दलीप ट्रॉफ़ी और
ईरानी कप हुए अभी ज़्यादा दिन भी नहीं हुए हैं और
रणजी ट्रॉफ़ी का सीज़न बस शुरु ही होने वाला है। दो चरणों में होने वाले इस टूर्नामेंट के पहले चरण की शुरुआत 11 अक्तूबर से होने जा रही है। हर सीज़न की तरह इस सीज़न भी ऐसा काफ़ी कुछ जो आपके लिए जानना ज़रूरी है, आइए उन सभी पहलुओं पर एक नज़र डालते हैं।
दो चरणों में रणजी ट्रॉफ़ी का आयोजन
रणजी ट्रॉफ़ी इस बार दो चरणों में खेला जाएगा और इनके बीच
सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी और
विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी का आयोजन होगा। इसकी दो बड़ी वजह हैं, पहला तो यह कि इससे उत्तर भारत में खेल पर पड़ने वाले मौसम जनित व्यवधान को कम किया जा सके और इससे तेज़ गेंदबाज़ों की फ़िटनेस और वर्कलोड को प्रबंधित किया जा सकेगा।
अक्तूबर से नवंबर के बीच पांच सप्ताह के अंतराल में हर टीम पांच लीग मैच खेलेगी। काफ़ी तेज़ गेंदबाज़ों ने भी रणजी के दो चरणों में आयोजन के फ़ैसले का स्वागत किया है।
सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी 23 नवंबर से शुरु होगी और 15 दिसंबर को समाप्त होगी। जबकि रणजी का दूसरा चरण विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के समापन के पांच दिनों बाद यानि 23 जनवरी 2025 से शुरु होगा।
पिछले सीज़न बहुत टीमों को दो रणजी मैचों के बीच सिर्फ़ तीन दिन का ही ब्रेक मिला था, ऐसे में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने खिलाड़ियों के चोटिल होने की आशंका भी जताई थी। BCCI ने ब्रेक को एक दिन बढ़ाने के लिए बोर्ड और खिलाड़ियों से सुझाव भी लिए हैं।
रणजी ट्रॉफ़ी का शुरुआती चरण कई मायनों में ख़ास रहने वाला है। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी और ऑस्ट्रेलिया में इंडिया ए के लाल गेंद दौरे के लिहाज़ से भी चयनकर्ताओं की नज़रें रणजी ट्रॉफ़ी के शुरुआती चरण पर होंगी।
इन खिलाड़ियों के लिए यह सीज़न अहम रहने वाला है
वहीं ईश्वरन, गायकवाड़ और सुदर्शन ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रिज़र्व ओपनर की दौड़ में शामिल हैं। अगर हालिया प्रदर्शन के आधार पर बात की जाए तब ईश्वरन का दावा अन्य दोनों की तुलना में अधिक मज़बूत है। पिछली चार प्रथम श्रेणी पारियों में ईश्वरन ने तीन शतक लगाए हैं, जिसमें ईरानी कप में रेस्ट ऑफ़ इंडिया के लिए खेली गई उनकी 191 रनों की पारी भी शामिल जा।
पुजारा और रहाणे को भी दरकिनार करना मुनासिब नहीं
दलीप ट्रॉफ़ी के लिए जब भारतीय चयनकर्ताओं ने जब टीमों का चयन तब किया तब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पिछली दो श्रृंखलाओं में भारत की जीत में अहम भूमिका अदा करने वाले
चेतेश्वर पुजारा और
अजिंक्य रहाणे का नाम किसी भी दल में शामिल नहीं था। दोनों ही इंग्लैंड में एक अच्छे काउंटी सीज़न के बाद रणजी ट्रॉफ़ी में खेलने वाले हैं।
घरेलू क्रिकेट में ख़ुद को साबित करने के लिए ऐसा शायद ही कुछ है जो उनके पास शेष है। पुजारा के हिस्से 21 हज़ार से अधिक प्रथम श्रेणी रन हैं जबकि रहाणे के खाते में भी 13,500 अधिक रन हैं।
पिछले सीज़न रणजी ट्रॉफ़ी की शुरुआत 5 जनवरी से हुई थी और उस समय भारत के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। ख़राब मौसम और ख़राब रोशनी के चलते कई मैच प्रभावित हुए। शुरुआत में तो कुछ मैच ऐसे भी थे जहां पहले दिन एक भी गेंद नहीं डाली जा सकी। मेरठ, मोहाली और चंडीगढ़ में टीमों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा जिससे घरेलू टीमों को अगले दौर में जाने की अपनी संभावनाओं को ख़त्म होता देखने पर मजबूर होना पड़ा। लाहली, जम्मू, दिल्ली, कानपुर, मुल्लांपुर, और अन्य शहरों में भी कई घंटों तक खेल बर्बाद हुआ।
इस बार रणजी ट्रॉफ़ी के पहले चरण (11 अक्तूबर से 16 नवंबर) में अधिकतर मैच श्रीनगर, दिल्ली, धर्मशाला, लखनऊ, रोहतक, चंडीगढ़, शिलोंग, देहरादून और मुल्लांपुर में खेले जाएंगे। चूंकि यहां मैच ठंड के मौसम से पहले खेले जाएंगे, ऐसे में यहां खेल को मौसम की मार नहीं झेलनी पड़ेगी। इससे जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, सर्विसेस, उत्तराखंड और पंजाब जैसी टीमों के पास मजबूरन ड्रॉ खेलने के बजाय एक पूर्ण मैच खेलने का अवसर होगा।
रणजी ट्रॉफ़ी का नॉकआउट राउंड 8 फ़रवरी से 12 मार्च तक खेला जाएगा।