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बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ यश दयाल ऑस्ट्रेलियाई दौरे की राह पर

उत्तर प्रदेश के इस 26 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के लिए भी चयनकर्ताओं की नज़र है

दलीप ट्रॉफ़ी के पहले मैच में इंडिया बी से खेलते हुए यश दयाल ने अपनी गेंदबाज़ी से सभी को प्रभावित किया था और फिर उन्हें बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट के लिए भारतीय दल में भी शामिल किया गया है। भारतीय चयनकर्ताओं को भी लगता है कि दयाल आने वाले समय में भारतीय पेस आक्रमण का अभिन्न अंग हो सकते हैं। दयाल ने अपनी फ़िटनेस पर भी काफ़ी काम किया है और वह इंग्लैंड लॉयंस के ख़िलाफ़ अनाधिकारिक टेस्ट मैच में भी इस साल भारत ए का हिस्सा थे। दयाल पिछले दो साल से रणजी ट्रॉफ़ी में उत्तर प्रदेश की टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
दयाल को चयन करने के पीछे भी वही तर्क है जो हमेशा से होता है: बाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ पेस आक्रमण में एक अलग कोण के साथ नई विविधता लेकर आता है। दयाल अच्छी रफ़्तार के साथ स्विंग कराने में भी माहिर हैं और ये उनकी ताक़त है।
जिन्होंने दयाल को क़रीब से देखा है और उनके साथ या ख़िलाफ़ खेला है, वह उनकी प्रतिभा से पूरी तरह वाक़िफ़ हैं। उन्हीं में से एक हैं अभिमन्यु ईश्वरन और उत्तर प्रदेश के कोच सुनील जोशी , दोनों ने ही इस तेज़ गेंदबाज़ की काफ़ी तारीफ़ की है। बंगाल के सलामी बल्लेबाज़ ईश्वरन मानते हैं कि दयाल की सबसे बड़ी ख़ासियत उनका नियंत्रपण है, साथ ही साथ नई और पुरानी दोनों ही गेंदों से दयाल अंदर और बाहर दोनों ही तरफ़ गेंद को लहराना जानते हैं।
"दयाल बहुत चतुर गेंदबाज़ हैं। स्विंग के ऊपर में उनका कमाल का नियंत्रण उनकी सबसे बड़ी क़ाबिलियत है। वह कई तरह के कोण से गेंदबाज़ी करना जानते हैं, दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए वह राउंड द विकेट आते हुए भी गेंद को बाहर की तरफ़ लहराना जानते हैं। ये उनकी सबसे बड़ी ताक़त है जो किसी भी बल्लेबाज़ के लिए बड़ी चुनौती होती है।"
यश दयाल की तारीफ़ करते हुए अभिमन्यु ईश्वरन
दयाल ने उत्तर प्रदेश के लिए अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू 2018-19 के सीज़न में किया था, और तब उन्होंने 24.70 की औसत से 30 विकेट झटके थे। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी 2021-22 में भी उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया था, जब वह उत्तरप्रदेश के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ रहे थे। जिसके बाद IPL में उन्हें गुजरात टायटंस (GT) ने 3 करोड़ 20 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा था। IPL में मोहम्मद शमी के साथ दयाल नई गेंद साझा करते थे। दयाल ने अपने पहले IPL सीज़न में नौ मैचों में 11 विकेट झटके थे और टीम को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया था।
दयाल ने पिछले साल रणजी ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल से पहले ESPNcricinfo से हुई बातचीत में GT के प्रमुख कोच आशीष नेहरा को अपनी सफलता का श्रेय दिया था। उन्होंने कहा था कि नेहरा ने सिर्फ़ गेंदबाज़ी की बारीकियां सिखाईं बल्कि T20 के नाज़ुक मोड़ पर कैसे दबाव को झेला जाता है वह भी सिखाया। दयाल के करियर में एक ऐसा मौक़ा भी आया था जब वह बिल्कुल टूट गए थे और वह था जब रिंकू सिंह ने उनके ख़िलाफ़ एक ओवर में पांच छक्के लगा दिए थे और एक असंभव से लक्ष्य का सफल पीछा कर लिया था।
इस बार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने कहा था, "उस एक ओवर ने मुझे सच का सामना करा दिया था। साथ ही साथ कई चीज़ सीखा गया था।" दयाल ने RCB के लिए शानदार प्रदर्शन किया था और टीम को प्लेऑफ़ तक ले जाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
एक ओवर में पांच छक्के खाने का टैग लिए दयाल IPL 2024 में डेथ ओवर में एमएस धोनी को आउट को अपनी धीमी गेंद पर आउट कर दिया था और RCB को प्लेऑफ़ का टिकट दिला दिया था। दो सीज़न में दयाल ने कैसे वापसी की थी, ये भी उनकी आत्मशक्ति को दर्शाता है।
छह फ़िट लंबे दयाल का रनअप उनके आदर्श ज़हीर ख़ान की ही तरह है। ज़हीर ही आख़िरी बाएं हाथ के भारतीय पेसर थे जिन्होंने लगातार टेस्ट मैच खेला। दयाल की औसत रफ़्तार 130-135 किमी प्रति घंटा है और उनके पास बेहतरीन यॉर्कर और बाउंसर भी है। भारतीय टीम मैनेजमेंट ने 2022 में उन्हें नेट गेंदबाज़ के तौर पर वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ घेरलू सफ़ेद गेंद सीरीज़ में जोड़ा था। इसी साल की शुरुआत में दयाल उन घरेलू तेज़ गेंदबाज़ों की फ़ेहरिस्त में शामिल हैं जिन्हें BCCI ने डेवलपमेंट कॉन्ट्रैक्ट में रखा है।
जोशी, जो 2020 से 2022 के बीच भारतीय चयनकर्ता भी रह चुके हैं, फ़िलहाल उत्तर प्रदेश के कोच हैं। जोशी की नज़र दयाल पर काफ़ी पहले से है और वह उनका विकास बेहद क़रीब से देख रहे हैं। 2023-24 जनवरी में रणजी ट्रॉफ़ी के दौरान जोशी को अजीत आगरकर ने कहा था कि दयाल को इंग्लैंड लॉयंस के ख़िलाफ़ होने वाली चार दिवसीय सीरीज़ के लिए फ़्री कर दें।
जोशी ने कहा, "यश में बेहतर गेंदबाज़ बनने की इच्छा है जो शानदार है। मुझे याद है जब उनका वज़न ज़्यादा था, लेकिन अब उन्होंने अपना वज़न काफ़ी कम किया है और पूरी तरह फ़िट हैं। उन्होंने भारत ए के लिए जनवरी में लगातार दो टेस्ट खेले और उसके तुरंत ही बाद उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी में आंध्रा के ख़िलाफ़ मुक़ाबला खेला। ये दर्शाता है टीम के लिए उनकी तरफ़ से समर्पण।"
भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अब तक महज़ 14 बाएं हाथ के पेसर ने देश का प्रतिनिधित्व किया है। 2014 में ज़हीर के संन्यास लेने के बाद से अब तक सिर्फ़ टी नटराजन और जयदेव उनादकट ही ऐसे दो बाएं हाथ के पेसर हैं जिन्होंने भारत के लिए टेस्ट खेला है। चयनकर्ताओं और भारतीय टीम मैनेजमेंट को लगता है कि एक बाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ पेस आक्रमण को एक अलग विविधता देता है। ऐसे में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के पहले उनका भारतीय टेस्ट दल में चयन होना इस बात का संकेत है कि वह ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जाने वाले विमान का हिस्सा हो सकते हैं।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं।