1983 विश्व कप मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट था : सचिन
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ पहला वनडे भारत को 1000वां वनडे अंतर्राष्ट्रीय होगा
नागराज गोलापुड़ी
05-Feb-2022

सचिन ने भारत के लिए 463 वनडे खेले हैं • Getty Images
भारत के लिए वनडे में पहला छक्का किसने लगाया था?
सचिन तेंदुलकर ने पहले अजीत वाडेकर का नाम लिया। लेकिन बाद में उन्होंने सुनील गावस्कर का सही नाम लिया, जिन्होंने 1974 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लीड्स में भारत के पहले वनडे में भारत का पहला वनडे छक्का लगाया था। इस मैच में भारत को चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। रविवार को भारत को अपना 1000वां वनडे मैच खेलना है और वह ऐसा करने वाली दुनिया की पहली टीम होगी।
सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए सर्वाधिक 463 वनडे खेले हैं। शुक्रवार को उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण मैचों की चर्चा की, जिसने भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा ही बदल दी।
1983 विश्व कप फ़ाइनल : सचिन के लिए 1983 विश्व कप फ़ाइनल भारत के लिए अब तक का सबसे बड़ा मैच है, जब भारत ने वेस्टइंडीज़ को हराकर पहली बार विश्व कप जीता था। सचिन के लिए यह 'टर्निंग प्वाइंट' था। "उस जीत ने मुझे काफ़ी प्रेरित किया था। उससे पहले हम मज़े के लिए ही क्रिकेट खेलते थे। इस जीत के बाद मैं एक लक्ष्य लेकर क्रिकेट खेलने लगा।"
1983 विश्व कप जीतने के बाद लॉर्ड्स में कपिल देव•PA Photos
सचिन के लिए जीवन का दूसरा महत्वपूर्ण मैच 2011 विश्व कप फ़ाइनल नहीं बल्कि 1997 का स्टैंडर्ड कप का भारत-ज़िम्बाब्वे मैच था। भारत को उस मैच को जीतने के लिए 40.5 ओवर में 241 रन की ज़रूरत थी, ताकि वह साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध फ़ाइनल खेल सके।
सचिन बताते हैं, "ज़िम्बाब्वे उस मैच से पहले हमसे दो अंक से आगे थे। हमको ना सिर्फ़ मैच जीतना था बल्कि अच्छे रन रेट से जीतना था। ज़िम्बाब्वे उस समय अच्छी टीम भी हुआ करती थी, पिच पर मोटी घास की परत थी। इसलिए वह मैच जीतना मेरे लिए काफ़ी महत्वपूर्ण था।"
सचिन के नाम सर्वाधिक 49 वनडे शतक हैं। 12 साल पहले उन्होंने वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतकभी ठोका था। सचिन उस पारी के बारे में कहते हैं, "रिकॉर्ड बस बन जाते हैं। मैं अपने सपने में भी दोहरे शतक के बारे में भी नहीं सोचा था। उस सुबह मेरे शरीर में बहुत दर्द था। मैं फ़िज़ियो के साथ उनके टेबल पर था और कह रहा था कि अगर हम यह मैच जीत जाते हैं, तो मैं अगला मैच नहीं खेलूंगा। मैं मैदान पर दर्द की गोलियां लेकर उतरा था। लेकिन एक बार मैं जब मैदान में उतरा तो यह सब बाद की बातें हो गईं।"
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के दया सागर ने किया है