मैच (18)
ENG vs IND (1)
ENG-U19 vs IND-U19 (1)
MAX60 (1)
ज़िम्बाब्वे T20I त्रिकोणीय सीरीज़ (1)
BAN vs PAK (1)
County DIV1 (5)
County DIV2 (4)
Women's One-Day Cup (4)
फ़ीचर्स

जयसूर्या : करूणारत्ने एक मज़बूत मानसिकता वाले खिलाड़ी हैं

श्रीलंका के अंतरिम कोच ने इंग्लैंड दौरे से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए हैं

Sanath Jayasuriya oversees Sri Lanka's training session, Manchester, August 19, 2024

इंग्लैंड दौरे पर जयसूर्या और उनकी टीम के सामने कई मुश्किल सवाल होंगे  •  Getty Images

क्रिस सिलवरवुड के कोचिंग कार्यकाल के बाद सनत जयसूर्या को श्रीलंका का अंतरिम कोच नियुक्त किया गया था। अपने पहले ही सीरीज़ में भारत के ख़िलाफ़ उनकी टीम को बड़ी सफलता मिली और अब उनकी टीम इंग्लैंड के दौरे के लिए तैयारी कर रही है। जयसूर्या ने इस दौरे से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने ESPNcricinfo के साथ बात करते हुए, बैज़ बॉल और श्रीलंका के पेस अटैक से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखी है।
एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने टेस्ट प्रारूप में इंग्लैंड सहित कई अन्य टीमों के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमणों को ध्वस्त कर दिया, आप बैज़बॉल के बारे में क्या सोचते हैं?
समय के हिसाब से आपको अलग-अलग शैली का खेल देखने को मिलता है। हमारे समय में मैथ्यू हेडन और ऐडम गिलक्रिस्ट भी इसी तरीक़े से खेलते थे। इस शैली में भी उसी तरह से खेल को आगे बढ़ाया जाता है। अभी इसे ऐसे प्रचारित किया जा रहा है कि यह कुछ नया है। वे भले ही शुरू से ही आक्रामक क्रिकेट खेलने की कोशिश करते हैं, लेकिन अंतिम लक्ष्य 300 या 400 के स्कोर तक पहुंचना होता है।
एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो अक्सर अपनी आक्रामकता से विपक्ष को दबाव में रखने का प्रयास करता था, ठीक उसी तरह से जब इंग्लैंड उन पर हमला करेगा तो श्रीलंका क्या कर सकता है?
मुझे लगता है कि पहले दस ओवरों में सबसे अधिक दबाव होगा। यदि आप ऐतिहासिक रूप से देखें, तो वे पहले दस ओवरों में आक्रामक रहे हैं और बोर्ड पर तेज़ी से रन बनाते हैं। इसका मुक़ाबला करने के लिए हमारे पास कुछ योजनाएं हैं। और हम जानते हैं कि वे इसी तरह खेलेंगे।
1998 के बाद यह पहली बार है कि श्रीलंका गर्मियों के अंत में इंग्लैंड खेलने जा रहा है। इससे आपकी टीम को किस हद तक मदद मिलेगी?
हमें गर्मियों के अंत में इंग्लैंड का दौरा करने का मौक़ा मिला है। यह हमारे लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि तब तक उन पिचों पर कई मैच खेल जा चुके होंगे। साथ ही इस समय में वहां अधिक धूप होती है। शुरुआती गर्मियों के दौरों की तुलना में यह हमारी परिस्थितियों के काफ़ी क़रीब है। मैंने यह सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ियों को पता चले कि यह एक बेहतरीन अवसर है।
अंतरिम कोच बनने से पहले आप दिसंबर से हाई परफ़ॉर्मेंस सेंटर में सलाहकार रहे हैं। क्या आप उस भूमिका के बारे में अधिक बता सकते हैं?
जब क्रिस सिल्वरवुड कोच थे, तब मेरा काम क्रिस के साथ परामर्श करना और टीम तय करना, खिलाड़ियों के साथ बातचीत करना और क्रिस के साथ अपना अनुभव साझा करना था। उनका अनुबंध समाप्त होने के बाद मुझे अंतरिम कोच के रूप में भारत दौरे और इंग्लैंड दौरे पर मौक़ा मिला।
भारत के ख़िलाफ़ खेली गई श्रृंखला के दौरान हमारी जिम्मेदारी थोड़ी ज़्यादा थी, क्योंकि उन्होंने पूरी टीम भेजी थी। हमने अपनी ताक़त का समर्थन किया और अपने मज़बूत पक्षों का पता लगाया, फिर उसी हिसाब से रणनीति बनाई गई। मैंने उनके स्वाभाविक खेल को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ, टीम में एक स्वतंत्र माहौल बनाने का प्रयास किया।
