पिछले दो ऑस्ट्रेलियाई दौरों पर भारतीय टीम के लिए
चेतेश्वर पुजारा अहम कड़ी साबित हुए। पुजारा का प्रदर्शन ही कुछ ऐसा था कि उनके बिना उन दो दौरों की कल्पना ही नहीं की जा सकती थी। हालांकि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर
शेन वॉट्सन का मानना है कि भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पुजारा की कमी महसूस नहीं होगी। इसकी बड़ी वजह वॉट्सन भारत के बल्लेबाज़ी में विकल्पों की भरमार को मानते हैं और उनका मानना है कि यह भारतीय दल भी ऑस्ट्रेलिया को काफ़ी परेशान करेगा।
मुंबई में इंटरनेशनल मास्टर्स लीग के लॉन्च पर मंगलवार को वॉट्सन ने कहा, "जब आप पुजारा की बात करते हैं तब उनके द्वारा ग़लती न करना ज़ेहन में आता है। भारत के पास अभी भी शीर्ष क्रम में ऐसे बल्लेबाज़ हैं, ख़ास तौर पर
(यशस्वी) जायसवाल, जिन्होंने तेज़ी से रन भी बनाए हैं और उनसे ग़लती भी नहीं हुई है।"
2018-19 और 2020-21 के दौरों पर पुजारा ने कुल 2186 गेंदों का सामना करते हुए 792 रन बनाए थे। भारत को दोनों दौरों पर जीत हासिल हुई थी। भले ही जायसवाल पुजारा की विपरीत शैली के बल्लेबाज़ हैं लेकिन वॉट्सन का मानना है कि 22 वर्षीय यह बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के लिए परेशानी का सबब बनने वाला है।
वॉट्सन ने कहा, "उन्होंने विपक्षी टीम को अब तक ऐसे मौक़ा नहीं दिया है कि वे उन्हें आउट करने में सक्षम हो पाएं। मुझे लगता है कि अगर ऐसे बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलिया आकर आक्रामकता के साथ खेलें और ख़राब गेंदों पर टूट पड़ते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों पर दबाव बनाने की कोशिश करें तो ऐसी स्थिति में नतीजा बहुत बदलेगा नहीं।"
पर्थ में 22 नवंबर से शुरु होने वाली पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के मद्देनज़र वॉट्सन ने कहा कि जायसवाल और
ऋषभ पंत ऐसे दो बल्लेबाज़ हैं जो ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण की कठिन परीक्षा ले सकते हैं।
वॉट्सन ने कहा, "भारतीय बल्लेबाज़ जैसी क्षमता से परिपूर्ण है उसे देखते हुए मुझे नहीं लगता कि ऐसी कोई वजह है कि वो बिना कोई ग़लती किए तेज़ी से रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया पर दबाव न बना सकें। हमने जायसवाल को ऐसा करते देखा है और पंत भी कुछ इसी तरह का खेल खेलते हैं।"
पंत ने ऑस्ट्रेलिया में 12 टेस्ट पारियों में 72.13 के स्ट्राइक रेट से 624 रन बनाए हैं। वॉट्सन ने पंत और
जसप्रीत बुमराह को उन दो खिलाड़ियों के तौर पर चुना जो ऑस्ट्रेलिया को सबसे ज़्यादा चुनौती दे सकते हैं।
"उनके (पंत) पास पिछले दौरे की सुनहरी यादें होंगी।
गाबा में खेली गई उनकी पारी बेहद ख़ास थी। जिस तरह से उन्होंने क्रिकेट में वापसी की है और जहां उन्होंने छोड़ा था उससे और बेहतर खिलाड़ी बनकर उभरे हैं, यह सब देखकर मुझे लगता है कि वह इस श्रृंखला में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे।"
"बुमराह भी ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में घातक साबित हो सकते हैं। हालांकि वह हर परिस्थिति में बढ़िया गेंदबाज़ हैं। विकेट लेने की उनकी क्षमता लाजवाब है और वह निश्चित तौर पर ऑस्ट्रेलिया में भी प्रभावी साबित होंगे। अगर इन दोनों खिलाड़ियों के लिए यह श्रृंखला बेहतर रहती है तब मुझे लगता है कि वे ऑस्ट्रेलिया को वास्तव में कड़ी चुनौती दे सकते हैं।"
बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया में सात टेस्ट मैच खेलते हुए 21.25 की औसत से 32 विकेट चटकाए हैं। हालांकि चोटिल होने के चलते वह 2020-21 की श्रृंखला नहीं खेल पाए थे। एक अन्य तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी इस समय चोट से रिकवर कर रहे हैं। ऐसे में आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरा पर बुमराह के ही कंधों पर भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण का भार होगा।
यश झा ESPNcricinfo में प्रेज़ेंटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर नवनीत झा ने किया है।