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शुभमन गिल का खेल बदल नहीं रहा बल्कि अपना विस्तृत रूप ले रहा है

गिल इस सीज़न अब तक हर 6.5 गेंद पर छक्के की ताक में पाए गए हैं

मिडविकेट की तरफ़ शॉट खेलते गिल  •  Getty Images

मिडविकेट की तरफ़ शॉट खेलते गिल  •  Getty Images

शुभमन गिल ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ ऑफ़ स्टंप के काफ़ी, काफ़ी बाहर की फ़ुल टॉस गेंद को जाने दिया। अंपायर ने गेंद को वाइड करार दिया और अब सभी वेन पर्नेल की अगली गेंद फेंके जाने का इंतज़ार कर रहे थे।
जब से आईपीएल में डीआरएस में वाइड और नो बॉल को शामिल किया गया है, बल्लेबाज़ रन जोड़ने की ताक में अधिक देखे जाते हैं। इस सीज़न अब तक बल्लेबाज़ों द्वारा लिए गए कुल डीआरएस में से 14 डीआरएस फ़ुल टॉस गेंद पर लिए गए। हालांकि इनमें से केवल तीन बार ही ऐसा हुआ जब इन गेंदों को नो बॉल करार दिया गया और यह गेंद उन्हीं तीन गेंदों में से एक थी।
यह टी20 क्रिकेट की एक बड़ी विडंबना है कि जो प्रारूप अपने धुआंधार खेल के लिए जाना जाता है उसमें कई ऐसी चीज़ें ईजाद की जाती हैं जोकि अपने आप में रक्षात्मक प्रवृति की होती हैं। नकल बॉल, कैरम बॉल और वाइड बॉल उनमें से एक है।
पर्नेल गिल को गेंदबाज़ी करने जा रहे थे, उस समय गिल 50 गेंदों पर 98 रन बनाकर खेल रहे थे जैसे कि वह एक पावर हिटर हों। हालांकि यही गिल एक साल पहले तक एक एंकर बल्लेबाज़ के तौर पर ही जाने जाते थे। लेकिन उन्होंने छक्के के साथ न सिर्फ़ अपना शतक पूरा किया बल्कि बेंगलुरु को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया।
गिल ने आईपीएल 2023 में अब तक कुल 23 छक्के जड़े हैं। हालांकि इसमें से 8 छक्के उन्होंने अकेले रविवार को बेंगलुरु में लगाए। उनका गेम बदल नहीं रहा है बल्कि अपना विस्तृत रूप ले रहा है।
पिछले दो सीज़न में गिल सबसे ज़्यादा चौके लगाने वाले बल्लेबाज़ों की सूची में शामिल थे। इस सीज़न में भी वह इस मामले में तीसरे नंबर पर मौजूद हैं। जिस तरह से वह गैप निकाल रहे हैं वह वाक़ई लाजवाब है। इस साल उनकी बल्लेबाज़ी एक अलग ही ऊंचाई पर पहुंच गई है।
अहमदाबाद का मैदान, जहां 31 फ़ीसदी रन छक्के से आए हैं, वहां भी गिल ने लखनऊ सुपर जायंट्स के ख़िलाफ़ 37 गेंदों में 68 रन पर पहुंचने के बाद अपना पहला चौका जड़ा। हालांकि उन्होंने अपनी पारी में दो चौके ज़रूर लगाए लेकिन उनकी 94 रनों की नाबाद पारी में सात छक्के शामिल थे।
सुनील गावस्कर से लेकर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली तक कम जोख़िम उठाने में ही विश्वास रखते हैं। ऐसे बल्लेबाज़ अपना गियर बदलने से पहले क्रीज़ पर पर्याप्त समय बिताने में विश्वास रखते हैं।
गिल इस श्रेणी में पूरी तरह से फ़िट बैठते हैं और इस वजह से उन्हें प्रशंसा और आलोचना दोनों का ही समान रूप से सामना करना पड़ता है। जिस किसी ने भी उनकी आलोचना की है तब उसने गिल के स्ट्राइक रेट का ही हवाला दिया है। भारतीय क्रिकेट किसी बल्लेबाज़ का मूल्यांकन इसी आधार पर करती है कि वह कितने रन बना रहा है हालांकि विश्व क्रिकेट ने बल्लेबाज़ों से अधिक उम्मीद रखना शुरू कर दिया है।
केविन पीटरसन अमूमन यह कहा करते थे कि उनका पहला इंस्टिंक्ट गेंद को बाउंड्री भेजने की ही होती थी और इसी ने स्विच हिट को जन्म भी दिया। यह उन्होंने 2006 में किया था जोकि उस समय अपने समय से काफ़ी आगे होने जैसा था और एक आज का समय है जब छोटे बच्चे भी क्रिकेट खेलते समय अपने स्टांस को बदलने में संकोच नहीं करते।
गिल ने भी जोख़िम उठाने का निर्णय कर लिया है। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के आंकड़ों के अनुसार उन्होंने इस सीज़न 75 बार लॉफ्टेड शॉट खेले हैं। इस लिहाज़ औसतन हर 6.5 गेंद पर वह छक्के की ताक में रहते हैं। जोकि 2022 और 2021 के 7.3 की औसत की तुलना में बेहतर है। 2020 में यह औसत 7.6 जबकि 2019 में यह 8.2 की थी।
यह एक अच्छी ख़बर है क्योंकि परंपरा राजा ही स्थापित किया करते हैं। अगर वह अपने लिए एक ऐसे गेम का निर्माण करने में सफल हो जाते हैं जोकि अन्य बल्लेबाज़ों के लिए आदर्श बन सके तब अन्य बल्लेबाज़ों के पास भी उस तरह के अनुसरण करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचेगा।

अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।