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भारतीय टीम के नाम दर्ज हुए कई भुलाने वाले रिकॉर्ड

भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच खेले गए टेस्ट सीरीज़ से जुड़े कुछ अहम आंकड़े

गुवाहाटी में साउथ अफ़्रीका ने अंतिम दिन केवल 48 ओवर में भारत की दूसरी पारी को समेट दिया। इसी के साथ ही मेहमान टीम ने 2-0 टेस्ट सीरीज़ जीत पक्की कर ली, जो भारत में 2000 के बाद उनकी पहली सीरीज़ जीत थी। आइए इस सीरीज़ में बने कुछ रिकॉर्ड पर नज़र डालते हैं
408 रन - गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट में भारत को 408 रनों के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। रनों के हिसाब से यह उनकी अब तक की सबसे बड़ी हार है। यह साउथ अफ़्रीका की टेस्ट क्रिकेट में दूसरी सबसे बड़ी जीत भी है।
3 - यह तीसरी बार जब किसी मेहमान टीम ने क्लीन स्वीप किया है। इससे पहले 2000 में साउथ अफ़्रीका और पिछले साल न्यूज़ीलैंड ने ऐसा किया था।
394 दिन - भारत की दो हालिया घरेलू टेस्ट सीरीज़ हार के बीच का अंतर 394 दिनों का रहा। 2024 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ और 2025 में साउथ अफ़्रीका के खिलाफ भारतीय टीम को हार मिली। सिर्फ़ एक बार भारत ने इतने ही समय से भी कम अंतराल में दो घरेलू सीरीज़ में हार झेली थी। 1958-59 में वेस्टइंडीज़ और 1959-60 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था। उस दौरान हार के बीच का अंतर 367 दिनों का था।

साउथ अफ़्रीका का दबदबा

15.5 - इस सीरीज़ में साउथ अफ़्रीका का गेंदबाज़ी औसत 15.5 रही। यह भारत में किसी टेस्ट सीरीज़ के लिए (निम्नतम दो मैच) दूसरा सर्वश्रेष्ठ है।
यह साउथ अफ़्रीका के गेंदबाजों के लिए भी किसी सीरीज़ का दूसरा सर्वश्रेष्ठ औसत है, जो 2021 में वेस्टइंडीज़ में 13.92 के बाद आता है।
13.04 - इस सीरीज़ में साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ी औसत और बॉलिंग औसत के बीच का फर्क 13.04 रहा। भारत में दो से अधिक मैचों की सीरीज़ों में केवल तीन टीमों ने इससे बड़ा अंतर दिखाया है।। लेकिन पिछले पचास वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ है।

भारत की बेबस बल्लेबाज़ी

201 - गुवाहाटी में भारत ने पहली पारी में 201 रन बनाए। पूरी सीरीज़ में सिर्फ़ इसी बार टीम 200 रन पार कर पाई। दो या उससे ज़्यादा टेस्ट वाली किसी भी सीरीज़ में भारत का सबसे बड़ा स्कोर इतने कम रहना सिर्फ़ दूसरी बार हुआ है। इससे भी कम सबसे बड़ा स्कोर 2002 में न्यूज़ीलैंड में बना था, जब भारत पूरी सीरीज़ में 161 से ज़्यादा रन नहीं बना पाया था।
इस सीरीज़ में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भारत का बल्लेबाज़ी औसत 16.39 रहा, जो किसी टेस्ट सीरीज़ में उनका दूसरा सबसे कम औसत है।

साइमन हार्मर ने भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम को तहस नहस किया

8.94 साइमन हार्मर ने इस सीरीज़ के 17 विकेट लिए और उनका औसत 8.94 रहा, जो साउथ अफ़्रीका के लिए किसी टेस्ट सीरीज़ में सर्वश्रेष्ठ औसत है। साथ ही भारत में किसी भी खिलाड़ी के लिए कम से कम 15 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में दूसरा सर्वश्रेष्ठ है।
27 - भारत में हार्मर ने 27 टेस्ट विकेट लिए हैं। यह साउथ अफ़्रीका के लिए किसी खिलाड़ी द्वारा भारत में सर्वाधिक हैं। भारत में उनका औसत 15.03 है, जो 25 से अधिक विकेट वाले खिलाड़ियों में सर्वोत्तम है।
हार्मर अब 14 टेस्ट में 69 विकेट के साथ साउथ अफ़्रीका के उन स्पिनरों में सबसे आगे हैं जिन्होंने अपने पहले 14 टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लिए हैं।

मारक्रम और यानसन ने कई रिकॉर्ड तोड़े

9 - गोवाहाटी टेस्ट में ऐडन मारक्रम ने 9 कैच लिए, जो किसी टेस्ट मैच में एक फ़ील्डर द्वारा सबसे ज़्यादा कैच का रिकॉर्ड है। इसने अजिंक्य रहाणे के 2015 में गाल में श्रीलंका के ख़िलाफ़ लिए गए आठ कैच का रिकॉर्ड तोड़ा।
10 - ऐसे खिलाड़ियों की संख्या 10 हैं, जिन्होंने टेस्ट की किसी एक पारी में 90 या उससे अधिक स्कोर और छह या अधिक विकेट लिए हैं। एक टेस्ट मैच में इससे पहले मार्को यानसन से पहले यह कारनामा काफ़ी कम ही बार किया गया है। यानसन केवल तीसरे साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ी बने जिन्होंने यह डबल हासिल किया है। 1902 के बाद ऐसा पहली बार हुआ।
11 - टेम्बा बवूमा ने कप्तान रहते हुए अब तक 11 टेस्ट जीते हैं। ख़ास बात यह है कि इन 11 मैचों में उन्हें एक भी हार नहीं मिली। वह अब तक 12 टेस्ट में साउथ अफ़्रीका की कप्तानी कर चुके हैं। उनसे अधिक मैच तक बिना हारे सिर्फ़ चार कप्तान ही टिक पाए थे। रिचर्ड इल्लिंगवर्थ 19 टेस्ट तक, सुनील गावस्कर 18 तक, माइक ब्रियरली 15 तक और माइक स्मिथ 14 टेस्ट तक बिना हार के कप्तानी की थी।
गुवाहाटी टेस्ट बवूमा की कप्तानी में लगातार आठवीं जीत थी। यह 2005 से 2008 के बीच रिकी पोंटिंग की 16 जीतों के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे लंबी जीत की फेहरिश्त है। साउथ अफ़्रीका की तरफ से इससे पहले कोई भी कप्तान छह से ज्यादा लगातार टेस्ट नहीं जीत पाया था।
10.07 - चौथी पारी में बी साई सुदर्शन की स्ट्राइक रेट 10.07 थी। उन्होंने 139 गेंदों पर 14 रन बनाए। टेस्ट में भारत के लिए केवल एक बल्लेबाज़ ने सौ से अधिक गेंदों की पारी में इससे भी धीमी स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की है।
17 - गुवाहाटी में 17 भारतीय बल्लेबाज़ कैच के जरिए आउट हुए। यह किसी भी घरेलू टेस्ट में उनके लिए सबसे ज़्यादा कैच द्वारा आउट होने के बराबर है। भारत की पहली पारी के सभी दस विकेट कैच के जरिए गिरे। घरेलू धरती में ऐसा केवल पांचवीं बार हुआ है।

Sampath Bandarupalli is a statistician at ESPNcricinfo