नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुए दूसरे वनडे के दौरान आईसीसी द्वारा गेंद को चमक देने में थूक के प्रयोग के ऊपर लगाए पूर्णकालिक प्रतिबंध के तहत पहली बार सीनियर क्रिकेट में किसी टीम को पांच पेनाल्टी रन मिले।
बुधवार को
कीर्तिपुर में खेले गए इस मैच के दौरान यूएई के
आलीशान शराफ़ु ने गेंदबाज़ी करते हुए गेंद को चमकाने के लिए थूक का इस्तेमाल किया और फ़ील्ड पर मौजूद अंपायर विनय झा और मसुदुर रहमान ने तुरंत नेपाल को पांच पेनाल्टी रन देने का फ़ैसला किया। यह नियम इस साल के सितंबर से लागू किया गया है। इससे पहले कोरोना के चलते सावधानी बरतने वाले क़दमों के तहत दो साल तक थूक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध था। पूर्व भारतीय कप्तान
अनिल कुंबले की अध्यक्षता में आईसीसी की क्रिकेट समिति ने सुझाया था कि गेंद पर चमक बनाए रखने के लिए थूक की जगह केवल पसीने का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आईसीसी के मुख्य चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर पीटर हारकोर्ट का भी मानना था कि कोरोना के हवा से तेज़ी से फैलने वाली श्वसन संबंधी रोग होने के चलते थूक की बजाय पसीने का इस्तेमाल करना खिलाड़ियों के लिए ज़्यादा सुरक्षित था। इस साल के सितंबर में इस नियम को पूर्णकालिक दर्जा मिल गया था।
एक पूर्व आईसीसी पैनेल के अंपायर ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "अगर अंपायर को कोई खिलाड़ी थूक का प्रयोग करते हुए दिख जाए तो नियम के अनुसार पांच पेनाल्टी रन देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। जब इस नियम को पहली बार लाया गया था, तब अंपायर दो चेतावनी तक देते थे। दरअसल यह नियम सबके लिए नया था और हर टीम को इसके आदी होने के लिए समय देने की ज़रूरत थी। दो साल बाद सभी खिलाड़ी इस बात को अच्छे से जान चुके हैं।"
मैच में नेपाल ने ज़बरदस्त वापसी करते हुए तीन विकेट से जीत दर्ज की और सीरीज़ को 1-1 की बराबरी पर ला खड़ा किया। नेपाल के लिए आठवें विकेट के लिए आरिफ़ शेख़ (33 नाबाद) और 16-वर्षीय गुलशन झा (37) ने 62 रन जोड़े। शुक्रवार को सीरीज़ का निर्णायक मुक़ाबला भी कीर्तिपुर में खेला जाएगा।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।