हमने उस वनडे सीरीज़ में वास्तव में अच्छा खेल दिखाया और 27 वर्षों में पहली बार भारत को हराया। उस दौरान कुमार संगकारा ने बल्लेबाज़ों के लिए एक कार्यक्रम चलाने के लिए जुबिन भरूचा [राजस्थान रॉयल्स टीम के निदेशक] को भी टीम में लाया और लसिथ मलिंगा भी गेंदबाज़ों को सलाह देने में शामिल थे। मैं संगकारा और मलिंगा का बहुत आभारी हूं। हमें उस तरह सहायता की आवश्यकता है।
इस सीरीज़ में श्रीलंका की मज़बूत पक्ष कौन सा है?
हमारे पास अनुभवी बल्लेबाज़ी क्रम है। दिमुथ करुणारत्ने, कुसल मेंडिस, एंजेलो मैथ्यूज़, धनंजय डीसिल्वा, दिनेश चंडीमल - इन सभी ने बहुत क्रिकेट खेला है। यदि आप छह या सात बल्लेबाज़ों को टीम में खिलाते हैं, तो निश्चित रूप से केवल दो या तीन ही प्रदर्शन करेंगे। अगर उन्हें शुरुआत मिलती है तो उन्हें बड़ी पारी खेलनी होगी। वे जानते हैं कि चुनौतीपूर्ण विकेटों पर उनकी क्या जिम्मेदारी है।
हर किसी को अपना स्वाभाविक खेल खेलना चाहिए, लेकिन एक बार जब आपको वह शुरुआत मिल जाती है, तो कभी-कभी आपको कुछ चीज़ें बदलनी होती है। जब गेंद पुरानी हो जाती है, तब भी यह सीम कर सकती है। हमें इन सब चीज़ों का ध्यान रखना होगा।
इंग्लैंड में ओपनिंग करना अक्सर काफ़ी कठिन होता है, लेकिन आपकी टीम में श्रीलंका का सबसे शानदार टेस्ट ओपनर है।
करुणारत्ने कितने महत्वपूर्ण होने वाले हैं?
वह बहुत मज़बूत मानसिकता वाले खिलाड़ी हैं। वह जानते हैं कि उनकी ताक़त और कमजोरियां क्या हैं और उन्होंने उन पर काम किया है। इस दौरे पर वह कुछ बड़ा कर सकते हैं।
यहां कई खिलाड़ी सिर्फ़ टेस्ट खेलते हैं। क्या इस तथ्य से खिलाड़ियों की भूख और ज़्यादा बढ़ जाती है?
मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि वहां वह भूख बनी रहे। इस तरह के तीन टेस्ट खेलने का मौक़ा आपको आसानी से नही मिलने वाला है। यहां रन बनाना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि भले ही पिचें सपाट हों, फिर भी गेंद स्विंग या सीम करना शुरू कर सकती है। हमें यह जानना होगा कि पिच के साथ कैसे तालमेल बिठाना है।
सीम गेंदबाज़ी में आपकी टीम में उतना अनुभव नहीं दिखता है। हालांकि विश्व फ़र्नांडो ने इस सीज़न यॉर्कशायर के लिए तीन मैच खेले थे। तेज़ गेंदबाज़ी के बारे में आपका क्या सोचना है?
उन्होंने अच्छी तैयारी की है। विश्वा ने बहुत क्रिकेट खेला है, और पिछले कुछ महीनों में उन्होंने इंग्लैंड में जो क्रिकेट खेला, वह उनके लिए शानदार अनुभव रहा होगा। उन्होंने बहुत कुछ सीखा होगा और वह दूसरे गेंदबाज़ों की भी मदद करेंगे। असिता फ़र्नांडो भी यहां खेल चुके हैं। लाहिरु कुमार चोट के बाद यहां आ रहे हैं। अगर हम उनकी लय सही कर लें तो हम बहुत अच्छी स्थिति में होंगे।
इस दौरे के बाद आपकी अपनी क्या योजनाएं हैं? श्रीलंका क्रिकेट फ़िलहाल मुख्य कोच की तलाश कर रहा है...
श्रीलंका क्रिकेट को नए कोच की तलाश होगी। मुझे लगता है कि इस पद के लिए उन्होंने विज्ञापन दे दिया है और अब वे उम्मीदवारों का साक्षात्कार ले रहे होंगे। मैं उस प्रक्रिया में शामिल नहीं हूं। मैं हाई परफ़ॉर्मेंस सेंटर में हूं। एक चीज़ जो मैं करना चाहता हूं वह है अपने बल्लेबाज़ों को लंबे बल्लेबाजी सत्र देना, जिसके बारे में जुबिन ने बात की थी। बल्लेबाज़ों के लिए दो-तीन घंटे बल्लेबाज़ी करना महत्वपूर्ण है। मैं अन्य कोचों के साथ उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहता हूं और अपनी टीम के बल्लेबाज़ी क्रम में सुधार करना चाहता हूं।