स्नेह राणा: हमारी टीम ICC ट्रॉफ़ी के काफ़ी क़रीब है
भारतीय ऑलराउंडर ने कहा कि रोहित शर्मा और उनकी टीम की हालिया T20 विश्व कप में जीत ने भारतीय महिला टीम को काफ़ी उत्साहित किया है
PTI
19-Jul-2024
स्नेह का मानना है कि वह वनडे और T20 में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं • Asian Cricket Council
भारतीय महिला टीम की स्पिन गेंदबाज़ी ऑलराउंडर स्नेह राणा का कहना है कि रोहित शर्मा और उनकी टीम की हालिया T20 विश्व कप में जीत ने भारतीय महिला टीम को अपना पहला ICC ट्रॉफ़ी जीतने के लिए काफ़ी उत्साहित किया है।
इस बात में कोई शक़ है कि भारत एक बार फिर शुक्रवार से श्रीलंका में शुरू हो रहे महिला एशिया कप में ख़िताब बरकरार रखने का दावेदार है। हालांकि टीम की असली परीक्षा अक्तूबर में होने वाले T20 विश्व कप और अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप में होगी, जिसकी मेज़बानी भारत करेगा।
भारतीय महिला टीम कई बार ICC टूर्नामेंट के फ़ाइनल में पहुंची है लेकिन वे अंतिम बाधा को पार करने में सक्षम नहीं हो पाई हैं। स्नेह का मानना है कि उनकी टीम ने हालिया समय में काफ़ी मेहनत की है और अब वे एक वैश्विक प्रतियोगिता को जीतने के काफ़ी क़रीब हैं।
स्नेह ने शुक्रवार को एक विशेष साक्षात्कार में PTI को बताया, "भारतीय महिला क्रिकेट टीम को अगर आप पिछले 2-3 सालों को देखें, तो वे एक बेहतरीन फ़ॉर्म में रही है।"
ICC टूर्नामेंट जीतने के संदर्भ में उन्होंने कहा, "अगर आप हमारे पुरुष टीम को देखें तो उन्होंने पिछले 10 सालों से कोई ICC ट्रॉफ़ी नहीं जीती थी लेकिन उन्होंने उस दौरान काफ़ी मेहनत की। "ICC ट्रॉफ़ी जीतने के लिए, पुरुषों की टीम के उदाहरण को लेते हैं, उन्हें ट्रॉफ़ी हासिल करने में लगभग 10 साल लग गए। वे लंबे समय से इसकी तैयारी कर रहे हैं और मेहनत कर रहे हैं। अगर आपको कुछ बड़ा हासिल करना है तो, यह रातों-रात नहीं होगा। इसमें समय लगेगा। इसमें बहुत सारे त्याग करने होंगे और आपको काफ़ी संघर्ष भी करना होगा। हालांकि मुझे पूरा विश्वास है कि हम बहुत जल्द उस मुक़ाम तक पहुंच जाएंगे।"
जब से WPL आया है, हम थोड़े और व्यस्त हो गए हैं। मुझे लगता है कि हम जितना व्यस्त रहेंगे, उतना अच्छा है। WPL आने के बाद क्रिकेट को अधिक एक्सपोजर मिला है। मैच एक्सपोजर हमेशा एक खिलाड़ी के लिए अच्छा होता है। WPL में विदेशी खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना खिलाड़ियों के लिए काफ़ी अच्छा है। देश की नई प्रतिभा और युवा खिलाड़ी महिला क्रिकेट में एक नया बदलाव लाएगी।स्नेह राणा
भारतीय टीम के लिए क्षेत्ररक्षण एक चिंता का विषय रहा है, जिसे समय-समय पर खिलाड़ियों और कोचों ने स्वीकार भी किया है। इस बारे में स्नेह का कहना है कि उनकी टीम इस क्षेत्र में बेहतरी के लिए काफ़ी मेहनत कर रही है।
उन्होंने कहा, "जब मैचों की संख्या ज़्यादा होती है, तो ग़लतियों की संभावना भी अधिक होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई टीम या खिलाड़ी इस मामले में काफ़ी बुरा है। जाहिर है कि जब आप मैदान पर होते हैं, तो आप हमेशा अपने देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हैं। जहां तक ICC ट्रॉफ़ी का सवाल है, हम जितने अधिक मैच हम खेलेंगे, उतना ही अधिक अनुभव हमें मिलेगा।"
हालांकि स्नेह को सफे़द गेंद के प्रारूप में टीम में वापसी करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें एशिया कप अभियान के लिए शामिल नहीं किया गया था।
इस बारे में उन्होंने कहा, "मैं झूठ नहीं बोलूंगी। टीम से बाहर होने के बाद बुरा ज़रूर लगा था। आप हमेशा भारत के लिए खेलना चाहते हैं, चाहे वह टेस्ट क्रिकेट हो या व्हाइट-बॉल क्रिकेट। लेकिन साथ ही, इसने मुझमें अपनी टीम या 50 ओवर के खेल के साथ टी20 प्रारूप में फिर से शामिल होने की भूख पैदा कर दी है। मैं उत्सुकता से उस अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मुझे पता है कि मैं उस प्रारूप में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हूं।"
2014 में पदार्पण करने वाली स्नेह को अपना पहला टेस्ट खेलने के लिए सात साल से अधिक का इंतज़ार करना पड़ा।
स्नेह कहती हैं, "मुझे खु़शी है कि मुझे अपने देश के लिए टेस्ट खेलने का मौक़ा मिला। भारतीय महिला टेस्ट क्रिकेट का परिदृश्य काफ़ी सकारात्मक रूप से बदल रहा है। अब हमें काफ़ी टेस्ट खेलने को मिल रहा है और यह खिलाड़ियों के लिए अच्छा मौक़ा है। साथ ही घरेलू क्रिकेट में बहु-दिवसीय प्रारूप का शामिल होना, BCCI के द्वारा लिया गया एक बड़ा कदम है।"
इसके अलावा स्नेह ने कहा कि विमेंस प्रीमियर लीग ने भारतीय खिलाड़ियों को पहले से ज़्यादा व्यस्त कर दिया है लेकिन इस टूर्नामेंट से खिलाड़ियों को काफ़ी फ़ायदा मिलेगा।
"जब से WPL आया है, हम थोड़े और व्यस्त हो गए हैं। मुझे लगता है कि हम जितना व्यस्त रहेंगे, उतना अच्छा है। WPL आने के बाद क्रिकेट को अधिक एक्सपोजर मिला है। मैच एक्सपोजर हमेशा एक खिलाड़ी के लिए अच्छा होता है। WPL में विदेशी खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना खिलाड़ियों के लिए काफ़ी अच्छा है। देश की नई प्रतिभा और युवा खिलाड़ी महिला क्रिकेट में एक नया बदलाव लाएगी।"