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उंगली तुड़वाकर भी इरास्मस रहे नामीबिया के ऐतिहासिक विश्व कप सफ़र के नायक

इरास्मस और वरिष्ठ खिलाड़ी डेविड वीसा चाहते हैं भारत के ख़िलाफ़ अच्छे प्रदर्शन से देश में क्रिकेट और लोकप्रिय खेल बने

Namibia celebrate after they sealed a spot in the Super 12s, Ireland vs Namibia, T20 World Cup, Sharjah, October 22, 2021

आयरलैंड को हराकर सुपर 12 में पहुंची थी नामीबिया  •  ICC via Getty

टी20 विश्व कप से पहले आख़िरी अभ्यास मैच में जब एरार्ड इरास्मस ने फ़ील्डिंग करते हुए अपने दाएं हाथ की चौथी उंगली को चोटिल किया तो उनके पास एक विकल्प था। वह टीम को छोड़कर घर लौटकर सर्जरी करवा कर इस चोट को ठीक होने दे सकते थे या उसी चोट के साथ क्रिकेट खेलते हुए अपनी उंगली को और क्षति पहुंचाने का जोखिम ले सकते थे। उनके लिए यह निर्णय आसान था।
इरास्मस ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "डॉक्टर का कहना था कि मुझे घर लौटकर ऑपरेशन करवाना चाहिए लेकिन मेरे लिए यह कोई विकल्प नहीं था। मैं इंजेक्शन लेकर खेलने के लिए तैयार था।"
इस घटनाक्रम को इरास्मस अच्छे से याद कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "हम स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ फ़ील्डिंग कर रहे थे। थ्रो स्टंप्स के ग़लत छोर पर आई और मैं ओवरथ्रो बचाने गेंद को पकड़ने गया। इतने में मैं स्टंप्स के ऊपर फिसल गया और गेंद आकर मेरी उंगली के सामने की ओर जा लगी।" उन्होंने दिखाया कि उनकी उंगली अभी भी सूजी हुई है, थोड़ी टेढ़ी भी है और नाखून के नीचे का हिस्सा खून के बहाव की वजह से लाल है। देखने में काफ़ी दर्दनाक है लेकिन अब ज़्यादा दर्द नहीं। वह कहते हैं, "मैं ऐसे इंजेक्शन लेता हूं कि इस उंगली में मुझे कोई दर्द का अनुभव नहीं होता। लेकिन मुझे अपने ग्रिप में बदलाव लाना पड़ा है। मैं और उंगलियों पर ज़्यादा ज़ोर देता हूं ताकि शॉट में दम कम ना हो। आपको ऐसे बदलाव करने के लिए मानसिक तौर पर शक्तिशाली होना पड़ता है। शारीरिक तौर पर दर्द नहीं है लेकिन क्रिकेट एक टच का खेल है और आप को नियंत्रण में होना पड़ता ही है।"
इरास्मस के लिए यह टूर्नामेंट सबक से भरपूर रहा है। सबसे बड़ा सबक यही है कि उनकी नामीबिया टीम बड़े मंच पर टक्कर दे सकती है। यह 2019 में वनडे टीम का दर्जा प्राप्त करने वाले देश के लिए एक बड़ी बात है।
टीम के सबसे अनुभवी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी डेविड वीसा का कहना है, "सहयोगी (एसोसिएट) वर्ग अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से शायद एक वर्ग नीचे है। हमारे लिए इस दर्जे पर कई चीज़ें नई लगती हैं। यहां तेज़ गेंदबाज़ 145 से अधिक गति से गेंदबाज़ी करते हैं और स्पिन गेंदबाज़ों के पास काफ़ी विविधता होती है। ऐसा सहयोगी वर्ग में नहीं होता तो ऐसे में आपको संदेह होता है कि आप ख़ुद को संभाल पाएंगे या नहीं।"
नामीबिया के लिए सुपर 12 में प्रवेश करने के लिए इस मानसिकता को बदलना था। साउथ अफ़्रीका के लिए खेल चुके पीएसएल के सुपरस्टार वीसा को इस प्रक्रिया का भाग होना ही था। इरास्मस ने कहा, "वीसा ने हमारे खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भरा। वह ख़ुद अपने ऊपर दबाव ले लेते हैं ताकि बाक़ी खिलाड़ी आज़ादी से खेल सकें। उन्होंने हमें समझाया कि हम बाबर आज़म और शाहीन शाह अफ़रीदी से डटकर मुक़ाबला कर सकते हैं।"
