कराची में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ चल रहे पहले टेस्ट में पाकिस्तान के प्लाइंग-XI से बाहर रहे मोहम्मद रिज़वान ने तीसरे दिन टीम को मैदान पर ले जाने में अगुआई की। ख़बर आ रही थी कि नियमित कप्तान बाबर आज़म और दो अन्य खिलाड़ी "वायरल फ़्लू" से पीड़ित थे।
खेल के नियमों के अनुसार कोई सबस्टिट्यूट खिलाड़ी टीम का नेतृत्व नहीं कर सकता है। रिज़वान को फ़ील्डरों को इधर-उधर करते देखा गया था, लेकिन सैद्धांतिक रूप से कोई भी फ़ील्डर ऐसा कर सकता है। टीम प्रबंधन की ओर से शुरू में कहा गया था कि रिज़वान - टीम के मनोनीत उपकप्तान - बाबर की अनुपस्थिति में कार्यवाहक कप्तान थे, लेकिन रिव्यू के लिए पूर्व कप्तान सरफ़राज़ अहमद कप्तानी संभल रहे थे। यह 53वें ओवर के दौरान देखा गया, जब नौमान अली की गेंद डेवन कॉन्वे के पैड पर लगी थी और सरफ़राज़ ने अंपायर के नॉटआउट के फै़सले पर रिव्यू की मांग की और अंपयार को अपना फ़ैसला बदलना पड़ा।
हालांकि तब तक पाकिस्तान के टीम प्रबंधन को बता दिया गया था कि सबस्टिट्यूट को मैदान पर टीम का नेतृत्व करने की अनुमति नहीं थी, और स्पष्ट किया गया कि रिज़वान नहीं बल्कि सरफ़राज़ कार्यवाहक कप्तान थे।
प्रश्नगत कानून - 24.1.2 - कहता है: "सबस्टिट्यूट खिलाड़ी गेंदबाज़ी या कप्तानी नहीं कर सकता, लेकिन अंपायर की सहमति से सिर्फ़ विकेटकीपिंग कर सकता है।"
शान मसूद और आग़ा सलमान अन्य खिलाड़ी थे, जो खेल की शुरुआत में फ़ील्डिंग के लिए नहीं आए। टीम प्रबंधन ने फ़्लू के बारे में सूचित किया और कहा कि वे दिन में बाद में मैदान पर आएंगे। दरअसल, खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही मसूद मैदान में आ गए थे।