाया है। जबकि हर्षल पटेल और जोश हेज़लवुड ने विलियमसन को एक-एक बार आउट किया है। इन दोनों के ख़िलाफ़ विलियमसन ने क्रमशः 75 और 92 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।