इरास्मस बातों बातों में आफ़्रीकांस भाषा का प्रयोग करते हैं और यह नामीबिया के रोचक इतिहास पर एक छोटी सी टिप्पणी है। ब्रिटेन और जर्मनी के शासन में रह चुके इस देश को साउथ वेस्ट अफ़्रीका भी कहा जाता था और 1990 तक यहां साउथ अफ़्रीका का शासन था। साउथ अफ़्रीका के नस्लवादी अपार्थाइड नियम भी यहां लागू होते थे। देश के सर्वश्रेष्ठ संसाधन अल्पसंख्यक श्वेत समुदाय के लिए उपलब्ध थे और इस बात को आप क्रिकेट टीम में भी देख सकते हैं।
नामीबिया के मुख्य दल में सिर्फ़ तीन अश्वेत खिलाड़ी हैं - पिकी या फ़्रांस, ज़ेन ग्रीन और बेन शिकांगो। अगर आप 15 सदस्यीय दल के बाहर देखें तो मॉरिशस निगुपिता एक चौथे अश्वेत खिलाड़ी के रूप में मौजूद हैं, लेकिन इरास्मस मानते हैं कि बहुत कुछ बदलना बाक़ी है। वह कहते हैं, "मैं नामीबिया टीम से 16 साल की उम्र से जुड़ा हूं और पिकी या फ़्रांस जैसे खिलाड़ी का आगे बढ़ना मुझे बहुत प्रोत्साहित करता है। उन्होंने एक प्रेरणास्रोत का काम कई सालों तक किया है और अब बेन और मॉरिशस जैसे युवा खिलाड़ी भी इसमें शामिल हैं। हमें ऐसी टीम बनानी है जिससे अधिक नामीबियाई जुड़ सकें। अगर हम अच्छा क्रिकेट खेलेंगे तो क्रिकेट सिर्फ़ श्वेत जनगणना का खेल नहीं रहेगा।"
क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए देश में संसाधन भी बढ़ाने होंगे। क्रिकेट को राजधानी विंडहोक के बाहर ले जाना होगा। फ़िलहाल क्रिकेट टीम अपने सारे मैच यहीं खेलती है और देश में पांच में से चार क्लब यहीं बसे हैं। देश के उत्तर में ओवाम्बो क्षेत्र में आबादी काफ़ी ज़्यादा है और गेम को वहां पहुंचाने की ज़रूरत है। संसाधन बनाने के लिए पैसों की ज़रूरत पड़ेगी और वनडे दर्जा अर्जित करने के बाद देश में आईसीसी के फ़ंडिंग में भी इज़ाफ़ा हुआ है। साथ ही सुपर 12 में क्वालीफ़ाई करते ही एक भारतीय कंपनी ऐबको टीम के मुख्य प्रायोजक बन गए।
वीसा का कहना है, "भारत और पाकिस्तान जैसी बड़ी टीमों के साथ खेलने का यही फ़ायदा है। एक अच्छे प्रदर्शन से आपका जीवन बदल सकता है।" वीसा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। उन्होंने साउथ अफ़्रीका के टीम से संन्यास लेते हुए 2017 में कोलपैक अनुबंध साइन किया सोचकर कि फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में मौक़े मिलेंगे। पहला सीज़न कुछ ख़ास नहीं था लेकिन दूसरे सीज़न के अंत में कार्लोस ब्रैथवेट वेस्टइंडीज़ टीम के साथ जुड़े तो उन्हें लाहौर क़लंदर्स में शामिल किया गया। वह याद करते हैं,
"मैंने अपना पहला मैच शारजाह में खेला और एबी (डीविलियर्स) और मेरे बीच बड़ी साझेदारी हुई और मैने आख़िरी गेंद पर छक्का मारकर मैच जीता। उसके बाद टी10 और बीपीएल में खेलने के मौक़े आने लगे।"
इस सफ़र ने वीसा को पांच साल बाद सफलता का आयाम दिखायाा उन्‍होंने कहा, "जब मैं छोटा था तब मैं छुट्टियों में नामीबिया जाता था। मेरे परिवार के सदस्य हेंटीज़ बे में एक बड़े घर में रहते थे। जैसे मैं बड़ा होता गया और क्रिकेट मेरे जीवन का हिस्सा बनता रहा मेरे लिए जाना मुश्किल हुआ। लेकिन अभी भी वहां मेरे कई परिवार वाले नामीबिया में रहते हैं।"
