मैच (9)
IPL (2)
विश्व कप लीग 2 (1)
Women's One-Day Cup (4)
त्रिकोणीय वनडे सीरीज़, श्रीलंका (1)
BAN-A vs NZ-A (1)
ख़बरें

द्रविड़ : देश के हर कोने से टैलेंट के आने से मज़बूत हुआ है भारतीय क्रिकेट

द्रविड़ ने कहा कि पहले छोटे शहरों के खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलने के लिए बड़े शहरों में आना पड़ता था

PTI
08-Sep-2024
Rahul Dravid, in his last game as India head coach, gets out for a feel of the conditions, India vs South Africa, T20 World Cup final, Bridgetown, Barbados, June 29, 2024

द्रविड़ को हाल ही में राजस्थान रॉयल्स का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है  •  ICC/Getty Images

राहुल द्रविड़ ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट के एक बहुत ही मज़बूत स्थिति में पहुंचने की बड़ी वजह देश में विकसित हो रहा टैलेंट पूल है जिसकी पहुंच देश के दूर सुदूर इलाकों तक भी है।
जून में भारत को अपने कोचिंग कार्यकाल में T20 वर्ल्ड कप दिलाने वाले द्रविड़ ने कहा कि एक मज़बूत क्लब की संस्कृति का राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के क्रम में शहरी क्रिकेटरों के वर्चस्व की पुरानी प्रवृत्ति को समाप्त करने में बहुत बड़ा योगदान है।
द्रविड़ ने माउंट जॉय क्रिकेट क्लब की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में कहा, "अगर आप आज भारतीय क्रिकेट को देखें तो यह बेहद मज़बूत है, बेहद शक्तिशाली है। इसका बड़ा कारण यह है कि टैलेंट अब देश के हर कोने से आ रहा है। अगर आप समय में पीछे जाएं, जीआर विश्वनाथ या मेरे समय में भी टैलेंट बड़े शहरों और कुछ राज्यों से ही आते थे।"
"छोटे शहरों के भी योग्य खिलाड़ियों को बड़े शहरों में क्रिकेट खेलने के लिए आना पड़ता था। लेकिन आज आप ख़ुद भारतीय क्रिकेट में देखते होंगे, खिलाड़ी अब देश के हर हिस्से से आ रहे हैं।"
द्रविड़ ने कहा कि इसकी झलक घरेलू क्रिकेट के बढ़ते स्तर में भी दिखाई देती है।
"आप रणजी ट्रॉफ़ी के स्तर को ही देखिए। बिना किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाए हुए मुझे लगता है कि यह कहना सही होगा कि पुराने समय में अगर आप साउथ ज़ोन में हैदराबाद या तमिलनाडु का हिस्सा होते तो भले ही किसी टीम को हल्के में नहीं लिया जा सकता लेकिन तब आप अन्य टीमों को हल्के में ले सकते थे। लेकिन आज मुझे नहीं लगता कि साउथ ज़ोन में कोई ऐसी टीम है जिसके बारे में आप यह कह सकें कि आप उसे आसानी से हरा देंगे।"
देश में और विशेषकर कर्नाटका में क्लब क्रिकेट की संस्कृति के बारे में द्रविड़ ने कहा कि यहां एक ऐसी प्रणाली रही है जिससे क्रिकेट हर किसी की पहुंच में बना रहा है।
"हमें क्लब को और मज़बूत बनाना होगा। हम क्रिकेट को सिर्फ़ चुनिंदा लोगों के हाथों में नहीं दे सकते। आप सिर्फ़ एक या दो जगह से टैलेंट नहीं ला सकते। टैलेंट से बेहतर निकलवाने के लिए ज़रूरी है कि चाहे वो किसी भी जगह का युवा लड़का हो या लड़की उनके पास अच्छी सुविधाएं हों।"
द्रविड़ ने अपने क्लब करियर के दौरान की यादों को ताज़ा करते हुए कहा, "अभ्यास के बाद HAL हमें दो अंडे और एक छोटे ग्लास में दूध देता था। मैं हमेशा उस ग्लास और दो अंडों के लिए रुकता था। इसलिए नहीं कि मुझे दूध और अंडे चाहिए थे बल्कि इसलिए कि मैं बैठकर बीके कुमार या नंदन जैसे लोगों से क्रिकेट के बारे में बात करते सुनना चाहता था। उन्हें सुनना और उनसे बहुत सीखना काफ़ी मज़ेदार होता था।"