बी साई सुदर्शन : स्टैंडिंग ओवेशन के बारे में सोचने पर अब भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं
सुदर्शन 17 वर्ष की उम्र में सीएसके की जूनियर टीम के साथ यॉर्कशायर गए थे
देवरायण मुथु
31-May-2023
सुदर्शन ने क्रिकेट के प्रति अपनी समझ को विकसीत करने का श्रेय चेन्नई सुपर किंग्स को दिया है • BCCI
बेबी मलिंगा मथिशा पथिराना वाइड यॉर्कर से चूकते हैं और बी साई सुदर्शन उनकी गेंद को एक्स्ट्रा कवर बाउंड्री के ऊपर से खेल देते हैं। कॉमेंट्री के दौरान रवि शास्त्री सुदर्शन के इस शॉट को मैच का सबसे अच्छा शॉट करार देते हैं। तुरंत ही सुदर्शन और बेहतर शॉट खेलते हैं और फ़ुलर गेंद को लांग ऑन के ऊपर से खेल देते हैं। विकेटों के पीछे मौजूद एम एस धोनी गेंद की ट्रैजेक्ट्री को फ़ॉलो करते हैं और कप्तान हार्दिक पंड्या सुदर्शन से इतने प्रसन्न होते हैं कि अपना बायां हाथ सुदर्शन के कंधे पर रखकर गले लगा लेते हैं।
सुदर्शन के माता पिता भारद्वाज और उषा चेन्नई से अहमदाबाद की दूरी तय कर फ़ाइनल देखने आए थे। भारद्वाज ख़ुद भी एक एथलीट रह चुके हैं जबकि उषा भी एक वॉलीबॉल प्लेयर रह चुकी हैं। सुदर्शन के बड़े भाई साईराम, जो कि मेलबर्न में लॉजिस्टिक मैनेजमेंट और सप्लाई चेन में मास्टर्स कर रहे हैं, वह भी फ़ाइनल देखने के लिए अहमदाबाद आने वाले थे लेकिन हवाई यात्रा का टिकट न मिल पाने के चलते उन्हें ऑस्ट्रेलिया में ही रहने पर मजबूर होना पड़ गया।
सुदर्शन और गुजरात टाइटंस के लिए सुखद अंत तो नहीं हुआ लेकिन मैच की समाप्ति के कुछ घंटों बाद जब सुदर्शन अपने होटल के कमरे में वापस पहुंचे तब उन्होंने पथिराना के ख़िलाफ़ खेले अपने शॉट्स के हाइलाइट्स देखे।
सुदर्शन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "अंतिम ओवर में पथिराना की गेंद पर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से लगाया गया शॉट मेरा पसंदीदा शॉट है। इतने बड़े स्टेज पर मुझे ख़ुद से ऐसा प्रदर्शन करने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन मैं प्रसन्न था। विशेषकर जिस तरह से गुजरात के मैनेजमेंट ने मुझमें विश्वास जताया। भले ही मैं बीच में कुछ मैच नहीं खेला लेकिन मैनेजमेंट ने मेरे ऊपर भरोसा बनाए रखा। मैं कोई भी गेम खेलने के लिए तैयार था, मैं अपने रूम में वापस आने के बाद शॉट्स के हाइलाइट्स देखने लग गया।"
सुदर्शन के बड़े भाई साईराम को स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे तक जागकर मैच देखना पड़ा। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा से ही उसके एक्स्ट्रा कवर शॉट का बड़ा प्रशंसक रहा हूं। कोरोना के लॉकडाउन के दौरान हमने इस पर अपने पेरेंट्स के साथ काफ़ी काम किया था। इसके अलावा जो मुझे अच्छा शॉट लगा वो था स्लॉग स्वीप।"
96 के निजी स्कोर पर आउट होने के बाद डगआउट से मिल रहे स्टैंडिंग ओवेशन पर सुदर्शन ने कहा, "डगआउट से ऐसा अभिवादन मिलता देख मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे। मेरा रोल गेम को डीप लेकर जाना था, कुछ वैसी ही भूमिका अदा करनी थी जैसी केन (विलियमसन) की थी। मुझे ख़ुद उन्होंने ही कहा था कि मैं किसी भी समय क्रिकेट पर चर्चा करने के लिए उसने संपर्क कर सकता हूं। फ़ाइनल की पारी के बाद उन्होंने ख़ुद मुझे मेसेज कर शुभकामनाएं दी थीं।"
"पारी के बाद मैंने डिनर भी नहीं किया था। पहले टाइम आउट के बाद मैं ड्रेसिंग रूम की तरफ़ गया और हमें दो विकेट मिल गए, इसके बाद मैं वहां से हिला तक नहीं। मैंने अपनी पारी एक अच्छे मोड़ पर समाप्त की थी लेकिन अंत हमारे लिए अच्छा नहीं रहा। हालांकि मुझे पूरी उम्मीद है कि हम अगले साल इससे सीख लेते हुए और अच्छा करेंगे।"
पहले क्वालिफ़ायर में मुंबई के ख़िलाफ़ सुदर्शन को रिटायर्ड आउट कर दिया गया था, जिससे उनके आत्मविश्वास को धक्का लग सकता था।
सुदर्शन ने कहा, "उस मैच में भी मेरे भीतर मिलीजुली भवानाएं ही थीं। पहली 20-25 गेंदें मेरे लिए अच्छी हुई थीं लेकिन इसके बाद हमें एक स्ट्रेटेजिक मूव लेना था।"
हालांकि फ़ाइनल में चेन्नई के ख़िलाफ़ भी सुदर्शन ने एक धीमी शुरुआत की थी। उन्होंने पहली 27 गेंदों पर 37 रन बनाए थे। लेकिन अंतिम 20 गेंदों पर उन्होंने 60 रन बना डाले। सिर्फ़ पथिराना के ख़िलाफ़ ही उन्होंने 14 गेंदों पर 34 रन बनाए।
एज ग्रुप क्रिकेट के उनके दौर से ही तमिलनाडु क्रिकेट सर्कल में सुदर्शन की क्रिकेट को उच्चस्तरीय माना जाता रहा है। जब वह 17 वर्ष के थे तब वह अंबाती रायुडु की मेंटॉरशिप में यॉर्कशायर जाने वाली चेन्नई सुपर किंग्स की जूनियर साइड का हिस्सा थे।
सुदर्शन ने कहा, "मुझे चेन्नई के ख़िलाफ़ खेलकर अच्छा लगा। सीएसके की जूनियर टीम का हिस्सा बनना मेरे लिए बड़ा अवसर था। यॉर्कशायर टूर ने मेरे गेम के प्रति समझ को विकसित किया। वहां ठंड थी। वहां क्रिकेट खेलने का अनुभव मेरे लिए एकदम नया था। मैं अमूमन रायुडू से पूछता रहता कि वह आईपीएल में किस प्रकार बल्लेबाज़ी करते हैं, किस तरह से वह गेंदबाज़ों का सामना करते हैं।"
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।