वीसा 2022 तक नामीबिया क्रिकेट से अनुबंध कर चुके हैं। उनकी टीम का वनडे दर्जा भी उस साल तक है। वीसा टी10 और पीएसएल भी खेलेंगे लेकिन वह नामीबिया के साथ निरंतर खेलना चाहते हैं। नामीबिया ने 2022 टी20 विश्व कप में भी जगह बनाई है और वीसा वहां भी खेलना चाहेंगे। वह कहते हैं, "हमने सिद्ध किया है कि हम एसोसिएट देशों में सबसे बेहतर हैं जब हमने स्कॉटलैंड को भी हराया। इस टूर्नामेंट के दौरान मैंने खिलाड़ियों में सुधार भी देखा है।"
देश के राष्ट्रपति डॉक्टर हागे गेंगौब ने भी स्कॉटलैंड पर जीत पर ख़ुशी व्यक्त की और उनकी भविष्यवाणी थी कि अफ़ग़ानिस्तान को भी हराया जाएगा। ऐसा हुआ नहीं लेकिन अन्य मैचों में टीम ने बड़े देशों का डटकर मुक़ाबला किया। इरास्मस ने कहा, "मेरे लिए पाकिस्तान के विरुद्ध हमारा मैच एक यादगार मुक़ाबला था। हम शायद 40 में से 30 ओवरों तक मैच में बने हुए थे। हमने गेंदबाज़ी में पावरप्ले और फिर 10-11 ओवर्स तक उन्हें रोका। और हमने बल्ले से भी अच्छा प्रयास किया। भले ही हम चेज़ में आख़िर तक नहीं बने रह पाए, लेकिन उस मैच के बाद हमारे खिलाड़ियों को यह लगा कि हम विश्व के बेहतरीन खिलाड़ियों के मुक़ाबला कर सकते हैं।"
मैच के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ी नामीबिया के ड्रेसिंग रूम में उन्हें प्रोत्साहित करने भी आए। वीसा को इस बात का पता था क्योंकि पाकिस्तान मैनेजर लाहौर की टीम के साथ भी जुड़े हैं। उन्होंने कहा, "दोनों टीमों के बीच दोस्ताना अंदाज़ देखने लायक था। जब हमारे खिलाड़ी मोहम्मद हफ़ीज़ और अफ़रीदी जैसे खिलाड़ियों से बातचीत कर रहे थे तो बहुत अच्छा लग रहा था। पाकिस्तान के खिलाड़ी हर विपक्षी ड्रेसिंग रूम में नहीं आते। आप को अपनी विपक्षी टीम से इज़्ज़त कमानी पड़ती है और इस से हमारे खिलाड़ियों को काफ़ी प्रेरित होना चाहिए।"
इस टूर्नामेंट में नामीबिया ने कई बार इतिहास रचा। आयरलैंड को हराकर सुपर 12 पहुंचने में उन्होंने पहली बार एक फ़ुल सदस्य पर जीत दर्ज की। उस मैच में 22 रन पर दो विकेट लेने और 14 गेंदों में नाबाद 28 बनाने पर वीसा को प्लेयर ऑफ़ द मैच नियुक्त किया गया। लेकिन उन्होंने पुरस्कार लेते हुए कहा कि इसके असली हक़दार थे अविजित 53 रन बनाने वाले इरास्मस। अपने कप्तान के बारे में वीसा कहते हैं, "वह इस टीम की जान और रीढ़ की हड्डी हैं। एक 26 वर्षीय खिलाड़ी के लिए उनमें बहुत ज़्यादा परिपक्वता है। वह अपने उदाहरण से कप्तानी करते हैं और शायद एसोसिएट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं।"
विश्व कप में टीम के लिए सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में इरास्मस केवल वीसा से नीचे आते हैं। और यह उन्होंने टूटी हुई उंगली के साथ कर दिखाया है। इरास्मस टीम के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक भी हैं लेकिन फ़ील्डिंग करते हुए अगर उनकी चोट और गहरी हो रही है तो इंजेक्शन के वजह से शायद उन्हें यह पता भी नहीं चल रहा। वह कहते हैं, "यह एक जोखिम है जो मुझे लेना है। विश्व कप एक बड़ा मंच है और यहां का सफ़र हमें जीवन भर याद रहेगा। मैं शायद सर्जरी अगले हफ़्ते करवा लूंगा पर मुझे पता नहीं डॉक्टर क्या कहेगा। लेकिन मुझे विश्वास है मुझे अपनी उंगली खोनी नहीं पड़ेगी।"

फ़ि‍रदौस मूंडा ESPNcricinfo में साउथ अफ़्रीका की संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।